होली से 8 दिन पहले न करें ये काम! जानें साल 2024 में कब लगेगा होलाष्टक?

Fri, Mar 22, 2024
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Fri, Mar 22, 2024
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
होली से 8 दिन पहले न करें ये काम! जानें साल 2024 में कब लगेगा होलाष्टक?

Holashtak 2024: होली के त्योहार से आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, होलाष्टक फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लग जाते हैं। इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। हिंदू धर्म में कोई भी कार्य करने के लिए एक निश्चित समय और तारीख का ध्यान रखा जाता है। किसी भी कार्य के सफल और पूर्ण होने के लिए उसका शुभ मुहूर्त में किया जाना जरूरी होता है। होलाष्टक की अवधि को किसी भी शुभ कार्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। यह अवधि दुलहंडी से आठ दिन पहले शुरू हो जाती है। तो आइए जानते हैं साल 2024 में होलाष्टक कब है और इसे अशुभ क्यों माना जाता है। 

होलाष्टक 2024 तिथि

इस साल होली 24 और 25 मार्च 2024 को मनाई जाएगी। एस्ट्रोयोगी पंचांग के अनुसार, साल 2024 में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 16 मार्च को रात 09 बजकर 39 मिनट से शुरू होगी, जो 17 मार्च को सुबह 09 बजकर 53 मिनट तक चलेगी। इस प्रकार होलाष्टक 17 मार्च से शुरू होंगे और 24 मार्च को समाप्त हो जाएंगे। इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।  

free consultation

होलाष्टक 2024 की तिथियां 

  • पहला दिन: 17 मार्च 2024, रविवार 
  • दूसरा दिन: 18 मार्च 2024, सोमवार
  • तीसरा दिन: 19 मार्च, मंगलवार
  • चौथा दिन: 20 मार्च 2024, बुधवार 
  • पांचवा दिन: 21 मार्च 2024, गुरूवार
  • छठवां दिन: 22 मार्च  2024, शुक्रवार
  • सातवां दिन: 23 मार्च 2024, शनिवार
  • आठवां दिन: 24 मार्च 2024, रविवार

यह भी पढ़ें : होली कब है? जानें तिथि और समय  

होलाष्टक क्या होता है? 

होलाष्टक दो शब्दों यानी होली और अष्टक से मिलकर बना है, इसका अर्थ होता है होली के आठ दिन। होलाष्टक होली आठ दिन पहले शुरू हो जाता है। इस दिन से लोग होलिका दहन और होली के त्योहार से जुड़ी अन्य तैयारियां करना शुरू कर देते हैं। होलाष्टक के दौरान, सभी ग्रह उग्र स्वभाव में होते हैं, जो शुभ कार्यों के परिणामों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। प्राचीन काल में, जैसे ही होलाष्टक शुरू होता था, लोग होलिका दहन वाले क्षेत्र पर गाय के गोबर, गंगाजल और अन्य चीजों के साथ लिपाई किया करते थे। इसके साथ ही उस स्थान पर वे दो डंडी भी लगाते थे, जिसमें से एक को होलिका और दूसरे को प्रह्लाद के रूप में दर्शाया जाता था।

होलाष्टक के दौरान मान्यताओं के अनुसार आठ ग्रह उग्र अवस्था में माने जाते हैं। अष्टमी पर चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी पर शनि, एकादशी पर शुक्र, द्वादशी पर बृहस्पति, त्रयोदशी पर बुध, चतुर्दशी पर मंगल और पूर्णिमा के दिन राहु उग्र अवस्था में होते हैं। यही कारण है कि लोग होलाष्टक के दौरान नए या महत्वपूर्ण कार्यों को शुरू करने से बचते हैं, क्योंकि इन ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव उनकी सफलता को प्रभावित कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि इस ग्रह संरेखण के कारण, लोगों को जीवन में विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

होलाष्टक में करें ये काम

  1. होलाष्टक में धार्मिक कार्यों में शामिल रहें। पूजा-पाठ और ध्यान करने का प्रयास करें। भगवान का स्मरण करने से आपको शुभ फल मिल सकते हैं। 
  2. होलाष्टक में भगवान विष्णु, हनुमानजी और भगवान नरसिंह की पूजा करने का भी विधान है। 
  3. धन संबंधी मामलों में मजबूत होने के लिए आपको श्री सूक्त और मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का जाप करना चाहिए। इससे सभी कर्ज से जुड़े मसले हल हो सकते हैं। 
  4. इस दिन कुछ विशेष उपाय भी किए जाते हैं जो अच्छे परिणाम देते हैं। 
  5. होलाष्टक पर कर्ज़ और दान का भी बहुत महत्व होता है। इससे आपको अपने कष्टों से मुक्ति पाने में मदद मिल सकती है। 

यह भी पढ़ें : होलिका दहन के दिन क्या लगेगा सूतक काल? जानें इसकी सही तिथि और मुहूर्त।

होलाष्टक 2024 में न करें ये काम

  1. होलाष्टक में किसी भी तरह का शुभ कार्य करने से बचने की सलाह दी जाती है। इस अवधि में कोई भी मंगल कार्य नहीं किया जाता है।  
  2. अगर आप नए गृह प्रवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको इस अवधि में नए घर में प्रवेश करने से बचना चाहिए। 
  3. कोई भी वाहन या सोने-चांदी की चीज़ न खरीदें।
  4. शादी-विवाह और अन्य 16 संस्कारों जैसे मुंडन, अन्नप्राशन आदि न करें। 
  5. इस दौरान नया व्यापार शुरू करना भी शुभ नहीं माना जाता।    

होलाष्टक 2024 में करें इनकी पूजा 

होलाष्टक के दौरान लोग भगवान विष्णु, हनुमानजी और भगवान नरसिंह की पूजा करना बहुत अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही इन आठ दिनों तक महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह अभ्यास ग्रहों के हानिकारक प्रभावों को कुछ हद तक कम करने में मदद करता है।
अगर आप किसी भी प्रकार के शुभ मुहूर्त की तलाश में हैं या अन्य कोई ज्योतिषीय सलाह लेना चाहते हैं तो आप एस्ट्रोयोगी के विशेषज्ञ ज्योतिषियों से सलाह ले सकते हैं।

article tag
Festival
article tag
Festival
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!