कब है फादर्स डे? क्यों मनाया जाता हैं ये दिन, जानिए

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कब है फादर्स डे? क्यों मनाया जाता हैं ये दिन, जानिए

Father's Day 2023: हर साल फादर्स डे को बहुत धूमधाम से भारत सहित दुनियाभर में मनाया जाता हैं जो पिता को समर्पित होता हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं क्यों मनाया जाता है फादर्स डे? 2023 में कब है फादर्स डे, जानने के लिए पढ़ें।

"पिता" शब्द का अगर हम अर्थ जानना चाहेंगे, तो शायद हमारी ज़िंदगी कम पड़ जाएगी। पिता वह शख्स होता है जिसकी ऊँगली पकड़कर हम अपना पहला कदम उठाते है, जो जीवन की कड़ी धूप में हमें ठंडी छाया प्रदान करते है इसलिए किसी भी बच्चे के जीवन में पिता की अहमियत माँ से कम नहीं होती है। अपने पिता के प्रति प्रेम एवं आदर प्रकट करने के लिए फादर्स डे का दिन सबसे ख़ास होता है जो पूर्णतः पिता को समर्पित होता है। आइये जानते है फादर्स डे से जुड़ीं सभी जानकारी के बारे में। 

कब है फादर्स डे 2023 ?

एक पिता हर बच्चे का आदर्श होते है जो हर साल भारत सहित दुनियाभर में उत्साह एवं धूमधाम से मनाया जाता है। फादर्स डे को भारत में प्रतिवर्ष जून के महीने में आने वाले तीसरे रविवार को मनाया जाता है। इस साल फादर्स डे 18 जून, रविवार को मनाया जाएगा। यह दिन पूर्ण रूप से सभी पिताओं को समर्पित होता है। आपके पिता सिर्फ पिता न होकर बल्कि हर संतान के दोस्त, रक्षक, रोल मॉडल, गाइड और हीरो भी होते है।

फादर्स डे कब से और क्यों मनाया जाता है?

फादर्स डे को मनाने का आरंभ 19 जून को 1910 में हुआ था और इस दिन को मनाने का श्रेय सोनेरा डोड को जाता है। फादर्स डे के पीछे एक बड़ी ही रोचक कहानी का वर्णन मिलता है जो इस प्रकार हैं:

कहा जाता है कि सोनेरा डोड जब छोटी थी, तब उनकी माँ का साया उनसे ऊपर से उठ गया था इसलिए उन्हें कभी अपने जीवन में माँ का प्यार नहीं मिला। ऐसे में, इनकी पालन-पोषण की जिम्मेदारी उनके पिता के कंधों पर आ गई। सोनेरा डोड के पिता विलियम स्मार्ट ने सोनेरा को कभी भी अपने जीवन में माँ की कमी का अहसास नहीं होने दिया, उन्होंने सोनेरा को एक पिता के साथ-साथ माँ का भी प्यार-दुलार दिया।

साल 1909 में, स्पोकाने (स्‍पोकान) के चर्च में मदर्स डे के मौके पर उपदेश दिया जा रहा था जिसके उपरांत सोनेरा डोड के मन में ये ख्याल आया कि जब मदर्स डे मनाया जाता है तो फादर्स डे क्यों नहीं? इसी के बाद से, इस विचार को सोनेरा डोड ओल्ड सेंटेनरी प्रेस्बिटेरियन चर्च के पादरी डॉक्टर कोनराड ब्लुह्म की मदद से स्पोकाने (स्‍पोकान) वाईएम्सीए (वाईएमसीए) के पास ले गईं, जहां स्पोकन वाईएमसीए और मिनिस्टीरियल अलायंस ने सोनेरा डोड के इस प्रस्ताव का खूब समर्थन किया और इसी के बाद, वर्ष 1910 में पहली बार फादर्स डे को मनाया गया।

इसके अलावा, अमेरिका के वर्जीनिया राज्य में फादर्स डे को पहली बार 5 जुलाई 1908 के दिन मनाया गया था। इस विशेष दिन को उन 361 पुरुषों की स्मृति में मनाया गया था जिनकी मृत्यु दिसंबर 1907 में एक कोयला खदान में विस्फोट से हो गई थी। इसके पश्चात वर्ष 1972 में, राष्ट्रपति निक्सन के शासनकाल के दौरान पितृ दिवस या फादर्स डे को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता दी गई। इस दिन ये निश्चित हुआ था कि जून महीने में आने वाले तीसरा रविवार को प्रतिवर्ष पिता दिवस के रूप में मनाया जायेगा।

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कैसे मनाया जाता है फादर्स डे? 

