वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली चार्ट का विश्लेषण किया जाता है तो सौरमंडल के ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाता है। ग्रह-नक्षत्र हमारे जीवन और भविष्य को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। प्रत्येक ग्रह में जातक को शुभ और अशुभ दोनों परिणाम देने की शक्ति होती है। हालांकि ज्योतिषी चार्ट का अध्ययन ग्रहों की स्थिति और चाल के आधार पर ही करते हैं। इसलिए अगर किसी ग्रह की स्थिति कमजोर होती है तो ज्योतिषी आपको उस ग्रह को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय भी बताते हैं।
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ज्योतिष के अनुसार, सूर्य भी सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है। सूर्य सिंह राशि का स्वामी होता है और तुला को सूर्य की नीच राशि मानी जाती है। सूर्य को आत्मा का कारक कहा जाता है। यह पिता का प्रतिनिधित्व करता है। यदि कुंडली में सुर्य की स्थिति मजबूत है तो यह आपको मान-सम्मान और यश की प्राप्ति कराता है। साथ ही महिला की कुंडली में सूर्य का मजबूत होना पति को सफलता दिलाने की ओर संकेत करता है। यही कारण है कि जन्म कुंडली में सूर्य के स्थान को जानना अति महत्वपूर्ण है, और आप सूर्य के कमजोर स्थिति में होने और उसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष उपाय कर सकते हैं।
कुंडली में सूर्य दुर्बल तब होता है जब वह तुला राशि में हो या फिर छठें, आठवों या बारहवें घर में किसी नीच ग्रह के साथ विराजमान हो । सूर्य के कमजोर होने पर कुछ समस्याएं पैदा होती हैं, जो आमतौर कमजोर सूर्य की निशानी हैं।
यदि कुंडली के पहले भाव में सूर्य कमजोर है तो जातक को स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
अगर द्वितीय भाव में है तों आपके परिवार के लोगों के साथ संबंध प्रभावित होंगे।
इसके अलावा यदि छठें घर में है तो महिला सदस्यों और दोस्तों के साथ संबंध खराब होंगे।
वहीं सातवें घर कमजोर सूर्य आपकी पत्नी के साथ झड़प और अनबन की ओर इशारा करता है।
कुंडली के नौवें घर में कमजोर सूर्य भूमि और स्वामित्व वाली संपत्तियों के साथ समस्याएं पैदा कर सकता है।
कुंडली के 10वें घर में कमजोर सूर्य आपके पिता के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
जन्मचार्ट के 12वें घर में कमजोर सूर्य आपको अनिद्रा, बेचैनी, थकान, तनाव की स्थिति पैदा करेगा।
आमतौर पर कमजोर सूर्य के दुष्प्रभाव में हृदय संबंधित समस्याएं, उच्च रक्तचाप या अनियमित रक्त परिसरंचरण शामिल होता है।
साथ ही कमजोर सूर्य गठिया रोग, ऑस्टियोपोरोसिस, आदि जैसी हड्डियों से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है।
इसका प्रभाव आपकी आंखों पर भी पड़ सकता है। कमजोर सूर्य आपकी सुख-शांति को भंग करने का कारण भी बनता है।
यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है तो आपको गुरु, देवता और पिता का साथ नहीं मिलता है।
आपकी नौकरी भी जा सकती है और आपके घर में चोरी भी हो सकती है।
आपके अंदर अहंकार आ जाता है जिससे आपका ही नुकसान होता है।
आप किसी कानूनी विवाद में भी फंस सकते हैं।
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सूर्य को बली बनाने के लिए गाय का दान बछड़े समेत करना चाहिए।
दान स्वरूप गुड़, सोना, तांबा और गेहूं का दान करना शुभ माना जाता है।
रविवार को सोने, तांबे या चांदी की अंगूठी में स्थापित सूर्योदय के एक घंटे पहले रूबी रत्न पहनें, यह उंगली की त्वचा को छूता है। इसे गंगाजल / कच्चे दूध से धोने के बाद दाहिने हाथ की अनामिका में पहनना चाहिए।
सूर्य ग्रह की शांति के लिए रविवार के दिन व्रत रखना चाहिए और किसी गरीब को गुड़ की खीर खिलानी चाहिए।
सूर्य अगर कमजोर है तो अपने बुजुर्गों और पिता जी की सेवा करनी चाहिए।
प्रातकाल उठकर लाल पुष्प वालों पौधों को पानी देना शुभ माना जाता है।
सूर्य को मजबूत बनाने के लिए रात्रि में तांबे के पात्र में जलभर सिरहाने रख लें और सुबह उसे पी लें।
तांबे के कड़े के दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।
यदि किसी कार्य के लिए बाहर जा रहे हैं तो घर से किसी मीठी चीज को खाकर ही बाहर निकलना चाहिए।
हाथ में कलावे को 6 बार लपेटकर धारण करना शुभ माना जाता है।
बारह मुखी रुद्राक्ष को लाल धागे में अपनी गर्दन के चारों ओर पहनें।
सूर्य यंत्र को अपने पूजा घर में रखने से सूर्य का दुष्प्रभाव कम हो जाता है।
सूर्य के मजबूत करने के लिए मांस-मदिरा का सेवन ना करें और गरीबों की मदद करें।
रविवार को घर में सूर्य होम, सूर्य अभिषेक कराएं और सूर्य मंत्र का जाप 108 बार करें।
ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।
हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन् ।।
सूर्य का तांत्रिक मंत्र: ऊँ घृणि सूर्याय नम:।।
सूर्य का बीज मंत्र : ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम: ।।
नोट - कमजोर सूर्य को मजबूत बनाने के लिए किए जा रहे उपायों को यदि आप रविवार के दिन, सूर्य के नक्षत्र (कृत्तिका, उत्तरा-फाल्गुनी तथा उत्तराषाढ़ा) एवं सूर्य की होरा में करते हैं, तो यह अधिक फलदायी होते हैं।