Budha Vakri 2024: बुध की वक्री चाल से इन राशि वालों का बदलेगा भाग्य!

Fri, Nov 08, 2024
टैरो सोनिया
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Budha Vakri 2024: बुध की वक्री चाल से इन राशि वालों का बदलेगा भाग्य!

Budha Vakri 2024: बुध को ग्रहों का "राजकुमार" कहा जाता है। यह युवावस्था, बुद्धिमत्ता, और आकर्षण का प्रतीक है। बुध आपके बौद्धिक क्षमता, तार्किक सोच और व्यवसायिक कौशल को भी प्रभावित करता है। एक मज़बूत बुध व्यक्ति को आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करता है, जिससे आप अपनी करिश्माई उपस्थिति से दूसरों को अपनी ओर खींच सकते हैं। बुध (Mercury) को मिथुन और कन्या राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है। बुध मीन राशि में कमजोर होता है, जबकि कन्या राशि में इसे मूल त्रिकोण माना जाता है। बुध अंक 5 से संबंधित होता है और इसका विशेष दिन बुधवार होता है। सूर्य, शुक्र, राहु, और केतु बुध के मित्र ग्रह कहलाते हैं, जबकि मंगल, बृहस्पति, और शनि तटस्थ माने जाते हैं। चंद्रमा को बुध का शत्रु माना जाता है। साल 2024 में नवंबर माह में बुध वृश्चिक राशि में वक्री (vakri) अवस्था में होंगे, यह गोचर सभी राशि वालों के लिए अलग-अलग परिणाम लेकर आएगा। 

आइए अब बुध वक्री (Mercury retrograde) का विभिन्न राशियों (zodiac sign) पर प्रभाव जानें।

कब होगा बुध वक्री 2024 ?

जब बुध वक्री होता है, विशेषकर वृश्चिक राशि में, तो यह भ्रम और गलतफहमियों का कारण बन सकता है, क्योंकि बुध वाणी और संचार का स्वामी है। इस साल 26 नवंबर 2024 को मंगलवार, सुबह 08:11 बजे बुध वृश्चिक राशि में वक्री होगा और 16 दिसंबर 2024 तक वक्री (vakri) अवस्था में रहेगा। चलिए सभी राशियों पर इसके प्रभाव के बारे में जानते हैं। 

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बुध वक्री का मेष राशि पर प्रभाव

मेष राशि वालों के लिए, जब बुध वृश्चिक राशि में वक्री होगा, तो यह आपके आठवें भाव पर प्रभाव डालेगा। ये भाव अंतरंगता, दीर्घायु और छिपी हुई चीज़ों से जुड़ा होता है। इस दौरान आपको भ्रम का सामना करना पड़ सकता है, और ऐसी कई अप्रिय बातें सामने आ सकती हैं जिन्हें अब तक आप नजरअंदाज कर रहे थे। अब आपके पास इन्हें सुलझाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। हालांकि, ये समय आपको एक नया मौका भी देगा। मेष राशि वाले चाहें तो अपनी चिंताओं को छोड़कर अपनी ऊर्जा को खुद की उन्नति और आत्म-परिवर्तन में लगा सकते हैं।

उपाय: अपने जीवन में हरे रंग को जितना हो सके शामिल करें।

बुध वक्री का वृषभ राशि पर प्रभाव

नवंबर में वृषभ राशि वालों के लिए बुध वक्री होकर सातवें भाव पर प्रभाव डालेगा। इससे आपकी साझेदारियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। इस समय नए व्यापारिक उपक्रम शुरू करना उचित नहीं होगा। अगर आप पहले से ही किसी साझेदारी या व्यापारिक सहयोग में हैं, तो सावधानी से आगे बढ़ें और किसी भी बात को हल्के में न लें। घर के मामले में, अपने साथी को समझने के लिए समय निकालें। इस समय छोटे-मोटे विवाद बड़े झगड़ों का रूप ले सकते हैं, इसलिए बहस और टकराव से बचें। वृषभ राशि वालों को ग्रहों की स्थिति को देखते हुए शांत और संयमित रहना बहुत जरूरी है।

उपाय: गाय को हरी पत्तियां खिलाएं।

बुध वक्री का मिथुन राशि पर प्रभाव

नवंबर में बुध वक्री होकर मिथुन राशि के छठे भाव में प्रवेश करेगा। इस गोचर का प्रभाव आपके शत्रुओं और ईर्ष्या रखने वालों को और अधिक मजबूत व आक्रामक बना सकता है। इस समय आपके साथ गलतफहमियां और संवादहीनता की स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे आप अनजाने में किसी को आहत कर सकते हैं। हालांकि लोग अपनी नाराजगी खुलकर नहीं दिखाएंगे, लेकिन अंदर ही अंदर नाराज रह सकते हैं और बाद में बदला लेने की कोशिश कर सकते हैं। इस अवधि में मिथुन राशि वालों को शब्दों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कठोर या आहत करने वाली भाषा के प्रयोग से बचें, ताकि अनावश्यक टकराव से बचा जा सके।

