फरवरी महीने में जन्मे लोग स्वभाव से थोड़े आध्यात्मिक और थोड़े भावुक टाइप के होते हैं। अगर इनके व्यक्तित्व की बात की जाए तो ये लोग अपनी ही धुन में मस्त रहते हैं। फरवरी माह के जातक किसी भी रिश्ते में बंधने को बहुत ज्यादा अहमियत नहीं देते हैं। वे शांति पसंद होते हैं और उन्हें सपने देखने वाले भी कहा जाता है । फरवरी माह में जन्मे लोगों की राशि मकर और कुंभ होती है। इसके अलावा बात करें फरवरी महीने में जन्मे लोगों के बर्थस्टोन की तो इनका बर्थस्टोन अमेथिस्ट होता है।
ज्योतिषी(Astrologer) के मुताबिक, फरवरी महीने में जन्मे लोगों का बर्थस्टोन अमेथिस्ट जामुनी तथा बैंगनी रंग का होता है। इसे अंग्रेजी में एमेथिस्ट भी कहते हैं। इसे जामुनिया या कठेला के नाम से भी जाना जाता है। यह बैंगनी रंग का पत्थर है, जोकि सेमीप्रीसियस स्टोन्स की कैटेगरी में आता है।
फरवरी बर्थस्टोन अमेथिस्ट को लेकर मान्यता है कि ये हर क्षेत्र में जातक की मदद करता है। इस रत्न को गले में धारण करने से साँपों के काटने का भय दूर हो जाता है। साथ ही जातक के नशे की आदत भी छूट जाती है। पेट मे अत्यधिक मात्रा में बनने वाले एसिड को भी यह उपरत्न कंट्रोल कर लेता है। इसके अलावा धारणकर्त्ता की मानसिक क्षमताओं और दाएं मस्तिष्क की गतिविधियों में वृद्धि करता है। शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को ये काफी मजबूत करता है। साथ ही खून को साफ करने में भी ये रत्न काफी फ़ायदेमंद है और इसे धारण करने से सिरदर्द में भी आराम मिलता है। रक्त में मधुमेह की मात्रा को नियंत्रित करता है। जिन व्यक्तियों को अनिद्रा की समस्या है उन्हें इस उपरत्न को सोने से पहले अपने तकिए के नीचे रखना चाहिए। इस उपरत्न से धारणकर्ता को चोर-लुटेरो से भी मुक्ति मिल जाती है और व्यक्ति चैन की नींद सोता है।
वैसे तो ये फरवरी महीने का बर्थस्टोन है तो मकर और कुंभ राशि के जातक तो इसे जरूर धारण करें। इनके लिए ये बहुत लाभकारी होता है। इसके अलावा मेष, कर्क, सिंह वृश्चिक राशि के लोग भी इस रत्न को धारण कर सकते है। अमेथिस्ट को पुखराज, माणिक्य, मोती, मूँगा रत्नों तथा इनके उपरत्नों के साथ धारण नहीं करना चाहिए।
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