बसंत पंचमी पर बने रहे शुभ संयोग, कार्यों में दिलाएंगे सफलता

Thu, Feb 03, 2022
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Thu, Feb 03, 2022
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
बसंत पंचमी पर बने रहे शुभ संयोग, कार्यों में दिलाएंगे सफलता

बसंत पंचमी को बसंत के आरंभ का प्रतीक माना जाता हैं और इस दिन देवी सरस्वती का पूजन फलदायी साबित होता हैं। कब और किस मुहूर्त में करें बसंत पंचमी की पूजा? क्यों विशेष हैं बसंत पंचमी 2023? जानने के लिए पढ़ें।

विद्या और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती को समर्पित होता है बसंत पंचमी का त्यौहार जो हर साल देश भर में अत्यंत भक्तिभाव एवं श्रद्धा से मनाया जाता है। इस दिन माता सरस्वती का पूजन ज्ञान, वाणी, बुद्धि, विवेक, विद्या और सभी कलाओं से परिपूर्ण होने के लिए किया जाता है। यह दिन विशेष रूप से शिक्षा और कला से सम्बंधित लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है इसलिए यह दिन नई विधा, कला, संगीत आदि सीखने के लिए श्रेष्ठ माना गया है। 

बसंत पंचमी का दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का अवतरण दिवस होता है। मां सरस्वती के प्राकट्योत्सव दिवस के रूप में मनाया जाने वाला बसंत पंचमी का पर्व इस वर्ष 5 फरवरी,शनिवार को मनाया जाएगा। बसंत पंचमी के त्यौहार को बागीश्वरी जयंती और श्रीपंचमी के नाम से भी जाता है। इस दिन माँ अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं।

बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का मुहूर्त 

माता सरस्वती की आराधना के लिए बसंत पंचमी का दिन सर्वश्रेष्ठ होता है। देवी के भक्तों द्वारा बसंत पंचमी का पर्व भारत सहित दुनियाभर में धूमधाम से मनाया जाएगा जो बसंत ऋतु के आगमन का सूचक होता है। इस दिन से शीत ऋतु की समाप्ति और बसंत ऋतु का आरम्भ होता है। बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती का पूजन शुभ मुहूर्त में करना जातक के लिए फलदायी होता हैं। इस दिन कामदेव की भी पूजा करने का भी विधान है। 

देवी सरस्वती पूजा मुहूर्त:

बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त: प्रातःकाल 07:11 मिनट से दोपहर 12.41 मिनट तक।

पूजा अवधि- 05 घंटे 30 मिनट रहेगी।

पंचमी तिथि का आरंभ: 05 फरवरी, शनिवार को सुबह 03.47 मिनट पर,

पंचमी तिथि की समाप्ति: 06 फरवरी, रविवार को सुबह 03.46 मिनट। 

बसंत पंचमी पूजा मंत्र

बसंत पंचमी के शुभ दिन पर मां सरस्वती का ध्यान लगाकर नीचे दिए मंत्र का जाप करें।

'ह्रीं वाग्देव्यै ह्रीं ह्रीं' 

ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः

बसंत पंचमी पर कैसे करें देवी सरस्वती को प्रसन्न, जानने के लिए अभी परामर्श करें एस्ट्रोयोगी पर देश के प्रसिद्ध ज्योतिषियों से

बसंत पंचमी पर बन रहा शुभ संयोग 

ज्योतिष के अनुसार, बसंत पंचमी पर मकर राशि में सूर्य और बुध ग्रह एक साथ मौजूद होगें जो बुद्धादित्य योग का निर्माण कर रहे है। बुद्धादित्य योग के साथ ही इस दिन सभी नवग्रह चार राशियों में स्थिति होंगे जिसके कारण केदार योग बन रहा है। ज्योतिषाशास्त्र में केदार योग और बुद्धादित्य को अत्यंत शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी पर बुद्धादित्य योग का संयोग भक्तों के लिए और भी लाभदायक सिद्ध होता है क्योंकि बुध ग्रह को वाणी,संचार और बुद्धि कौशल का कारक माना गया है। बसंत पंचमी के दिन ज्ञान और बुद्धि की देवी सरस्वती की पूजा इस योग में करना कल्याणकारी साबित होगा।

बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का महत्व

सनातन धर्म में बसंत पंचमी का दिन शिक्षक और छात्रों के लिए विशेष होता है। भगवान कृष्ण ने स्वयं गीता में बसंत पंचमी के पर्व की विशेषता की वर्णन करते हुए कहा है कि समस्त छह ऋतुओं में वसंत ऋतुराज सबसे पूजनीय है क्योंकि इस अवसर पर प्रकृति अपना सुन्दर रूप धारण करती है, जिससे वातावरण में चारों तरफ हरियाली छा जाती है। यही वजह है कि इस दिन ज्ञान व विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा द्वारा भक्तों को उनसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं। बसंत पंचमी पर ही विद्यारंभ समारोह का आयोजन करना भी अति शुभ माना गया है। 

साल 2023 में बसंत पंचमी पर बन रहे है कई शुभ योग 

बसंत पंचमी के दिन विवाह के लिए भी उत्तम योग बनता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विवाह के लिए सर्वश्रेष्ठ संयोग और अबूझ मुहूर्त का निर्माण होता है। अबूझ विवाह मुहूर्त से तात्पर्य उन जोड़ों से हैं जिनको विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा है, वो निसंकोच बसंत पंचमी के दिन विवाह कर सकते हैं। बसंत पंचमी तिथि पर अमृत सिद्धि योग भी होता है और इस दौरान मांगलिक कार्य जैसे मुंडन संस्कार,नई विद्या आरंभ करना, नया कार्य आरंभ करना, गृह प्रवेश, अन्नप्राशन संस्कार या किसी भी शुभ कार्य करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।

  1. शिव योग- इस वर्ष बसंत पंचमी का शुभारंभ शिव योग में होगा. दरअसल 25 जनवरी को सायं 06:15 से लेकर अगले दिन यानी 26 जनवरी को दोपहर 03:29 तक शिव योग रहेगा. 

  2. सिद्ध योग- बसंत पंचमी पर शिव योग के समाप्त होते ही सिद्ध योग शुरु हो जाएगा. सिद्ध योग 26 जनवरी को दोपहर 03:29 से लेकर अगले दिन यानी 27 जनवरी को दोपहर 01:22 तक रहेगा. 

  3. सर्वार्थ सिद्धि योग- बसंत पंचमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग सायं 06:57 से लेकर अगले दिन यानी 27 जनवरी को प्रात 07:12 मिनट तक रहेगा. 

  4. रवि योग: बसंत पंचमी पर रवि योग भी बन रहा है. इस दिन सायं 06:57 मिनट से लेकर अगले दिन प्रात 07:12 तक रवि योग रहेगा.

बसंत पंचमी के दिन क्या करें और क्या न करें?

  • बसंत पंचमी पर ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक होता है।

  • बसंत पंचमी के दिन बिना स्नान किए भोजन करने से बचना चाहिए।

  • बसंत पंचमी पर मांस-मदिरा के सेवन से बचना चाहिए।

  • इस दिन पितृ तर्पण भी करना चाहिए। 

  • इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को धारण करने से बचें, यदि संभव हो तो पीले वस्त्र धारण करें।

  • बसंत पंचमी पर किसी भी व्यक्ति को अपशब्द बोलने से बचना चाहिए।

  • इस दिन अपशब्दों और झगड़े से भी दूर रहना चाहिए।

  • बसंत पंचमी के अवसर पर पेड़-पौधे काटने से बचें।

  • ऐसी पौराणिक मान्यता है कि सुबह की शुरूआत अपनी हथेलियों को देखकर करनी चाहिए। इस दिन सुबह हथेली देखकर देवी सरस्वती का ध्यान करें।

  • ऐसा कहा जाता हैं कि बसंत पंचमी पर जिन बच्चों को वाणी सम्बंधित समस्या है जैसे हकलाने या तुतलाने आदि। उन्हें बांसुरी के छेद को शहद से भरकर मोम से बांसुरी को बंद बनता चाहिए। इसके बाद बांसुरी को जमीन में गाड़ दें।

एस्ट्रोयोगी परिवार की तरफ से आप सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

विवाह मुहूर्त 2023 | गृह प्रवेश मुहूर्त 2023 | अन्नप्राशन मुहूर्त 2023 | नामकरण मुहूर्त 2023

article tag
Hindu Astrology
Vedic astrology
Pooja Performance
article tag
Hindu Astrology
Vedic astrology
Pooja Performance
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!