उपाय: गणेश जी को दूर्वा घास अर्पित करें।

बुध वक्री का कर्क राशि पर प्रभाव

नवंबर में कर्क राशि के जातकों के लिए बुध वक्री होकर पंचम भाव पर प्रभाव डालेगा। बुध के वक्री अवस्था में होने के दौरान, आपके प्रेम संबंधों में छोटी-मोटी गलतफहमियां और टकराव हो सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि आप अपने रिश्ते में खुला संवाद रखें और पारदर्शिता बनाए रखें, ताकि बेवजह की समस्याओं से बचा जा सके। किसी भी प्रकार की गलतफहमी से बचने के लिए किसी भी बात को अंदाजे से न लें। अगर कोई भ्रम या असमंजस पैदा हो तो तुरंत उसे हल करें, ताकि बात बढ़ने से पहले सुलझ जाए। इसके अलावा, इस समय कर्क राशि वालों के बच्चों को भी अतिरिक्त ध्यान और देखभाल की जरूरत पड़ सकती है। उनकी सेहत का विशेष ख्याल रखें। यात्रा करने से भी बचें, जब तक कि अत्यधिक जरूरी न हो, क्योंकि इस अवधि में यात्राएं आपके लिए अनुकूल नहीं रहेंगी।

उपाय: किसी किन्नर को हरी चूड़ियां दान करें।

बुध वक्री का सिंह राशि पर प्रभाव

नवंबर में सिंह राशि वालों के लिए बुध वक्री होकर चौथे भाव में परिवर्तन लाएगा। यह सिंह राशि वालों के घर और जीवनशैली पर प्रभाव डालेगा। यह समय वाहन या संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए अनुकूल नहीं है। ऐसे फैसलों को कुछ महीनों के लिए टालना बेहतर होगा जब तक कि बुध मार्गी न हो जाए। अगर आप घर में कोई सुधार या बदलाव करने की योजना बना रहे हैं, तो यह समय विचार करने और योजना बनाने के लिए अच्छा है। हालांकि इस दौरान कोई बड़ा काम शुरू करने या प्रमुख बदलाव करने से बचें, क्योंकि इससे आर्थिक नुकसान या फिजूलखर्ची हो सकती है।

उपाय: प्रत्येक बुधवार के दिन मंदिर जाएं।

बुध वक्री का कन्या राशि पर प्रभाव

नवंबर में बुध वक्री होकर कन्या राशि वालों के तीसरे भाव को प्रभावित करेगा। इस गोचर के प्रभाव से आपके व्यक्तिगत जीवन में भ्रम और चिंता की स्थिति बन सकती है। इस समय कन्या राशि वालों के लिए भाई-बहनों और रिश्तेदारों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना जरूरी है। उनसे जुड़े रहें और अनावश्यक बहस या विवादों से बचें, क्योंकि परिवार में गलतफहमियां हो सकती हैं। इसके साथ ही, अपने निजी जीवन की अनदेखी न करें। अपने शौक और रुचियों को समय दें, क्योंकि ये आपको इस चुनौतीपूर्ण समय में तनाव और गुस्से से निपटने में मदद करेंगे।

उपाय: ‘बुध बीज मंत्र' का जाप करें।

बुध वक्री का तुला राशि पर प्रभाव

नवंबर में तुला राशि वालों के लिए बुध वक्री होकर दूसरे भाव को प्रभावित करेगा। यह गोचर आपके परिवारिक मामलों और धन संचय पर प्रभाव डालेगा। इस समय तुला राशि वालों के लिए संपत्तियों को बेचना या बड़े वित्तीय लेन-देन करना उचित नहीं रहेगा। अगर आप हानि से बचना और प्रॉफिट बुक करना चाहते हैं, तो दिसंबर तक कोई बड़ा निवेश या खरीद-बिक्री करने से बचें। परिवार में अनचाहे विवाद या बहस भी हो सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि आप शांत रहें, भावनाओं में बहकर तुरंत प्रतिक्रिया न दें, और घर में शांति बनाए रखें।

