नागपंचमी पर ऐसे मिलेगी कालसर्प दोष से मुक्ति!

Mon, Aug 09, 2021
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Mon, Aug 09, 2021
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
नागपंचमी पर ऐसे मिलेगी कालसर्प दोष से मुक्ति!

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। जहां सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को उत्तर भारत में नाग पूजा की जाती है, वहीं दक्षिण भारत में ऐसा ही पर्व कृष्ण पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में नाग पंचमी का अत्यंत महत्व माना जाता है। एक मान्यता के अनुसार इस दिन सर्पों के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है और दूध चढ़ाया जाता है। भगवान शिव को सर्प अत्यंत प्रिय हैं, इसीलिए उनके प्रिय माह सावन में नाग पंचमी का त्योहार आता है जिसे श्रद्घा पूर्वक विधि विधान से मनाने पर भोलेनाथ प्रसन्न हो कर अपनी कृपा बरसाते हैं।

 

नागपंचमी की पौराणिक कथाएं

भविष्य पुराण के अनुसार सावन महीने की पंचमी नाग देवता को समर्पित है यही कारण है कि इसे नागपंचमी कहते हैं पौराणिक कथा के अनुसार सावन महीने की शुक्ल पक्ष पंचमी को भगवान श्री कृष्ण ने वृदांवन में नाग को हराकर लोगों का जीवन बचा लिया था। श्री कृष्ण भगवान ने सांप के फन पर नृत्य किया, जिसके बाद वह नथैया कहलाये, एक और पौराणिक कथा भी है। जिसके अनुसार इस दिन सृष्टि रचयिता ब्रह्रमा जी ने अपनी कृपा से शेषनाग को अलंकृत किया था। पृथ्वी का भार धारण करने के बाद लोगों ने नाग देवता की पूजा करनी शुरू कर दी, तभी से यह परंपरा चली आ रही है।

 

यह लेख एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार द्विवेदी, द्वारा लिखा गया है। पंडित जी से ऑनलाइन परामर्श लेने के लिये यहां क्लिक करें या फिर हमें 9999091091 पर कॉल करें।

 

नागपंचमी पूजन और सर्पदोष से मुक्ति

मान्यताओं के अनुसार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को नागपंचमी के दिन व्रत भी रखा जाता है, व्रत के बारे में गरूण पुराण में लिखा है कि व्रत रखने वाले को मिट्टी या आटे के सांप बनाकर उन्हें अलग-अलग रंगो से सजाना चाहिए, सजाने के बाद फूल, खीर, दूध, दीप आदि से उनकी पूजा करें, क्योंकि नाग देवता को पंचम तिथि का स्वामी माना जाता है।  पूजा के बाद भुने हुये चने और जौ को प्रसाद के रूप में बांट दें। ज्योतिषाचार्य का मानना है कि जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है उन लोगों को इस दिन नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। इस दिन पूजा करने से कुंडली का यह दोष समाप्त होता है।

 

नागपंचमी पूजा 2021 का शुभ मुहूर्त

13 अगस्त के दिन नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 49 मिनट से 8 बजकर 28 मिनट के बीच पड़ रहा है। जबकि तिथि समाप्ति इसी दिन दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर होगी।

नागपंचमी पर संजीवनी महायोग 2019 में बना था। नागदेव शिवजी के आभूषण हैं। 2019 के बाद संजीवनी महायोग 21 अगस्त 2023 को ऐसा संयोग नागपंचमी पर आएगा।

 

यह भी पढ़ें

नागपंचमी 2021   |   नाग पंचमी को करते हैं भगवान शिव और नागों की पूजा   |   कुंडली में कालसर्प दोष और इसके निदान के सरल उपाय

सावन - शिव की पूजा का माह   |   महाशिवरात्रि - देवों के देव महादेव की आराधना पर्व   |   यहाँ भगवान शिव को झाड़ू भेंट करने से, खत्म होते हैं त्वचा रोग

भगवान शिव के मंत्र   |   शिव चालीसा   |   शिव जी की आरती

article tag
Hindu Astrology
Vedic astrology
Nag Panchami
Festival
article tag
Hindu Astrology
Vedic astrology
Nag Panchami
Festival
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!