
Navratan: क्या आप जानते हैं कि रत्न सिर्फ आभूषणों की शोभा नहीं बढ़ाते, बल्कि ये आपके भाग्य और जीवन पर भी गहरा असर डाल सकते हैं? सदियों से रत्नों का उपयोग न सिर्फ सौंदर्य बढ़ाने बल्कि ग्रहों की अनुकूलता पाने के लिए भी किया जाता रहा है। खासतौर पर भारतीय ज्योतिष में 9 रत्नों को नवग्रहों से जोड़ा गया है, जिन्हें ‘नवरत्न’ कहा जाता है। माना जाता है कि सही रत्न धारण करने से जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा आती है। लेकिन कौन-सा रत्न आपके लिए शुभ है? क्या हर रत्न हर व्यक्ति को पहनना चाहिए? और इनका सही चयन कैसे किया जाए? इन सवालों के जवाब जानना बेहद जरूरी है, क्योंकि गलत रत्न पहनने से फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है। तो चलिए, आज हम आपको भारत में लोकप्रिय 9 सर्वश्रेष्ठ रत्नों के बारे में विस्तार से बताते हैं, ताकि आप समझ सकें कि ये रत्न कैसे आपके जीवन को प्रभावित कर सकते हैं और कौन-सा रत्न आपके लिए सबसे उपयुक्त रहेगा।
ज्योतिष के अनुसार, रत्न जीवन में समृद्धि, सफलता और शांति लाने में सहायक माने जाते हैं। आइए जानते हैं भारत में लोकप्रिय 9 सर्वश्रेष्ठ रत्नों के बारे में।
1. माणिक (Ruby) – सूर्य का रत्न
रंग: गहरा लाल
ग्रह: सूर्य
लाभ: आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और उन्नति
धारण करने की विधि: इसे सोने की अंगूठी में धारण करना शुभ माना जाता है।
माणिक, जिसे अंग्रेजी में रूबी कहा जाता है, सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इसका रंग गहरा लाल होता है, जो ऊर्जा, आत्मविश्वास और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसे ‘रत्नों का राजा’ कहा जाता है क्योंकि यह मान-सम्मान, नेतृत्व क्षमता और आत्म-सम्मान को बढ़ाने में सहायक होता है। ज्योतिष के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में होता है, उनके लिए माणिक धारण करना अत्यंत लाभकारी होता है।
इस रत्न को पहनने से करियर में सफलता, प्रतिष्ठा और प्रशासनिक शक्ति मिलती है। यह हृदय रोगों से बचाव करता है और मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है। खासकर राजनीति, सरकारी सेवाओं और उच्च पदों पर कार्यरत व्यक्तियों के लिए यह अत्यंत उपयोगी होता है।
माणिक को सोने की अंगूठी में धारण करना शुभ माना जाता है। इसे रविवार के दिन सुबह सूर्योदय से पहले अनामिका उंगली में पहनना चाहिए। पहनने से पहले इसे गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करके सूर्य मंत्र "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः" का जाप करना चाहिए। सही प्रकार से धारण करने पर यह रत्न जीवन में सफलता और समृद्धि लाने में मदद करता है।
2. मोती (Pearl) – चंद्रमा का रत्न
रंग: सफेद
ग्रह: चंद्रमा
लाभ: मानसिक शांति, सौम्यता और भावनात्मक संतुलन
धारण करने की विधि: इसे चांदी में पहनना शुभ होता है।
मोती एक अद्भुत और सौम्य रत्न है, जो चंद्रमा ग्रह से संबंधित होता है। इसका रंग सफेद, हल्का गुलाबी या क्रीम रंग का होता है। इसे पहनने से मानसिक शांति, भावनात्मक स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह रत्न विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है।
चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक ग्रह होता है। यदि किसी व्यक्ति को अत्यधिक मानसिक तनाव, चिंता या भावनात्मक अस्थिरता होती है, तो उसे मोती धारण करने की सलाह दी जाती है। यह आत्मविश्वास बढ़ाने और निर्णय क्षमता को मजबूत करने में सहायक होता है।
मोती को चांदी की अंगूठी में पहनना सर्वोत्तम माना जाता है। इसे सोमवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद तर्जनी उंगली में धारण करना चाहिए। पहनने से पहले इसे गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करके "ॐ सों सोमाय नमः" मंत्र का जाप करना चाहिए। मोती धारण करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो कलात्मक क्षेत्र, चिकित्सा और जल संबंधी व्यवसायों में कार्यरत हैं।