उपाय: इस दौरान हरे रंग के कपड़े पहनें।

यह भी पढ़ें: जानें साल 2025 का वार्षिक राशिफल

बुध वक्री का वृश्चिक राशि पर प्रभाव

बुध वक्री, वृश्चिक राशि वालों के लिए पहले भाव पर प्रभाव डालेगा। इस दौरान आपका ध्यान आत्म-देखभाल और व्यक्तिगत विकास पर केंद्रित रहेगा। यह समय खुद की अनदेखी करने या अधूरे काम छोड़ने का नहीं है। अपने प्रति प्रेम और देखभाल को प्राथमिकता दें, क्योंकि बाकी मामलों को बाद में सुलझाया जा सकता है। इस अवधि में वृश्चिक राशि वालों को सेहत, खान-पान, पहनावा, और मानसिक व भावनात्मक स्थिति पर खास ध्यान देना चाहिए। इस समय आपके लिए खुद के प्रति जागरूक और सतर्क रहना आपकी मदद करेगा।

उपाय: इस गोचर के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए घर में बुध यंत्र स्थापित करें।

बुध वक्री का धनु राशि पर प्रभाव

जब बुध वृश्चिक राशि में वक्री होंगे तो यह गोचर धनु राशि वालों के लिए बारहवें भाव में बदलाव लाएगा। इससे निवेश और विदेश यात्रा में देरी हो सकती है। इस समय धनु राशि वालों को अपने खर्चों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अधिक खर्च करने की इच्छा पर नियंत्रण रखें, क्योंकि आपके बचत और संपत्ति पर असर पड़ सकता है। अगले दो-तीन महीनों तक वित्तीय मामलों में धीमी गति से चलना और सिर्फ जरूरी खर्चों पर ध्यान देना बेहतर रहेगा। जो लोग विदेश में नौकरी या शिक्षा के लिए आवेदन कर रहे हैं, उन्हें इस दौरान कुछ रुकावटों या देरी का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय: मूंग दाल का दान करें।

बुध वक्री का मकर राशि पर प्रभाव

मकर राशि वालों के लिए, बुध वक्री होकर ग्यारहवें भाव पर प्रभाव डालेगा, जो लाभ से जुड़ा होता है। इस समय मकर राशि वालों को ऐसा लग सकता है कि भाग्य आपका साथ नहीं दे रहा है और चीजें ठीक नहीं हो रही हैं। लेकिन यह केवल एक अस्थायी स्थिति है, इसलिए निराश न हों और चिंता में न घिरें। धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो जाएगा। इस दौरान सकारात्मक चीज़ों पर ध्यान दें और खुद को रचनात्मक कार्यों में व्यस्त रखें ताकि आपका मन सकारात्मक बना रहे।

उपाय: किसी किन्नर को कॉस्मेटिक की चीजें दान करें।

बुध वक्री का कुंभ राशि पर प्रभाव

कुंभ राशि वालों के लिए, बुध का वक्री होना दसवें भाव में गोचर करेगा, जो आपके पेशेवर जीवन पर असर डालेगा। इस समय कुंभ राशि वालों के लिए ऑफिस की राजनीति से दूर रहना और अपने काम पर पूरा ध्यान केंद्रित करना बेहद जरूरी है। सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ अच्छे व सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। किसी भी प्रकार के विवाद या अहंकार की टकराहट से बचें, क्योंकि वर्तमान ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति को देखते हुए यह आपके हित में होगा। इस अवधि में अपनी कार्यक्षमता पर ध्यान दें, सभी लक्ष्यों को समय पर पूरा करें और छोटी-मोटी समस्याओं पर शिकायत करने से बचें।

उपाय: सौंफ का दान करें।

बुध वक्री का मीन राशि पर प्रभाव

नवंबर में मीन राशि वालों के लिए, बुध वक्री होकर नौवें भाव में परिवर्तन करेगा। नौवां भाव धर्म से जुड़ा होता है। यह समय आपकी आध्यात्मिकता को अधिक गहरा करने और ईश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अनुकूल है। इस दौरान मंदिरों या अन्य धार्मिक स्थानों पर दान और सेवा करने से मीन राशि वालों को मानसिक शांति और संतुष्टि मिलेगी। ध्यान में समय बिताना और आत्म-विकास के लिए नई चीजें सीखना आपके जीवन और घर में सकारात्मकता लाने में मदद करेगा।

उपाय: गणेश संकट नाशन स्तोत्र का पाठ करें।

यहां बुध के वक्री होने की सामान्य भविष्यवाणियां दी गई हैं। अगर आप व्यक्तिगत प्रभाव जानना चाहते हैं तो एस्ट्रोयोगी के विशेषज्ञ ज्योतिषी टैरो सोनिया से संपर्क कर सकते हैं। आपके लिए पहली कॉल या चैट बिलकुल फ्री है।

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