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हर राशि की अपनी विशेषता और अपनी कमियां होती है जो इन राशियों के लोगों के व्यक्तित्व में भी पाएं जाते है। कौन से गुण होते है इन 12 राशियों के लोगों के व्यक्तित्व में, जानने के लिए आगे पढ़ें।
कभी-कभी आपको भी लगता है कि आपको अपनी ताकत, कमज़ोरियां, प्रतिभाओं और क्षमताओं के बारे में पता होना चाहिए, लेकिन ज्यादातर लोगों को अपने बारे में जानकारी नहीं होती है। ऐसे में, कोई व्यक्ति अपने व्यक्तित्व, अपने स्वभाव एवं गुणों के बारे में जानने के लिए राशियों की सहायता ले सकता है। हर इंसान के व्यक्तित्व में कोई न कोई विशेष गुण अवश्य होता है जो उससे सबसे अलग बनाता है, आपके व्यक्तित्व में है कौनसा गुण, जानना चाहते हैं, तो आप अपनी राशि के आधार पर जान सकते है अपने व्यक्तित्व के बारे में।
मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह है जो जातक के जीवन में उत्साह और पराक्रम का कारक माना जाता है। इस राशि के लोग निडरता और साहस के लिए जाने जाते हैं। ये लोग अपनी राशि के अनुसार ही अपना जीवन अपनी शर्तों पर जीना पसंद करते हैं और इन्हें अपनी विचारधारा के साथ किसी तरह का समझौता करना पसंद नहीं होता है। इस राशि के जातक उदार स्वभाव के होते है और हर काम को जोश से करना पसंद करते है।
राशि चक्र की दूसरी राशि है वृषभ और इसका स्वामी ग्रह शुक्र है। वृषभ राशि के जातक स्वभाव से परिश्रमी और धैर्यवान होते है, ये सामान्य रूप से शांत रहते है, लेकिन ये लोग क्रोध आने पर उग्र रूप भी धारण कर सकते है। ये अधिकतर शांतिप्रिय होते हैं और अपनी मधुर वाणी और बेहतरीन संचार कौशल से सभी लोगों का दिल जीतने में सफल होते हैं। वृषभ राशि के जातकों को मूर्ख बनाना बेहद मुश्किल होता है और ये लोग स्वभाव से ज़िद्दी होते है।
मिथुन राशि, राशिचक्र की तीसरी राशि होती है और इनका स्वामी ग्रह बुध है। मिथुन राशि के जातक बेहद आकर्षक होने के साथ दोस्ताना स्वभाव के होते हैं। इस राशि के लोग बुद्धिमान और बातचीत में निपुण होते हैं और ये लोग अधिकतर अस्थिर और चंचल स्वभाव के होते हैं लेकिन इन लोगों की राजनीति के क्षेत्र में पकड़ बहुत मज़बूत होती है। मिथुन राशि के जातक धार्मिक प्रवृत्ति के साथ दयावान और दृढ़ संकल्पी भी होते हैं और इनमें बेबाकी से अपनी बात रखने की अद्भुत क्षमता होती है।
राशि चक्र की चौथी राशि होती है कर्क और इनका स्वामी ग्रह चंद्रमा है। कर्क राशि के जातकों के स्वभाव में चंचलता, भावुकता, शीतलता और संवेदनशीलता पाई जाती है। इनके स्वामी चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है इसलिए इस राशि के लोग बिना किसी व्यक्ति के कहे भी उनके मन की बात समझ जाते हैं। यह लोग दृढ़ होने के साथ दुर्बल भी होते हैं, और दूसरों के जीवन में क्या चल रहा है, उसकी पूरी जानकारी रखने वाले होते हैं। ये लोग अगर किसी काम को करना शुरू करते हैं तो उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं।
सिंह राशि, राशि चक्र की पांचवी राशि होती है और इस राशि का स्वामी ग्रह सूर्य हैं। सिंह राशि के लोग राशि चिन्ह ‘शेर’ के समान ही शक्तिशाली होते हैं। इस राशि के लोगों को अपने जीवन में कभी भी प्रेम नहीं होता है क्योंकि इनकी अपेक्षाएं जीवन से बहुत ज्यादा होती हैं। सिंह राशि के जातक बहुत महत्वाकांक्षी होते हैं और इन लोगों का चरित्र बेहद साफ़ होता है। ये लोग अपने काम के प्रति काफ़ी समर्पित, मेहनती और लगनशील होते हैं और इनके मन में किसी भी इंसान के लिए घृणा या पक्षपात की भावना नहीं होती है।
