प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में सुख-समृद्धि, धन-वैभव और मान-सम्मान की चाह रखता है। ऐसे में वह हर सुबह जल्दी उठता है, स्न्नानादि के बाद भगवान की पूजा करता है ताकि उसके जीवन के हर पहलु में भगवान उसका साथ दे। उसकी सभी बाधाओं को दूर करें और उसके जीवन को खुशियों से भर दें। बेशक, भाग्य भगवान के हाथ में है, लेकिन हमें यह समझने की जरूरत है, "भगवान उनकी ही मदद करते हैं जो खुद की मदद करते हैं"। इसका मतलब है कि आपको पहला कदम स्वयं ही उठाना होगा, आपको यह तय करना होगा कि आप क्या चाहते हैं और एक बार जब आपने अपना मन बना लिया, तो भगवान आपको सफलता का मार्ग अवश्य दिखाते हैं। हमेशा याद रखें किस्मत आपका साथ तभी देगी जब आप मेहनत करेंगे।
निस्संदेह, 21वीं सदी में रहने के बाद भी हम आज भी ज्योतिष में विश्वास करते हैं। भारत एक ऐसा देश है जहां लोग अक्सर ज्योतिष और ज्योतिषियों में विश्वास करते हैं खासतौर पर जब यह भाग्य प्राप्त करने की बात आती है। उदाहरण के लिए, हम अक्सर धन को आकर्षित करने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। हर किसी के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब हम अपने लाभ के लिए कुछ ज्योतिषीय उपायों का उपयोग करते हैं। माना जाता है कि इन युक्तियों या उपायों में हमारी समस्याओं को हल करने की शक्ति होती है। वास्तव में, यह कुछ हद तक सच है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित होता है। आज बात करते हैं शनिवार की, यह दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है। कहा जाता है कि शनिदेव हर मनुष्य की उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। अगर आप अच्छे कर्म करते हैं तो आपको वह सुख समृद्धि, धन-वैभव सबकुछ देते हैं लेकिन जो लोग बुरे कर्म करते हैं उन्हें वह दंडित भी करते हैं। ऐसे में शनिवार के दिन शनिदेव की विधि विधान से पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही जिन लोगों पर शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती चल रही होती है उन्हें भी राहत मिलती है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में प्रबल शनि जात को कर्मठ, कर्मशील और न्यायप्रिय बनाता है। शनि की कृपा से जातक अपने कार्यक्षेत्र में सफलता की प्राप्ति करता है। वहीं जिन जातकों की कुंडली में शनि पीड़ित व नीच स्थान में हो तो जातक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि शनि दोष को कम करने के लिए शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से आपके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। कॉल पर भारत के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी आपको शनिवार को भाग्यशाली बनाने के बारे में और बताएंगे!
शनिवार के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे कच्चे दूध व पानी को चढ़ाने और सरसों के तेल का दीपक जलाने से लाभ होता है।
इस दिन किसी गरीब को सरसों का तेल दान करना शुभ माना जाता है।
शनिवार के दिन लाल चंदन का तिलक लगाना शुभ माना जाता है।
यदि इस दिन नीलम धारण किया जाए तो निःसंदेह व्यक्ति का जीवन धन से भर सकता है।
अगर कुंडली में शनि अच्छा नहीं है तो किसी भी मंदिर में काला तिल, सरसों का तेल दान करें, इस दिन शनि शांति पूजा भी की जाती है।
अगर आप कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं तो हो सके तो शनिवार के दिन से शुरू करें।
शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए इस दिन हनुमानजी की पूजा करें। हनुमानजी को चोला चढ़ाएं और बेहतर जीवन के लिए प्रार्थना करें।
शनिवार के दिन काले कुत्ते को घी लगी रोटी या बिस्किट जरूर खिलाएं।
इस दिन उड़द दाल की खिचड़ी खाने से शनि दोष को कम किया जा सकता है।
शनिवार के दिन शमी या पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
शनिदोष को दूर करने के लिए शनिवार को शनि मंत्रों का जाप करना चाहिए।
अगर आपका प्रत्येक शनिवार खराब जा रहा हो तो आपको शनिवार के दिन शनि मंदिर जरूर जाना चाहिए।
और मंदिर में शनि देव को सरसों के तेल अर्पित करना चाहिए।
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ज्योतिष के अनुसार शनिवार के दिन पश्चिम दिशा की यात्रा से बचना अच्छा है अन्यथा व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
शनिवार के दिन मांस-मदिरा का सेवन करना वर्जित है।
इस दिन तेल, लकड़ी, कोयला, नमक, काला तिल, चमड़े के जूते, झाड़ू और लोहे की कोई भी वस्तु को खरीदना अशुभ माना जाता है।
शनिवार के दिन किसी भी लड़के को अपने ससुराल नहीं जाना चाहिए।
शनिवार के दिन खाने में तेल का सेवन करना वर्जित है।
यह लेख सामान्य जानकारियों पर आधारित है। अगर आप अपनी कुंडली के अनुसार शनिवार को व्रत करना चाहते हैं तो एस्ट्रोयोगी के अनुभवी एस्ट्रोलॉजर्स से परामर्श करें।
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