साल 2022 में कब है आषाढ़ अमावस्या, जानें क्‍यों है इस दिन की इतनी मान्‍यता

Fri, Jun 10, 2022
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साल 2022 में कब है आषाढ़ अमावस्या, जानें क्‍यों है इस दिन की इतनी मान्‍यता

प्रत्येक मास में चंद्रमा की कलाएं घटती और बढ़ती रहती हैं। चंद्रमा की घटती बढ़ती कलाओं से ही प्रत्येक मास के दो पक्ष बनाये गये हैं। जिस पक्ष में चंद्रमा घटती कला का होता है तो उसे कृष्ण पक्ष कहा जाता है और चढ़ती कला के चंद्रमा वाले पक्ष को शुक्ल पक्ष कहा जाता है।

ऐसे में प्रत्येक पक्ष का अंतिम दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। शुक्ल पक्ष का अंतिम दिन यानी जिस दिन चंद्रमा की कलाएं चढ़ते-चढ़ते चंद्रमा अपने वास्तविक रूप में गोल गोल और दूधिया रोशनी वाला दिखाई दे वह पूर्णिमा कहलाता है तो जब चंद्रमा घटते घटते बिल्कुल समाप्त हो जाये और रात घोर अंधकार वाली हो तो उसे अमावस्या कहते हैं। धार्मिक रूप से अमावस्या तिथि का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या तो शनिवार के दिन आने वाली अमावस्या शनि अमावस्या कहलाती है। आषाढ़ मास की अमावस्या को भी खास माना जाता है। 

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चलिए जानते हैं 2022 में कब-कब पड़ रही है अमावस्या

अमावस्या तिथि व मुहूर्त 

आषाढ़, कृष्ण अमावस्या  2022

  • अमावस्या तिथि – 29 जून 2022
  • अमावस्या तिथि आरंभ – सुबह 05 बजकर 52 मिनट (28 जून, 2022) से
  • अमावस्या तिथि समाप्त – सुबह 08 बजकर 21 मिनट (29 जून, 2022) तक

आषाढ़ अमावस्या 

आषाढ़ मास हिंदू पंचांग के अनुसार का हिंदू वर्ष का चौथा महीना माना जाता है। आषाढ़ मास की अमावस्या के पश्चात वर्षा ऋतु का आगमन भी माना जाता है। इस मायने में आषाढ़ अमावस्या का बहुत ही महत्व है। दान-पुण्य व पितरों की आत्मा की शांति के लिये किये जाने वाले अनुष्ठानों के लिये तो यह तिथि चिर-परिचित है ही। अमावस्या के दिन पवित्र नदियों, धार्मिक तीर्थ स्थलों पर स्नान का भी विशेष महत्व माना जाता है।

2022 में क्यों खास है आषाढ़ अमावस्या

2022 में आषाढ़ अमावस्या 29 जून को बुधवार के दिन है। जो जातक अमावस्या को पितृकर्म करना चाहते हैं ज्योतिषाचार्यों के अनुसार उन्हें 29 जून को पितृकर्म संपन्न करवाना चाहिये। अमावस्या तिथि 28 जून को सुबह 05 बजकर 53 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि 29 जून को सुबह 08 बजकर 21 मिनट तक रहेगी। 

यह भी पढ़ें

अमावस्या 2022   |   वैशाख अमावस्या   |   ज्येष्ठ अमावस्या   ।   आषाढ़ अमावस्या | सावन अमावस्या   |   भाद्रपद अमावस्या   |   अश्विन सर्वपितृ अमावस्या   |   माघ मौनी अमावस्या

 

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