जून में पैदा होने वालों के लिए शुभ रत्न मोती होता है। इसे मुख्य रूप से चन्द्रमा का रत्न माना जाता है। इसलिए चंद्रमा की तरह ही ये भी शांत, सुन्दर और शीतल रत्न माना जाता है। जून में पैदा हुए लोग अपनी जीवन की परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए मोती धारण करते हैं। इस रत्न को खास अंगुली में पहनने बाद जातक की कुंडली पर शुभ प्रभाव पड़ता है। कहते हैं कि जातक को चंद्रमा की स्थिति और उसके प्रभाव के अनुसार ही मोती को धारण करना है और उसका प्रभाव भी उसी के अनुसार मिलता है। सलाह यह भी दी जाती है कि मोती धारण करने से पहले किसी जानकार की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। कहते हैं कि मोती का प्रभाव कभी तेज नहीं होता। इसका प्रभाव धीरे-धीरे होता है। इसलिए ही लोगों को गलतफहमी होती है कि मोती से कोई नुकसान नहीं होता। जबकि सच्चाई ये है कि मोती धीरे धीरे काफी नुकसान भी पहुंचा सकता है।
वैसे तो मोती रत्न नहीं बल्कि एक जैविक संरचना है। लेकिन, इसके बाद भी इसको नवरत्नों की श्रेणी में रखा जाता है। यह रत्न ज्यादातर सफेद रंग का होता है। लेकिन मोती अनेक रंग रूपों में मिलते हैं। इनके रूप-रंग तथा आकार के हिसाब से ही इनकी कीमत आंकी जाती है। दुनिया में इस वक्त सबसे कीमती मोती फारस की खाड़ी और मन्नार की खाड़ी में मिलते हैं। रसायनिक दृष्टि से देखें तो मोती कैल्शियम, कार्बन और आक्सीज़न जैसे तीन तत्वों से मिलकर बना होता है। आयुर्वेद में कहा जाता है कि मोती में 90% चूना होता है। यही कारण है कि मोती को कैल्शियम् की कमी के कारण होनेवाले रोगों में लाभकारी माना जाता है।
मोती रत्न को धारण के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार के दिन होता है। इस दिन चांदी की अंगूठी में मोती पहन सकते हैं। इस अंगूठी को सीधे हाथ की सबसे छोटी उंगली में पहनने से शुभ फल मिलता है। लेकिन, ध्यान रखें कि इसको पहनने से पहले दूध, दही, शहद, घी, तुलसी पत्ते का उपयोग करके पंचामृत स्नान करें और गंगाजल साफ कर धूप-दीप और कुमकुम से पूजा करना चाहिए। इसके साथ ही ॐ चं चन्द्राय नमः मंत्र को 108 बार जपने के उपरांत अंगूठी धारण करना चाहिए। इस रत्न के अच्छे फल के लिए ध्यान रखना है कि इसकी शुद्धता बनी रहे। अंगूठी के अलावा मोती की माला भी धारण किया जा सकता है।
मोती धारण करने से मन और शरीर को शांति-शीतलता मिलती है। दरअसल, इस रत्न का सीधा मन और शरीर के रसायनों पर पड़ता है।
मोती पहनने से आर्थिक पक्ष को भी काफी मजबूती मिलती है।
जिस जातक की कुंडली में चन्द्र ग्रह के साथ राहु और केतु के योग बन रहे हो तो, उन्हें मोती रत्न धारण करने से राहु- केतु के बुरे प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है।
मोती से वैवाहिक जीवन में शांति और सुकून मिलता है। यह रत्न यौन जीवन में शक्ति प्रदान करने के लिए भी जाना जाता है।
यह रत्न मन को शांति पहुंचाता है और तनाव को घटाने में सहयोग देता है।
मोती धारण करने वालों को नींद संबंधित विकारों से छुटकारा मिलता है। इससे मन का डर भी दूर भागता है।
मोती से व्यक्ति के हार्मोन को संतुलित करने में सहयोग मिलता है।
मोती धारण करने से नेत्र, गर्भाशय व ह्रदय से संबंधित रोगों में काफी आराम मिलता है।
कई बार औषधि के रूप में भी मोती का प्रयोग किया जाता है।
इस रत्न से मधुमेह रोग को नियंत्रण में लाया जा सकता है।
मोती रत्न से याददाश्त में मजबूती होती है।
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