धार्मिक लोगों की अपने इष्ट देवी-देवताओं में गहरी आस्था होती है। अपने इष्ट को प्रसन्न करने के लिये हर धार्मिक रीति-रिवाज़ को पूरा करने के अपने-अपने विधान भी हैं। हिंदू धर्म में खासकर यह बहुत मायने रखता है। कोई भी पूजा तब तक सफल नहीं मानी जाती जब तक उसे विधिपूर्वक न किया जाये। पूजा अर्चना करते समय दिया जलाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दियों को इन दीपकों को जलाने की भी एक विधि है। अगर सही दिशा में दीपक की लौ न जलाई जाये तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है। आइये जानते हैं इसके फायदे व नुक्सान के बारे में।
दीपक सिर्फ दिवाली पर ही नहीं जलाये जाते बल्कि पूजा अर्चना सहित हर मांगलिक कार्यक्रम में दीपक जलाया जाता है। दीपक की लौ सिर्फ रोशनी की प्रतीक नहीं है बल्कि वह अज्ञानता के अंधकार को हटाकर ज्ञान के प्रकाश से जीवन को रोशन करने की प्रतीक है। दरिद्रता के तिमिर का नाश कर खुशियों से जीवन को जगमगा देने की प्रतीक है। नकारात्मकता से चौंधियाये अंधेरे मन में सकारात्मकता के प्रकाश की किरणों की प्रतीक है। इसलिये उसके सही दिशा में होने से ही शुभ फल प्राप्त होते हैं।
दीपक की लौ किस दिशा में होनी चाहिये इसके लिये वैसे तो वास्तु शास्त्र में काफी सारे नियम हैं लेकिन यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप किस देवता की पूजा कर रहे हैं और उसका वास कौनसी दिशा में है। पूर्व दिशा के बारे में सभी जानते हैं। सूर्योदय के पहली किरण के साथ ही नई आशाओं और उम्मीदों की किरणें भी फूटती हैं। पूर्व दिशा में यदि दीपक की लौ रखें तो इससे आयु में वृद्धि होती है।
यदि आप अपने व्यवसाय में लाभ, वेतन में वृद्धि आदि धन लाभ की मनोकामना के लिये दीपक जला रहे हैं तो ध्यान रहे इसकी लौ उत्तर दिशा हो। उत्तर दिशा में दिये की लौ रखना धन वृद्धि के लिये लाभकारी माना जाता है।
पूर्व और उत्तर दिशा में जहां दिये की लौ आयु और धन में वृद्धि की मनोकामना पूरी करने वाली होती है तो वहीं पश्चिम और दक्षिण में दिये की लौ होना अशुभ भी माना जाता है। पश्चिम दिशा में दिये की लौ दुख:दायी होती है और आपको कष्ट सहने पर मजबूर होना पड़ सकता है। लेकिन दक्षिण में दिये की लौ रखना और भी घातक हो सकता है। इससे व्यक्ति या परिवार को बड़ी हानि उठानी पड़ सकती है यह हानि जान-माल किसी भी भी रूप में हो सकती है।
कुल मिलाकर दीपक या दिया जलाना हर शुभ अवसर पर एक अनिवार्य परंपरा माना जाता है इसलिये दीपक की लौ सही दिशा में अवश्य होनी चाहिये।
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