3. पन्ना (Emerald) – बुध ग्रह का रत्न
रंग: हरा
ग्रह: बुध
लाभ: बुद्धिमत्ता, संचार कौशल और आर्थिक सफलता
धारण करने की विधि: इसे सोने में पहनना लाभकारी होता है।
पन्ना, जिसे अंग्रेजी में एमराल्ड कहा जाता है, बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इसका रंग गहरा हरा होता है और यह बुद्धिमत्ता, संचार कौशल और रचनात्मकता को बढ़ाने वाला रत्न माना जाता है। यह उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी होता है जो लेखन, शिक्षा, वाणिज्य, व्यापार और ज्योतिष के क्षेत्र में कार्यरत हैं।
जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होता है, उन्हें पन्ना धारण करने की सलाह दी जाती है। यह स्मरण शक्ति को तेज करता है, निर्णय लेने की क्षमता को सुधारता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। साथ ही, यह व्यापारियों, वकीलों, लेखकों और शिक्षकों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
पन्ना को सोने की अंगूठी में धारण करना सबसे अच्छा माना जाता है। इसे बुधवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद कनिष्ठा उंगली में पहनना चाहिए। पहनने से पहले इसे गंगाजल और कच्चे दूध में डुबोकर "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः" मंत्र का जाप करना चाहिए। यदि इसे सही तरीके से पहना जाए, तो यह जीवन में समृद्धि, सफलता और सौभाग्य लेकर आता है।
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4. हीरा (Diamond) – शुक्र ग्रह का रत्न
रंग: सफेद और पारदर्शी
ग्रह: शुक्र
लाभ: सौंदर्य, वैभव और प्रेम संबंधों में सफलता
धारण करने की विधि: इसे प्लैटिनम या सोने में पहनना चाहिए।
हीरा दुनिया के सबसे कठोर और चमकदार रत्नों में से एक है, जिसे वैभव, सौंदर्य और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह मुख्य रूप से कार्बन से बना होता है और इसका प्राकृतिक स्वरूप अत्यंत मूल्यवान होता है। यह शुक्र ग्रह से संबंधित रत्न है और इसे पहनने से प्रेम, समृद्धि और आकर्षण में वृद्धि होती है। ज्योतिष के अनुसार, हीरा वृषभ और तुला राशि के जातकों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।
हीरा धारण करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और यह नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने में सहायक होता है। यह वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाता है और रचनात्मक क्षेत्रों जैसे कला, फैशन, और मीडिया में सफलता दिलाने में मदद करता है। इसे प्लैटिनम या सोने की अंगूठी में, शुक्रवार के दिन, अनामिका उंगली में पहनना शुभ माना जाता है।
हालांकि, हीरा हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होता। कुछ लोगों के लिए यह विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है, इसलिए इसे धारण करने से पहले किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। सही व्यक्ति के लिए यह रत्न जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य को बढ़ाने में अत्यंत प्रभावशाली सिद्ध होता है।
5. मूंगा (Red Coral) – मंगल ग्रह का रत्न
रंग: लाल
ग्रह: मंगल
लाभ: शक्ति, साहस और ऊर्जा
धारण करने की विधि: इसे तांबे या सोने में पहनना लाभकारी होता है।
मूंगा एक चमकदार लाल रंग का जैविक रत्न होता है, जो समुद्र की गहराइयों में प्रवाल (कोरल) नामक जीवों से बनता है। यह मंगल ग्रह से संबंधित है और इसे ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास बढ़ाने वाला रत्न माना जाता है। विशेष रूप से, यह मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुभ होता है।
