फाल्गुन अमावस्या: क्यों खास है इस वर्ष फाल्गुनी अमावस्या

Tue, Jan 03, 2023
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Tue, Jan 03, 2023
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
फाल्गुन अमावस्या: क्यों खास है इस वर्ष फाल्गुनी अमावस्या

फाल्गुन मास जो कि अल्हड़पन और मस्ती के लिये जाना जाता है और हिंदू वर्ष का अंतिम मास है। फाल्गुन माह में पड़ने वाली अमावस्या ही फाल्गुन या कहें फाल्गुनी अमावस्या कहलाती है।  इस वर्ष फाल्गुन अमवस्या सोमवार को होने पर ये सोमवतीअमावस्या भी कहलाएगी। यह हिंदू वर्ष की अंतिम अमावस्या भी होती है। अमावस्या से पहले दिन यानि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी भगवान शिवशंकर भोलेनाथ की आराधना के पर्व महाशिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है।

फाल्गुन अमावस्या का महत्व

हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिये वैसे तो प्रत्येक मास की अमावस्या का महत्व होता है लेकिन फाल्गुनी अमावस्या का अपना विशेष माहात्म्य है। अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिये किये जाने वाले दान,तर्पण, श्राद्ध आदि के लिये यह दिन बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है।

पंडितजी का कहना है कि मृत्यु पर्यन्त दिंवगत आत्माएं पितृ लोक पंहुचती हैं। यह उनका एक प्रकार से अस्थाई निवास होता है और जब तक उनके भाग्य का अंतिम फैसला नहीं होता उन्हें वहीं रहना पड़ता है। इस दौरान उन्हें भूख और प्यास की अत्यंत पीड़ा सहन करनी पड़ती है क्योंकि वे स्वयं कुछ भी ग्रहण करने में समर्थ नहीं होते। उनकी इस पीड़ा का निवारण तभी होता है जब भू लोक से उनके सगे-संबंधि, परिचित या कोई भी उन्हें मानने वाला उनके लिये श्राद्ध दान तर्पण करता है।

हालांकि श्राद्ध हमेशा उसी तिथि को किया जाता है जिस तिथि को दिंवगत आत्मा इह लोक से पर लोक गमन करती है लेकिन यदि यह संभव न हो और किसी कारण वह तिथि मालूम न हो तो प्रत्येक मास में आने वाली अमावस्या को यह किया जा सकता है। साल में 12 अमावस्याएं आती हैं यदि निरंतरता में प्रत्येक अमावस्या को आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कुछ अमावस्याएं विशेष तौर पर सिर्फ श्राद्ध कर्म के लिये शुभ मानी जाती हैं। फाल्गुन अमावस्या उन्हीं में से एक है।

कालसर्प दोष के निवारण के लिये पूजा भी अमावस्या के दिन विशेष रूप से की जाती है।

फाल्गुनी अमावस्या पर कई धार्मिक तीर्थों पर फाल्गुन मेलों का आयोजन भी होता है।

फाल्गुनी अमावस्या 2023 – क्यों है खास

इस वर्ष फाल्गुनी अमावस्या अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार 20 फरवरी 2023 (सोमवार) के दिन है। अमावस्या से पहले 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह अमावस्य पितरों को मोक्ष दिलाने वाली मानी जा रही है। धार्मिक तीर्थ स्थलों पर स्नानादि करें, गंगा स्नान इस दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। 

अमावस्या तिथि आरंभ –  शाम 04:18 से (19 फरवरी 2023)

अमावस्या तिथि समाप्त – दोपहर 12:35 तक (20 फरवरी 2023)

कालसर्प दोष की शांति कैसे होगी? एस्ट्रोयोगी पर देश के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से इस बारे में गाइडेंस लें। बात करने के लिये लिंक पर क्लिक करें।

यह भी पढ़ें: अमावस्या 2023 | वैशाख अमावस्या | ज्येष्ठ अमावस्या | आषाढ़ अमावस्या | सावन अमावस्या | भाद्रपद अमावस्या | अश्विन सर्वपितृ अमावस्या | माघ मौनी अमावस्या

article tag
Hindu Astrology
Spirituality
Vedic astrology
Pooja Performance
article tag
Hindu Astrology
Spirituality
Vedic astrology
Pooja Performance
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!