क्या है रक्षाबंधन का धार्मिक महत्व

Thu, Aug 19, 2021
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Thu, Aug 19, 2021
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
क्या है रक्षाबंधन का धार्मिक महत्व

यह तो सभी जानते हैं कि भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार हर वर्ष हर्ष और उल्लासा के साथ श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। श्रावण मास को भगवान शिव की पूजा का माह मानते हुए धार्मिक रुप से बहुत महत्व दिया जाता है। चूंकि रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है इसलिये इसका महत्व बहुत अधिक हो जाता है। आइये जानते हैं रक्षांधन के धार्मिक महत्व को बताने वाले अन्य पहलुओं के बारे में।

 

रक्षाबंधन का त्यौहार आपके लिये क्या सौगात लेकर आयेगा जानने के लिये परामर्श करें एस्ट्रोयोगी के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से

 

धार्मिक एवं पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख

रक्षाबंधन के त्यौहार की उत्पत्ति धार्मिक कारणों से मानी जाती है जिसका उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में, कहानियों में मिलता है। इस कारण पौराणिक काल से इस त्यौहार को मनाने की यह परंपरा निरंतरता में चलती आ रही है। चूंकि देवराज इंद्र ने रक्षासूत्र के दम पर ही असुरों को पराजित किया, चूंकि रक्षासूत्र के कारण ही माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को राजा बलि के बंधन से मुक्त करवाया, महाभारत काल की भी कुछ कहानियों का उल्लेख रक्षाबंधन पर किया जाता है अत: इसका त्यौहार को हिंदू धर्म की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

 

उपाकर्म संस्कार और उत्सर्ज क्रिया

श्रावण पूर्णिमा यानि रक्षाबंधन के दिन ही प्राचीन समय में ऋषि-मुनि अपने शिष्यों का उपाकर्म कराकर उन्हें विद्या-अध्ययन कराना प्रारंभ करते थे। उपाकर्म के दौरान पंचगव्य का पान करवाया जाता है तथा हवन किया जाता है। उपाकर्म संस्कार के बाद जब जातक घर लौटते हैं तो बहनें उनका स्वागत करती हैं और उनके दांएं हाथ पर राखी बांधती हैं। इसलिये भी इसका धार्मिक महत्व माना जाता है। इसके अलावा इस दिन सूर्य देव को जल चढाकर सूर्य की स्तुति एवं अरुंधती सहित सप्त ऋषियों की पूजा भी की जाती है इसमें दही-सत्तू की आहुतियां दी जाती हैं। इस पूरी क्रिया को उत्सर्ज कहा जाता है।

 

आज का पंचांग ➔  आज की तिथिआज का चौघड़िया  ➔ आज का राहु काल  ➔ आज का शुभ योगआज के शुभ होरा मुहूर्त  ➔ आज का नक्षत्रआज के करण

 

कैसे होती है रक्षाबंधन की तैयारी

चूंकि इस दिन का बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिये साल भर इंतजार करती हैं इसलिये इसकी तैयारी भी वे पूरे जोर-शोर से करती हैं। बहनों में इस दिन गजब का उल्लास देखने को मिलता है। अपने भाई के हाथ पर राखी बांधे बिना अन्न का निवाला तक ग्रहण नहीं करती। वे प्रात: साफ सफाई कर घर में सजावट करती हैं। स्नान-ध्यान कर अगरबत्ती व धूप जलाती हैं एवं स्वादिष्ट व्यंजंन बनाती हैं। फिर फल, फूल, मिठाई, रोली, चावल और राखी एक थाल में रखकर उसे सजाती हैं। इसके बाद शुभ मुहूर्त के समय अपने भाई की लंबी उम्र और मुसीबतों से भाई की रक्षा की कामना करते हुए दायें हाथ पर राखी बांधती हैं। बदले में भाई भी अपनी बहन को हर संभव सुरक्षा का वचन देता है। वर्तमान में तो भाई कीमती भेंट भी बहनों को देते हैं।

 

यह भी पढ़ें

रक्षाबंधन - इस बार हैं यह शुभ योग   |   विश्वास और प्यार का एक पवित्र बंधन - रक्षा बंधन

अन्य त्यौहारों के बारे में महत्वपूर्णजानकारियां और लेख पढ़ने के लिये यहां क्लिक करें

article tag
Hindu Astrology
Spirituality
Vedic astrology
Rakshabandhan
Festival
article tag
Hindu Astrology
Spirituality
Vedic astrology
Rakshabandhan
Festival
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!