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विवाह के लिए इस वर्ष के पहले 4 महीने अति उत्तम रहेंगे। जो जातक विवाह के इच्छुक हैं, अप्रैल तक उनके विवाह के तय होने की पूरी संभावना रहेगी। अप्रैल के बाद जातक का मन थोड़ा विचलित रह सकता है, जिन लोगों के विवाह की उम्र निकल चुकी है, उन लोगों का मन विवाह से हटने लगेगा। उनकी विवाह में रुचि नहीं रहेगी। इस समय में उनका आध्यात्मिक विकास होना शुरू हो जाएगा। जिन लोगों के बीच मनमुटाव चल रहा था, वह मनमुटाव समाप्त होगा। पति-पत्नी के रिश्ते मधुर होंगे। इस वर्ष में केवल आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। अन्यथा आपके रिलेशनशिप में खटास आ सकती है। इस वर्ष आपके ससुराल पक्ष से आपके संबंधों में खटास आ सकती है। परंतु इसके साथ ही ससुराल पक्ष से धन प्राप्ति भी हो सकती है।
इस वर्ष 22 जनवरी तक शुक्र आपकी कुंडली के एकादश भाव में गोचर करेंगे, जिसके बेहद सकारात्मक प्रभाव आपको देखने को मिलेंगे। जो जातक विवाह के लिए जीवनसाथी की तलाश कर रहे हैं, उनकी तलाश इस अवधि में समाप्त हो सकती है। 22 जनवरी से 15 फरवरी के बीच आपका विवाह तय हो सकता है, क्योंकि इस अवधि में शुक्र आपकी कुंडली के द्वादश भाव में गोचर करेंगे, जहां उनकी युति शनि के साथ होगी। क्योंकि द्वादश भाव में शुक्र उच्च का प्रभाव रखते हैं, इसलिए यह समय आपका विवाह तय होने के लिए अति शुभ रहेगा।
15 फरवरी से 12 मार्च तक शुक्र आपकी कुंडली के प्रथम भाव में गोचर करेंगे, जिसके चलते आपके जीवन में निखार आएगा। आपका आकर्षण स्तर बढ़ेगा। आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी। इस अवधि में जो जातक प्रेम संबंध की शुरुआत करना चाहते हैं, उन्हें सफलता प्राप्त होगी। आपके जीवन में प्रेम का आगमन होगा। 12 मार्च से 6 अप्रैल तक शुक्र आपके द्वितीय भाव में गोचर करेंगे, यहां उनकी युति राहु के साथ रहेगी। जिसके चलते आपका ध्यान अपने प्रेमी या जीवनसाथी से भटक कर किसी तीसरे की तरफ लग सकता है, जिसके कारण आपके चरित्र पर अंगुली उठ सकती है, तो यह अवधि थोड़ा संभल कर चलने वाली होगी।
6 अप्रैल से 2 मई तक शुक्र आपकी कुंडली के तृतीय भाव में गोचर करेंगे, इसके फलस्वरूप जातक अपने जीवन साथी के साथ किसी दूरगामी यात्रा पर जा सकते हैं और यह आपके लिए यादगार पल बन सकता है। 2 मई से 30 मई तक शुक्र आपकी कुंडली के चतुर्थ भाव में गोचर करेंगे, इस अवधि में आप अपने जीवनसाथी को कुछ बड़ा उपहार दे सकते हैं, इस अवधि में आप अपने जीवनसाथी के नाम पर कोई वाहन या प्रॉपर्टी भी खरीद सकते हैं। प्रेमी-प्रेमिका के बीच प्रेम संबंधों का विस्तार होगा तथा संबंधों में मिठास बढ़ेगी। 30 मई से 7 जुलाई तक शुक्र आपकी कुडली के पंचम भाव में विराजमान होंगे, यह समय उन जातकों के लिए बेहद शुभ रहेगा, जो जातक जीवन में अकेलापन महसूस करते हैं, क्योंकि इस अवधि में उनके जीवन में प्रेम का आगमन होगा तथा नया प्रेम संबंध शुरू होगा।
7 जुलाई से 7 अगस्त तक शुक्र आपकी कुंडली के छठवें भाव में गोचर करेंगे, यह स्थान शुक्र के लिए उपयुक्त नहीं है, इसलिए इस अवधि में प्रेमी-प्रेमिका के संबंधों के बीच दरार आ सकती है। किसी तीसरे की वजह से जीवनसाथी के साथ तकरार हो सकती है। इस अवधि में आपको अपना चरित्र खराब नहीं करना है, क्योंकि इस अवधि में आपके चरित्र पर आंच भी आ सकती है। 7 अगस्त से 2 अक्टूबर तक शुक्र आपकी कुंडली के पंचम भाव में गोचर करेंगे, इस अवधि में आपके संबंधों में पुनः मिठास आएगी तथा आप अपने प्रेमी के साथ सहज महसूस करेंगे। आपके बीच गिले-शिकवे दूर होंगे। 2 अक्टूबर से 3 नवंबर तक शुक्र पुनः आपके छठवें भाव में गोचर करेंगे, यहां परिस्थिति पुनः खराब हो सकती है। इस अवधि में आपके जीवनसाथी या प्रेमी आप पर शक़ कर सकते हैं। इस अवधि में आप विपरीत लिंग की तरफ आकर्षित हो सकते हैं। जिससे आपके संबंध अपने जीवन साथी के साथ खराब हो सकते हैं। यदि आप इस अवधि में अपने चरित्र को त्याग देते हैं, तो आपका अपने जीवनसाथी या प्रेमी से सदा के लिए विच्छेद हो सकता है।
3 नवंबर से 30 नवंबर तक शुक्र आपके सप्तम भाव में गोचर करेंगे, यह स्थान शुक्र का अपना स्थान है, परंतु यहां वह अपनी नीच राशि में विराजमान रहेंगे। इसलिए उनके सकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाएंगे। यह समय आपके चरित्र को खराब करने वाला रहेगा। इस अवधि में आप एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में लिप्त हो सकते हैं, जिससे आपका वैवाहिक जीवन तहस-नहस हो सकता है। आपको मान-प्रतिष्ठा की हानि हो सकती है। 30 नवंबर से 30 दिसंबर तक शुक्र आपके अष्टम भाव में विराजमान रहेंगे, यहां भी परिस्थिति में सुधार देखने को नहीं मिलेगा। आपके जीवनसाथी से संबंध खराब हो सकते हैं। यहां शुक्र की स्थिति तलाक की नौबत भी ला सकती है।
✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी
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