मंगल ग्रह को युद्ध, शक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक माना जाता है, इसलिए मूंगा धारण करने से व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक प्रेरित रहता है। यह रत्न रक्त संचार को बेहतर बनाता है और हड्डियों को मजबूत करता है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है।
मूंगा धारण करने के लिए इसे तांबे या सोने की अंगूठी में जड़वाकर, मंगलवार के दिन, अनामिका या मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए। इसे पहनने से क्रोध और आवेग पर नियंत्रण रखने में भी सहायता मिलती है। हालांकि, अगर यह रत्न किसी को अनुकूल न हो, तो यह आक्रामकता और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है, इसलिए इसे पहनने से पहले ज्योतिषीय सलाह लेना आवश्यक होता है।
6. गोमेद (Hessonite) – राहु का रत्न
रंग: भूरे-नारंगी से हल्के पीले तक
ग्रह: राहु
लाभ: बाधाओं को दूर करना, मानसिक स्पष्टता और सफलता
धारण करने की विधि: इसे चांदी में धारण करना लाभकारी होता है।
गोमेद एक चमकदार भूरे या शहद के रंग का रत्न होता है, जो राहु ग्रह से जुड़ा हुआ है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है, जिनकी कुंडली में राहु की अशुभ स्थिति होती है। यह नकारात्मक ऊर्जाओं, भ्रम और मानसिक अस्थिरता से बचाने वाला रत्न माना जाता है।
यह रत्न न्यायिक, राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में सफलता पाने में मदद करता है। जो लोग बार-बार शत्रुओं से परेशान होते हैं या जिनका जीवन अनावश्यक बाधाओं और विवादों से भरा रहता है, उनके लिए गोमेद अत्यंत उपयोगी होता है। यह व्यक्ति को मानसिक स्थिरता, आत्मविश्वास और तर्कसंगत निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।
गोमेद को चांदी की अंगूठी में, शनिवार के दिन, मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए। इसे पहनने से अनावश्यक भय, तनाव और चिंता दूर होती है और यह बुरी नजर और काले जादू से भी रक्षा करता है। हालांकि, यदि यह किसी व्यक्ति को अनुकूल न हो, तो यह मानसिक अस्थिरता और बेचैनी बढ़ा सकता है, इसलिए इसे धारण करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
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7. लहसुनिया (Cat’s Eye) – केतु का रत्न
रंग: पीला-हरा और धूसर
ग्रह: केतु
लाभ: आध्यात्मिक उन्नति, सुरक्षा और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव
धारण करने की विधि: इसे चांदी में पहनना शुभ होता है।
लहसुनिया एक रहस्यमयी रत्न होता है, जो केतु ग्रह से संबंधित है। इसका रंग धूसर, पीला या हरा होता है और इसमें एक चमकदार धारी होती है, जो इसे बिल्ली की आंख जैसा रूप देती है। यह अचानक होने वाली घटनाओं, दुर्घटनाओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाने वाला रत्न माना जाता है।
यह उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है, जो आध्यात्मिक साधना, ध्यान और रहस्यवादी विद्या में रुचि रखते हैं। यह आत्म-विश्लेषण, मानसिक संतुलन और साहस को बढ़ाने में सहायक होता है।
इसे शनिवार के दिन, चांदी की अंगूठी में, अनामिका या मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए। इसे पहनने से व्यक्ति की छठी इंद्रिय तेज होती है और वह अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का बेहतर सामना कर पाता है। हालांकि, यदि यह प्रतिकूल प्रभाव डाले, तो यह व्यक्ति को मानसिक अस्थिरता और अनावश्यक भय दे सकता है, इसलिए इसे धारण करने से पहले ज्योतिषीय सलाह लेना आवश्यक होता है।
8. नीलम (Blue Sapphire) – शनि ग्रह का रत्न
रंग: गहरा नीला
ग्रह: शनि
लाभ: तेजी से सफलता, समृद्धि और करियर में उन्नति
धारण करने की विधि: इसे चांदी या लोहे में पहनना शुभ होता है।
