सावन माह का नाम आते ही हमारे मन में भी बादल घुमड़ने लगते हैं, ठंडी हवाओं के झौंके सुकून देने लगते हैं, तपती ज्येष्ठ और आषाढ़ में गरमी से बेहाल जी सावन में झूमने लगता है। लेकिन सावन का माह का महत्व हमारे जीवन में इतना भर नहीं है सावन माह भगवान शिव की उपासना का माह भी माना जाता है और इस माह में सबसे पवित्र माना जाता है सोमवार का दिन। वैसे तो प्रत्येक सोमवार भगवान शिव की उपासना के लिये उपयुक्त माना जाता है लेकिन सावन के सोमवार की अपनी महत्ता है। आइये जानते हैं श्रावण मास के सोमवार व्रत का महत्व व पूजा विधि के बारे में।
इस वर्ष सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई 2024 है। ज्योतिष के अनुसार आज का दिन काफी खास है। सोमवार को बहुत ही शुभ "रवि योग" बन रहा हैं। इसके बाद शोभन योग लग जाएगा। यह दोनों ही योग इस सावन माह को खास बना रहे हैं।
सावन के पावन महीने की शुरुआत भगवान शिव की आराधना के साथ सोमवार से हो रही है। सावन माह में इंतजार रहता है भगवान शिव की आराधना के दिन। इस साल सावन की शुरुआत बहुत ही अद्भुत योग के साथ हो रही है सावन सोमवार से शुरू और समाप्ति भी सोमवार को होगी। 2024 में सावन का महीने का शुरुआत 22 जुलाई, सोमवार से हो रहा है। इसलिए सोमवार का व्रत भी 22 जुलाई को होगा। इस वर्ष सावन में पांच सोमवार पड़ेंगे क्रमश 22, 22 जुलाई और 05 , 12, 19 अगस्त तथा सावन माह का समापन श्रावण पूर्णिमा को रक्षा बंधन की दिन 19 अगस्त को होगा।
सावन पहला सोमवार: 22 जुलाई 2024, सोमवार
सावन दूसरा सोमवार: 29 जुलाई 2024, सोमवार
सावन तीसरा सोमवार: 05 अगस्त 2024, सोमवार
सावन चौथा सोमवार: 12 अगस्त 2024, सोमवार
सावन पांचवा सोमवार: 19 अगस्त 2024, सोमवार
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सावन सोमवार व्रत की पूजा भी अन्य सोमवार व्रत के अनुसार की जाती है।
इस व्रत में केवल एक समय भोजन ग्रहण करने का संकल्प लेना चाहिये।
भगवान भोलनाथ व माता पार्वती की धूप, दीप, जल, पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिये।
सावन के प्रत्येक सोमवार भगवान शिव को जल अवश्य अर्पित करना चाहिये।
रात्रि में जमीन पर आसन बिछा कर सोना चाहिये।
सावन के पहले सोमवार से आरंभ कर 9 या सोलह सोमवार तक लगातार उपवास करना चाहिये और तत्पश्चात 9वें या 16वें सोमवार पर व्रत का उद्यापन करना चाहिये। यदि लगातार 9 या 16 सोमवार तक उपवास करना संभव न हो तो आप सिर्फ सावन के चार सोमवार इस उपवास को कर सकते हैं।
शिव पूजा के लिये सामग्री में उनकी प्रिय वस्तुएं भांग, धतूरा आदि भी रख सकते हैं।
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भगवान शिव की पूजा के दिन यानि सोमवार का हिंदू धर्मानुयायियों विशेषकर शिव भक्तों के लिये बहुत अधिक महत्व होता है। सोमवार में भी सावन मास के सोमवार बहुत ही सौभाग्यशाली एवं पुण्य फलदायी माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि सावन माह भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है। स्कंद पुराण की एक कथा के अनुसार सनत कुमार भगवान शिव से पूछते हैं कि आपको सावन माह क्यों प्रिय है। तब भोलेनाथ बताते हैं कि देवी सती ने हर जन्म में भगवान शिव को पति रूप में पाने का प्रण लिया था पिता के खिलाफ होकर उन्होंने शिव से विवाह किया लेकिन अपने पिता द्वारा शिव को अपमानित करने पर उसने शरीर त्याग दिया। उसके पश्चात हिमालय व नैना पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया। इस जन्म में भी शिव से विवाह हेतु इन्होंने सावन माह में निराहार रहते हुए कठोर व्रत से भगवान शिवशंकर को प्रसन्न कर उनसे विवाह किया। इसलिये सावन माह से ही भगवान शिव की कृपा के लिये सोलह सोमवार के उपवास आरंभ किये जाते हैं।
कुल मिलाकर सावन माह के सोमवार धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं और सोलह सोमवार के व्रत के पिछे मान्यता है कि इस व्रत से भगवान शिव की कृपा से अविवाहित जातकों का विवाह अपनी पसंद के साथी से होता है।
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✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी