हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त की आवश्यकता होती है। कार्य के सफलतापूर्वक होने और शुभ परिणाम के लिए शुभ मुहूर्त पर ही कार्य की शुरुआत की जाती है। फिर चाहे वो शादी हो, व्यापार शुरू करना हो, गाड़ी खरीदनी हो इत्यादि के लिए हम ज्योतिषाचार्य से एक शुभ मुहूर्त निकलवाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार मुहूर्त तिथि, नक्षत्र, चंद्रमा की स्थिति और ग्रहों की स्थिति के आधार पर निकाला जाता है। तो चलिए हम आपको इस लेख में दिसंबर माह में पड़ने वाले शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हैं।
हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में पन्द्रहवां संस्कार है विवाह संस्कार। इसलिए विवाह के लिए भी शुभ मुहूर्त का महत्व होता है। वहीं वर्ष 2020 के दिसंबर माह में केवल 2 विवाह के शुभ मुहूर्त है, क्योंकि हिंदू पंचांग के मुताबिक चातुर्मास (चार महीने की अवधि), जिसे हिंदू शादियों के लिए अशुभ माना जाता है। वह इस बार 12 जुलाई 2020 से शुरू है और 9 दिसंबर 2020 को समाप्त होगा। किसी व्यक्ति के विवाह के लिए सबसे अच्छी और शुभ तिथि और समय का निर्धारण किसी अनुभवी ज्योतिषी के परामर्श के बाद किया जा सकता है; ऐसा इसलिए है, क्योंकि विवाह के लिए सबसे उपयुक्त और शुभ तिथि और समय, दूल्हा और दुल्हन की जन्म कुंडली और विवाह के स्थान पर भी निर्भर करता है।
01 दिसम्बर 2020, मंगलवार, सुबह 06 बजकर 57 मिनट से 02 दिसंबर 2020 सुबह 06 बजकर 57 मिनट तक, नक्षत्र: रोहिणी, मॄगशिरा, तिथि: प्रतिपदा, द्वितीया
07 दिसम्बर 2020, सोमवार, सुबह 07 बजकर 20 मिनट से दोपहर 02 बजकर 33 मिनट तक, नक्षत्र: मघा, तिथि: सप्तमी
08 दिसम्बर 2020, मंगलवार, दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से 09 दिसंबर 2020 सुबह 07 बजकर 03 मिनट तक, नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी, तिथि: अष्टमी, नवमी
09 दिसम्बर 2020, बुधवार, सुबह 07 बजकर 03 मिनट से 10 दिसंबर मध्यरात्रि 02 बजकर 07 मिनट तक, नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी, हस्त, तिथि: नवमी, दशमी
किसी भी वाहन चाहे वह बाइक, कार, बस, आदि हो, को शुभ मुहूर्त पर खरीदा जाना चाहिए, ताकि सर्वोत्तम संभव प्राकृतिक लाभों का दोहन किया जा सके। दूसरी ओर, एक प्रतिकूल या अशुभ समय में खरीदा गया वाहन, वाहन के मालिक को कई कठिनाइयों में ला सकता है, इसके अलावा मालिक की संभावित प्रगति और समृद्धि को बाधित करता है, तो आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त के बारे में।
03 दिसम्बर 2020, बृहस्पतिवार, दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शाम 07 बजकर 26 मिनट तक, नक्षत्र: पुनर्वसु, तिथि: तृतीया
04 दिसम्बर 2020, शुक्रवार, शाम 08 बजकर 03 मिनट से 05 दिसंबर 2020 सुबह 07 बजे तक, नक्षत्र: पुष्य, तिथि: पञ्चमी
09 दिसम्बर 2020, बुधवार, दोपहर 03 बजकर17 मिनट से 10 दिसंबर सुबह 07 बजकर 03 मिनट तक, नक्षत्र: हस्त, तिथि: दशमी
10 दिसम्बर 2020, बृहस्पतिवार, सुबह 07 बजकर 03 मिनट से 11 दिसंबर 2020 सुबह 07 बजकर 04 मिनट तक, नक्षत्र: हस्त, चित्रा तिथि: दशमी, एकादशी
18 दिसम्बर 2020, शुक्रवार, दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से 19 दिसंबर 2020 सुबह 07 बजकर 09 मिनट तक, नक्षत्र: श्रवण, धनिष्ठा, तिथि: पञ्चमी
20 दिसम्बर 2020, रविवार, सुबह 07 बजकर 09 मिनट से दोपहर 02 बजकर 52 मिनट तक, नक्षत्र: शतभिषा, तिथि: षष्ठी
23 दिसम्बर 2020, बुधवार, शाम 08 बजकर 39 मिनट से 24 दिसंबर 2020 सुबह 04 बजकर 33 मिनट तक, नक्षत्र: रेवती, तिथि: दशमी
27 दिसम्बर 2020, रविवार, दोपहर 01 बजकर 19 मिनट से 28 दिसंबर 2020 सुबह 06 बजकर 20 मिनट तक, नक्षत्र: रोहिणी, तिथि: त्रयोदशी
30 दिसम्बर 2020, बुधवार, शाम 06 बजकर 55 मिनट से 31 दिसंबर 2020 सुबह 07 बजकर14 मिनट तक, नक्षत्र: पुनर्वसु, तिथि: प्रतिपदा
यदि आप अशुभ मुहूर्त पर भूमि खरीदते हैं तो हो सकता है कि आपको हानि का सामना करना पड़ सके। इसलिए हम आपको दिसंबर 2020 में भूमि खरीदने के शुभ मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं।
03 दिसम्बर 2020, बृहस्पतिवार, दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से 04 दिसंबर 2020 सुबह 06 बजकर 59 मिनट तक, नक्षत्र: पुनर्वसु, तिथि: तृतीया, चतुर्थी
04 दिसम्बर 2020, शुक्रवार, सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक, नक्षत्र: पुनर्वसु, तिथि: चतुर्थी
31 दिसम्बर 2020, बृहस्पतिवार, सुबह 07 बजकर 14 मिनट से शाम 07 बजकर 49 मिनट तक, नक्षत्र: पुनर्वसु, तिथि: प्रतिपदा, द्वितीया
दिसंबर 2020 में अत्यधिक शुभ व्यवसाय तिथियों लाभकारी रूप से दुकान खोलने, कोई वाणिज्यिक लेनदेन करने या वित्तीय सौदों को निष्पादित करने के लिए भी उपयोग की जा सकती हैं। यदि शुभ मुहूर्त में व्यापार शुरू किया जाता है तो भविष्य में व्यापार में विस्तार और वृद्धि की संभावना बनी रहती है। तो आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त के बारे में।
02 दिसंबर 2020, बुधवार, तिथि - द्वितीया, नक्षत्र - मृगशिरा
05 दिसंबर 2020, शनिवार, तिथि - पंचमी, नक्षत्र - पुष्य
09 दिसंबर 2020, बुधवार, तिथि - नवमी / दशमी, नक्षत्र - हस्त
10 दिसंबर 2020, गुरुवार, तिथि - दशमी, नक्षत्र - चित्रा
11 दिसंबर 2020, शुक्रवार, तिथि - एकादशी, नक्षत्र - चित्रा
17 दिसंबर 2020, गुरुवार, तिथि - तृतीया, नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा
24 दिसंबर 2020, गुरुवार, तिथि - दशमी, नक्षत्र - अश्विनी
27 दिसंबर 2020, रविवार, तिथि - त्रयोदशी, नक्षत्र - रोहिणी
हिंदू संस्कृति में वर्णित 16 संस्कारों में सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है नामकरण संस्कार। इस संस्कार के लिए किसी पंडित या ज्योतिषी को बुलाकर नवजात की कुंडली को देखकर उसका उचित नाम रखा जाता है। खासतौर पर शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर नामकरण संस्कार किया जाता है ताकि नवजात को जीवन में सफलता, समृद्धि, सुख-शांति, व्यवसाय में बढ़ोतरी और पद-प्रतिष्ठा प्राप्त हो। तो चलिए दिसंबर 2020 में पड़े रहे शुभ मुहूर्त के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
02 दिसंबर 2020, बुधवार, तिथि - द्वितीया, नक्षत्र - मृगशिरा
09 दिसंबर 2020, बुधवार, तिथि - नवमी / दशमी, नक्षत्र - हस्त
10 दिसंबर 2020, गुरुवार, तिथि - दशमी, नक्षत्र - चित्रा
11 दिसंबर 2020, शुक्रवार, तिथि - एकादशी, नक्षत्र - चित्रा
17 दिसंबर 2020, गुरुवार, तिथि - तृतीया, नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा
18 दिसंबर 2020, शुक्रवार, तिथि - चतुर्थी / पंचमी, नक्षत्र - श्रवण
24 दिसंबर 2020, गुरुवार, तिथि - दशमी, नक्षत्र - अश्विनी
25 दिसंबर 2020, शुक्रवार, तिथि - एकादशी, नक्षत्र - अश्विनी
31 दिसंबर 2020, गुरुवार, तिथि - प्रतिपदा, नक्षत्र - पुनवर्सु
साल 2020 आरोग्य, संतान प्राप्ति और मोक्ष के लिए किया जाने वाला उत्पन्ना एकादशी का व्रत 11 दिसंबर शुक्रवार को मनाया जाएगा।
एकादशी तिथि प्रारम्भ - 10 दिसम्बर 2020 को दोपहर 12:51 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त - 11 दिसम्बर 2020 को सुबह 10:04 बजे तक
साल 2020 का आखिरी पूर्ण सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर सोमवार को पड़ेगा। हालांकि भारत में यह दर्शनीय नहीं होगा।
साल 2020 में खरमास 15 दिसंबर से शुरू होगा और मकर संक्रांति 2021 के दिन समाप्त होगा। इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्यों को करना वर्जित माना गया है।
साल 2020 में विवाह से संबंधित सभी समस्याओं को दूर करने के लिए माता सीता और भगवान राम की पूजा का पर्व विवाह पंचमी को 19 नवंबर को मनाया जाएगा।
पंचमी तिथि प्रारम्भ - 18 दिसम्बर 2020 दोपहर 02:22 बजे से
पंचमी तिथि समाप्त - 19 दिसम्बर 2020 दोपहर 02:14 बजे तक
साल 2020 में गीता जयंती का पर्व 25 दिसंबर यानि क्रिसमस के दिन मनाया जाएगा। इस दिन महाभारत काल में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसे मोक्षदा एकादशी के रूप में मनाया जाता है।
एकादशी तिथि प्रारम्भ - 24 दिसम्बर 2020 को रात्रि 11:17 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त - 26 दिसम्बर 2020 मध्य रात्रि 01:54 बजे तक
और भी पढ़ें
मार्गशीर्ष – जानिये मार्गशीर्ष मास के व्रत व त्यौहार । कैसे मनायें क्रिसमस। आज का पंचांग | आज का शुभ मुहूर्त | आज का राहुकाल | आज का चौघड़िया