नीलम एक गहरा नीला चमकदार रत्न होता है, जो शनि ग्रह से संबंधित है। यह सबसे शक्तिशाली और रहस्यमयी रत्नों में से एक माना जाता है, क्योंकि इसका प्रभाव तुरंत दिखाई देता है। यदि यह अनुकूल हो, तो यह व्यक्ति के जीवन में तेजी से सफलता, समृद्धि और स्थिरता लाता है, लेकिन यदि यह प्रतिकूल हो, तो गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
नीलम धारण करने से व्यक्ति का अनुशासन, धैर्य और आत्मनियंत्रण बढ़ता है। यह व्यापार, करियर और वित्तीय मामलों में लाभकारी होता है और अचानक होने वाली परेशानियों से बचाने में मदद करता है। यह मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से शुभ होता है।
इसे प्लैटिनम या चांदी की अंगूठी में, शनिवार के दिन, मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए। इसे धारण करने से पहले 24 घंटे तक परीक्षण करना जरूरी होता है, क्योंकि यह बहुत प्रभावशाली रत्न होता है। यदि यह अनुकूल न हो, तो यह व्यक्ति के जीवन में बाधाएं और मानसिक तनाव उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, इसे पहनने से पहले ज्योतिषीय परामर्श आवश्यक होता है।
9. पुखराज (Yellow Sapphire) – बृहस्पति का रत्न
रंग: पीला
ग्रह: बृहस्पति
लाभ: धन, शिक्षा और आध्यात्मिकता
धारण करने की विधि: इसे सोने में पहनना सबसे शुभ होता है।
पीला पुखराज एक सुनहरे या पीले रंग का बहुमूल्य रत्न होता है, जो गुरु (बृहस्पति) ग्रह से संबंधित है। यह ज्ञान, समृद्धि, सुख और सौभाग्य को बढ़ाने वाला रत्न माना जाता है। यह विशेष रूप से धनु और मीन राशि के जातकों के लिए शुभ होता है।
यह रत्न उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है, जो शिक्षा, अध्यात्म, कानूनी मामलों और व्यवसाय में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। यह विवाहित महिलाओं के लिए भी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह उनके वैवाहिक जीवन को सुखी बनाता है। यह मानसिक शांति, सकारात्मकता और आत्म-ज्ञान को बढ़ावा देता है।
पीला पुखराज सोने की अंगूठी में, बृहस्पतिवार के दिन, तर्जनी उंगली में धारण करना चाहिए। इसे पहनने से व्यक्ति के जीवन में वित्तीय स्थिरता आती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। हालांकि, यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होता, इसलिए इसे धारण करने से पहले ज्योतिषी से परामर्श लेना आवश्यक होता है।
नवरत्न आभूषण – सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक
नवरत्न आभूषणों का विशेष महत्व है क्योंकि ये सभी नौ ग्रहों के शक्तियों को संतुलित करने में सहायक होते हैं। माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति नवरत्न से बना आभूषण धारण करता है, तो उसे सभी ग्रहों की कृपा प्राप्त होती है। यह धन, स्वास्थ्य, सफलता और समृद्धि लाने में सहायक होता है।
नवरत्न आभूषण पहनने के लाभ:
जीवन में संतुलन और सकारात्मकता लाते हैं।
आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हैं।
मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।
ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं।
भारत में रत्नों का महत्व केवल उनकी सुंदरता तक सीमित नहीं है, बल्कि ज्योतिष और आध्यात्मिकता से भी जुड़ा हुआ है। नवरत्नों को धारण करने से न सिर्फ जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा से भी बचाते हैं। यदि आप भी अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, तो सही ज्योतिषीय परामर्श लेकर इन रत्नों को धारण कर सकते हैं।
अगर आप कोई ज्योतिषीय सलाह प्राप्त करना चाहते हैं या किसी समस्या का उपाय जानना चाहते हैं तो आप एस्ट्रोयोगी के विशेषज्ञ ज्योतिषियों से संपर्क कर सकते हैं। आपके लिए पहली कॉल या चैट बिलकुल मुफ्त है।