कुंडली में कमजोर बुध

कुंडली में कमजोर बुध

वेदों में ज्योतिष का महत्व पाया गया है। इसलिए इसे वैदिक ज्योतिष के रूप में जाना जाता है। वैदिक ज्योतिष में किसी जातक के जीवन को प्रभावित करने में ग्रह-नक्षत्रों की एक अपनी प्रमुख भूमिका होती है। यह व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति और चाल के आधार पर व्यक्ति के व्यक्तित्व और भविष्य को प्रभावित करते हैं। यहां तक कि जातक के जीवन में घटनी वाली घटनाएं भी ग्रहों की चाल के कारण ही घटती हैं। ग्रह कभी सकारात्मक तो कभी नकारात्मक प्रभाव भी डालते हैं। इसलिए अगर किसी ग्रह की स्थिति कमजोर होती है तो ज्योतिषी आपको उस ग्रह को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय भी बताते हैं। भारत के शीर्ष ज्योतिषियों से ऑनलाइन परामर्श करने के लिए यहां क्लिक करें!

वैदिक ज्योतिष मे बुध गृह का महत्व

ज्योतिषशास्त्र में बुध को बुद्धि, वाणी और मित्र का कारक माना जाता है। भारतीय ज्योतिष में बुध को चंद्रमा का पुत्र माना जाता है। यह जातक के वैवाहिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मजबूत बुध जातक मृदुभाषी और मजाकिया स्वभाव के होते हैं। बुध के प्रभाव से जातक का शरीर सुंदर और आंखे चमकदार होती हैं। ये जातक संचार और संवाद के क्षेत्र में सफलता हासिल करते हैं। यही कारण है कि कुंडली में बुध के स्थान को जानना अति महत्वपूर्ण है और आप बुध के कमजोर स्थिति में होने और उसके दुष्प्रभाव को कम करने लिए ज्योतिष उपाय कर सकते हैं। 

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कुंडली मे कमजोर बुध के लक्षण

कुंडली में बुध दुर्बल तब होता है जब बुध अपनी नीच राशि मीन हो या तो छठें, आठवें भाव में नीच ग्रह के साथ विराजमान हो। इसके अलावा कुंडली में षष्टेश और अष्टमेश से पीड़ित होने पर बुध कमजोर हो जाता है। बुध के कमजोर होने पर कुछ समस्याएं पैदा होती हैं, जो आमतौर कमजोर बुध की निशानी हैं। 

  • कुंडली के द्वितीय भाव में नीच ग्रह के साथ बुध होने पर भाई के साथ अच्छे संबंध नहीं बन पाते हैं और पिता का कमाया हुआ धन भी व्यय हो जाता है। 

  • कुंडली के आठवें भाव में बुध का होना जातक को बीमारियों से ग्रसित करता है। जबकि नीच ग्रह के साथ मौजदू रहने पर शुभ प्रभाव भी प्राप्त हो सकते हैं। हालांकि जब राहु उसी घर में मौजूद होता है, तो व्यक्ति को जेल भी जाना पड़ सकता है। और यदि आठवें भाव में मंगल भी मौजूद है तो जातक को व्यापार में नुकसान, खून की समस्या, आंखों की समस्या, नसों की समस्या और दांतों की समस्या पैदा हो सकती है। 

  • यदि नौवें घर में नीच ग्रह के साथ बुध बैठा होता है तो बुध मानसिक बेचैनी के साथ-साथ समाज में अनादर जैसे बुरे परिणाम देता है। इससे बदनामी होती है।

  • जिस जातक की कुंडली में ग्यारहवें घर में बुध स्थिति होता है, वह बुरे परिणाम देता है। 24 वर्ष की आयु के आसपास धन और सम्मान खो सकता है। यह आपको मानसिक रूप से अशांत रखता है। 

  • कुंडली में बुध कमजोर होने आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।

  • बुध खराब होने पर आपके मान-सम्मान और यश में कमी आने लगती है।

  • जातक का मन पढ़ाई में नहीं लगता है और बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है।

  • कमजोर या पीड़ित बुध व्यक्ति को आलसी और सुस्त बनाता है। इस तरह का व्यक्ति दूसरों के साथ विश्वासघात भी कर सकता है।

  • व्यक्ति एक चापलूसी करने वाला बन सकता है या कुछ अनैतिक गतिविधियों में शामिल हो सकता है। शराब की लत भी अशुभ या कमजोर बुध का एक मजबूत संकेत है।

  • आप अपने जीवन में तेजी से बदलाव देख सकते हैं जो आपके लिए कुछ परेशानी का कारण हो सकता है। यह भी अशुभ बुध का संकेत है।

कमजोर बुध के दुष्प्रभाव को दूर करने के उपाय 

  • बुध को मजबूत करने के लिए भगवान विष्णु का ध्यान करके शुक्ल पक्ष के बुधवार को 9000 की संख्या में बीज मंत्रों का जाप करना चाहिए। 

  • बुध के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए, भगवान गणेश से प्रार्थना करनी चाहिए। प्रत्येक बुधवार को भगवान गणेश मंदिर में लड्डू का पूजन, दर्शन और भेंट करना बहुत लाभदायक होगा। बुधवार का व्रत भी रखना चाहिए। 27 बुधवार तक व्रत करना चाहिए। साथ ही, गायों को घास खिलानी चाहिए।

  • बुध के लिए रत्न पन्ना है, जो बुध के नीच प्रभाव को दूर करने के लिए पहना जाता है। पन्ना को कम से कम 3 कैरेट वजन का होना चाहिए।

  • बुध को बली बनाने के लिए सुबह के समय ब्राह्मण को हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग का दाल एवं हरे रंग के वस्तुओं का दान उत्तम माना जाता है।

  • इसके अलावा हरे रंग की चूड़ी और वस्त्र किन्नर को दान करने से बुध मजबूत होता है।

  • बुध की दशा को सुधारने के लिए रविवार को छोड़कर बाकी सभी दिन तुलसी को जल देना शुभ होता है। बुधवार के दिन तुलसी के पत्ते का सेवन करना चाहिए।

  • बुधवार को गाय को हरी सब्जी या हरी घास खिलानी चाहिए।

  • यदि बुध दुर्बल या कमजोर है तो आपको शराब, अंडे या मांस का सेवन नहीं करना चाहिए।

  • बुध के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए, आपको रात में अपने बिस्तर के पास थोड़ा पानी रखना चाहिए। अगली सुबह इस पानी को पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं।

  • बुध के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए लड़कियों को अपनी नाक छिदवानी चाहिए।

  • बुध के अशुभ परिणामों को कम करने के लिए मंदिर में दूध और चावल का दान करें।

  • रोजाना सुबह सूर्य को जल चढ़ाएं। इससे बुध मजबूत होगा।

  • छोटी लड़कियों के प्रति दयालु और दयालु बनें। जब आप अपनी बहनों, मामा और नानी या भाभी के साथ अच्छे संबंध रखते हैं तो बुध शुभ फल देता है।

  • कमजोर बुध को मजबूत करने के लिए अपनी गर्दन में चांदी की चेन या तांबे का सिक्का पहनें।

बुध का वैदिक मंत्र

ऊँ बुध बुधाय नम:।।

बुध का बीज मंत्र 

ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।।

नोट - कमजोर बुध को मजबूत बनाने के लिए किए जा रहे उपायों को यदि आप बुधवार का दिन, बुध के नक्षत्र (आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) तथा बुध की होरा में करते हैं, तो यह अधिक फलदायी होते हैं।


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