राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू तो यूपीए ने यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इस बार कौन होगा राष्ट्रपति की कुर्सी पर विराजमान, जानिए इस लेख में।
President Election 2022: 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है, जिसमें यूपीए की ओर से पूर्व कैबिनेट मंत्री यशवंत सिन्हा व एनडीए की ओर से झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम 21 जुलाई को आना है। इस चुनाव में किसकी जीत होने की संभावना है, इसका ज्योतिषीय दृष्टिकोण इस प्रकार है।
वर्तमान समय में यशवंत सिन्हा की जन्म पत्रिका के अनुसार गुरु की महादशा गतिमान है। जन्मांक में गुरु द्वादशेश व पराक्रमेश होकर द्वादश भाव में अपनी मूल त्रिकोण राशि में शनि से दृष्ट होकर सूर्य के नक्षत्र उत्तराषाढ़ा में विद्यमान हैं। नवांश में वर्गोत्तम होने से प्रसिद्धि व ख्याति प्रदान होगी, लेकिन सफलता की संभावना अत्यन्त कम रहेगी।
वहीं, वर्तमान अन्तर्दशा में शुक्र गतिमान हैं। जन्मांक में शुक्र योगकारक कारक होकर नीच राशि में भाग्य स्थान में विराजमान हैं व शनि से दृष्ट हैं। मंगल के नक्षत्र चित्रा में स्थित होकर नवांश में पुनः नीच राशि में स्थिति होने से राष्ट्रपति चुनाव में दावेदारी कमजोर हो रही है ।
वर्तमान समय में द्रौपदी मुर्मू के जन्मांक के अनुसार मंगल महादशा गतिमान है। जन्म पत्रिका में मंगल, चन्द्र राशि से पंचम व कर्म स्थान के स्वामी होकर भाग्य भाव में भाग्येश गुरु से दृष्ट होकर शनि के नक्षत्र उत्तराभाद्रपद में विराजमान हैं। इसके फलस्वरूप भाग्य का साथ प्राप्त होगा। जन समर्थन मिलेगा। राष्ट्रपति चुनाव में सफलता स्पष्ट रूप से प्राप्त होने का योग है। वहीं, गोचर में शनि का 12 जुलाई से मकर राशि में प्रवेश व गुरु का स्वराशि में दशम स्थान में गोचर उत्तम सफलता की स्थिति बनायेगा।
इस प्रकार राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों की कुंडली के ज्योतिष के विश्लेषण का सार यह है कि यशवंत सिन्हा की कुंडली के महादशा नाथ गुरु बारहवें भाव में विद्यमान होकर शनि से दृष्ट है व अन्तर्दशानाथ शुक्र नीच राशि में स्थित होकर शनि से दृष्ट होने से इस चुनाव में दावेदारी कमजोर हो रही है। वहीं, द्रौपदी मुर्मू की कुंडली में महादशा नाथ मंगल गुरु से दृष्ट होकर शुभ प्रभाव युक्त स्थिति बना रहे हैं व गोचर से भी प्रबल सफलता का योग स्पष्ट रूप से बन रहा है।
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By- ज्योतिष विनायक