एक पिता अपने बच्चे को अपने पैरों पर खड़ा देखकर सबसे ज्यादा खुश होता हैं लेकिन पिता और बच्चे के रिश्ते को जीवन की छोटी-छोटी खुशियां और भी गहरा बना देती हैं। अपने पिता के सामने अपनी भावनाओं और प्रेम का इज़हार करने के लिए और अपने पिता को खुश करने के लिए फादर्स डे को इस तरह से मना सकते है –

  • फादर्स डे के दिन आप अपने पिता को कार्ड, गिफ्ट और फूल उपहार के रूप में दे सकते हैं। 

  • अगर आप चाहें, तो आप अपने पिता के कमरे को सुंदर तरीके से सजा सकते हैं। 

  • आप अपने फादर के लिए घर में एक केक बना सकते हैं या बाजार से भी खरीदकर ला सकते हैं। 

  • आप अपने पिता के लिए उनके पसंद का कोई व्यंजन बना सकते हैं। 

  • इस दिन सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आप अपने पिता को धन्यवाद कहना न भूलें। 

ज्योतिष में कौन सा ग्रह कारक हैं पितृ सुख के लिए? 

अगर हम फादर्स डे पर पिता के समर्पण, प्रेम और त्याग की बात कर रहे हैं, तो चलिए ये भी जानते हैं कि वैदिक ज्योतिष में कौन सा ग्रह या ग्रहों की विशेष स्थितियाँ जिम्मेदार होती हैं पैतृक सुख के लिए। हमने कई बार देखा है कि कुछ लोगों को अपने जीवन में कभी भी पिता का सुख या तो मिलता नहीं है, या अगर मिलता भी है तो कम समय में ये सुख उनसे छिन जाता है। आइये जानते हैं, इस मुद्दे पर ग्रहों की स्थिति के आधार पर किये गए एक ज्योतिषीय विश्लेषण के बारे में।

पिता और संतान के बीच रिश्ते को ये ज्योतिषीय कारक करते हैं प्रभावित

मज़बूत स्थिति सूर्य की

सूर्य देव को ग्रहों का राजा माना जाता हैं जो व्यक्ति की कुंडली में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सूर्य न सिर्फ व्यक्ति की आत्मा, आत्मविश्वास और जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है बल्कि यह किसी भी इंसान को उसके पिता के साथ संबंधों को भी दर्शाता है। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत है तो इसका अर्थ है कि उस इंसान के पिता अपने बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, साथ ही उस बच्चे ने अपने पिता से कई गुणों को ग्रहण किया हैं।

कब होता है कुंडली में सूर्य मजबूत? 

  1. जब सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में स्थित हो।

  2. अगर सूर्य अपनी स्वयं की राशि में हो।

  3. यदि सूर्य आपकी कुंडली के केंद्र यानि 1,4,7,10 वे और त्रिकोण घरों अर्थात 5,9 वे घर में फलदायी स्थिति में मौजूद है।

  4. अगर सूर्य, बुध, बृहस्पति और शुक्र जैसे शुभ ग्रहों के साथ युति में है।

  5. अगर यह अशुभ घरों (6, 8, 12) में स्थित नहीं है और न ही शनि, राहु और केतु जैसे पाप ग्रहों के साथ है।

जब सूर्य हो कमज़ोर

यह बात तो हम जान ही चुके हैं कि कैसे सूर्य की स्थिति बच्चे में आत्मविश्वास, बच्चे की परवरिश और मनोबल बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। ऐसे में, यदि किसी की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में हो, तो यह इस बात को ज़ाहिर करता है कि अपने पिता के साथ बच्चा सही तरीके से संबंध स्थापित करने में असफल रहा है। 

कब बनती है कमजोर सूर्य की स्थिति कुंडली?

  1. कुंडली में सूर्य कमज़ोर स्थिति में हो।

  2. यदि सूर्य 6, 8 या 12 वे में हो या इन घरों के स्वामी के साथ युति में हो। 

  3. अगर सूर्य “पाप कर्तरी” योग में है, इसका मतलब सूर्य के दोनों तरफ पाप ग्रह विराजमान हों।

  4. जब  सूर्य शनि, राहु एवं केतु आदि अशुभ ग्रहों के साथ या उनके पहलू में है।

कैसे करें अपने पिता के साथ अपने रिश्ते को मज़बूत? जानने के लिए अभी परामर्श करें एस्ट्रोयोगी के विशेषज्ञ ज्योतिषियों से। 

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