अमावस्या तिथि बहुत मायने रखती है। हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष का यह अंतिम दिन होता है। अमावस्या की रात्रि को चंद्रमा घटते-घटते बिल्कुल लुप्त हो जाता है। सूर्य ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाएं केवल अमावस्या तिथि को ही घट सकती हैं। कुल मिलाकर अमावस्य तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है लेकिन धार्मिक रूप से तो अमावस्या और भी खास होती है। स्नान दान के लिये तो यह बहुत ही सौभाग्यशाली तिथि मानी जाती है विशेषकर पितरों की आत्मा की शांति के लिये हवन-पूजा, श्राद्ध, तर्पण आदि करने के लिये तो अमावस्या श्रेष्ठ तिथि होती है। आइये जानते हैं सावन अमावस्या व इसके महत्व के बारे में। हरियाली अमावस्या पर अपनी कुंडली के अनुसार सरल ज्योतिषीय उपाय जानने के लिये एस्ट्रोयोगी पर देश के प्रसिद्ध ज्योतिषियों से परामर्श करें। अभी बात करने के लिये यहां क्लिक करें।
श्रावण मास वर्षा ऋतु का माह होता है। इस माह में मौसम का नज़ारा इतना मनोरम होता है कि बादलों की घटा में प्रकृति की छटा भी बिखरी हुई नज़र आती है। हर ओर हरियाली छाने लगती है। पेड़ पौधे बारिश की बूंदों में धुलकर एकदम तरोताज़ा हो जाते हैं। पक्षी चहकने लगते हैं तो मन भी बहकने लगते हैं। इसीलिये सावन मास की अमावस्या बहुत खास मानी जाती है। श्रावणी अमावस्या से पहले दिन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। सावन शिवरात्रि से अगला दिन श्रावणी अमावस्या का होता है। गर्मी से झुलसते पेड़ों को सावन की रूत नया जीवनदान देती है और हर ओर हरियाली छा जाती है। इस अमावस्या के तीन दिन बाद ही त्यौहारों का बीजारोपण करने वाला पर्व हरियाली तीज आता है इसलिये यह अमावस्या हरियाली अमावस्या भी कही जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 2022 में हरियाली अमावस्या 28 जुलाई को बृहस्पतिवार के दिन है।
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