राशिचक्र की छठी राशि कन्या होती है और इनका स्वामी ग्रह सूर्य होता है। कन्या राशि के जातक अपनी राशि चिन्ह की तरह ही लोगों की हमेशा निस्वार्थ मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। इस राशि के जातकों की प्रवृति थोड़ी रहस्य्मयी होती है और इन्हें अपनी बातों में लोगों को अच्छे से घुमाना भी बखूबी आता है। कन्या राशि के जातकों को ढंग से अपना काम करना बहुत पसंद होता है जिसकी वजह से अधिकांश लोग इन्हें आलसी समझने की गलती कर देते हैं।
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तुला राशि, राशिचक्र की सातवीं राशि होती है और इसका स्वामी ग्रह शुक्र होता हैं। इस राशि के जातकों को सभी राशियों से बिल्कुल अलग माना गया है। इस राशि का स्वामी ग्रह शुक्र होने की वजह से तुला राशि के लोगों को सुंदर चीज़ें बहुत पसंद होती है। यह लोग सामाजिक और तर्कशील भी होते हैं, साथ ही इन लोगों को रणनीति बनाना बहुत अच्छे से आता है, साथ ही इनकी कूटनीतिक क्षमता बेहद मज़बूत होती है। अधिकतर ये लोग जीवन में किसी भी तरह के टकराव, मतभेद या बहस से बचकर रहना पसंद करते है।
राशिचक्र की आठवीं राशि होती है वृश्चिक और इस राशि पर मंगल ग्रह का अधिपत्य है जो इस राशि के लोगों को तीव्र, निडर, ज़िद्दी, गंभीर और भावुक बनाता है। वृश्चिक राशि के लोगों को कभी भी हल्के में लेने की भूल नहीं करनी चाहिए।.ये लोग अपने जीवन को अपनी शर्तों पर जीने के लिए जाने जाते है और ये अपने भाग्य को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में रखने के लिए प्रसिद्ध होते हैं। इस राशि के लोग शांति और बेहद विनम्रता से बात करना पसंद करते है, साथ ही कोमल हृदय के स्वामी होते हैं।
धनु राशि, राशिचक्र की नौवीं राशि है और इनका स्वामी ग्रह बृहस्पति है। धनु राशि के जातक स्वभाव से बहुत प्रभावी, आकर्षक और अपने आने वाले कल के लिए आशावादी नज़रिया रखते हैं। इस राशि के जातक धार्मिक और बुद्धिमान होते हैं. सामान्यरूप से देखा गया है कि धनु राशि के तहत जन्मे लोग फैशन पसंद और ईमानदार होते हैं। ये लोग आध्यात्मिक प्रकृति वाले होते हैं और किसी भी बात या इंसान पर आँखें मूंदकर विश्वास नहीं करते हैं। इन लोगों की प्रवृत्ति जिज्ञासु होने के कारण इनमें हमेशा कुछ नया जानने या सीखने की लालसा होती है।
राशिचक्र की दसवीं राशि होती है मकर राशि और इस राशि के स्वामी ग्रह शनि है। इस राशि के स्वामी शनि ग्रह के होने के कारण मकर राशि के जातक बहुत अनुशासनशील होते हैं। यह लोग जिस भी काम को करना शुरू करते हैं उसे पूरा करके ही साँस लेते हैं। इस राशि के लोग आत्म-केंद्रित और स्वभाव से ज़िद्दी होते हैं, साथ ही मकर राशि के जातक गंभीर, महत्वाकांक्षी और काम के प्रति समर्पित रहने वालों होते हैं।
कुंभ राशि, ये राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि होती है और इनकी राशि का स्वामी ग्रह शनि है। इस राशि के स्वामी शनि ग्रह होने के कारण कुंभ राशि के जातक अपने जीवन, विचारों, और गति में स्वतंत्रता बनाए रखना पसंद करते हैं। मकर राशि के लोग अच्छे आविष्कारक या तकनीकी विशेषज्ञ भी साबित होते हैं। इन लोगों में मानव जाति के प्रति प्यार और समाज की बेहतरी के लिए कुछ भी करने का जज्बा कूट-कूटकर भरा होता है लेकिन उस समय में ये शांत और लगाव से रहित हो जाते हैं।
राशि चक्र की अंतिम राशि होती है मीन और इनका स्वामी ग्रह बृहस्पति है। इस राशि के जातक निस्वार्थ, आध्यात्मिक और मोक्ष की प्राप्ति की यात्रा पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं और ये लोग अपनी ही आदर्शवादी दुनिया में जीना पसंद करते हैं। मीन राशि के चिन्ह की तरह ही इस राशि के लोग भी शांत, कोमल और दयालु होते हैं। इन जातकों का स्वभाव बहुत सहानुभूति-पूर्ण वाला होता है जिस वजह से ये सबकी पसंद होते हैं।
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✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी