ज्योतिष में केतु चंद्रमा का दक्षिणी छोर है, जिसे बिना सिर वाले सांप के रूप में दर्शाया गया है। ज्योतिष में इसे छाया ग्रह माना गया है। सामान्य धारणा में केतु को एक अशुभ ग्रह माना जाता है। हालांकि, इस बात में पूरी सच्चाई नहीं है। केतु मुख्य रूप से अध्यात्म, बुद्धि, ज्ञान, रहस्यवाद और मानसिक क्षमताओं का कारक है। इसके अलावा, केतु को मोक्ष या मुक्ति के लिए भी महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक माना जाता है। यह ग्रह मृत्यु के बाद के अनुभवों और वैराग्य से भी जुड़ा है। यदि स्थिति शुभ है, तो यह जातक को बहुत अधिक ज्ञान देता है, जबकि यदि केतु की स्थिति अशुभ है, तो यह जातक को अत्यधिक सोचने वाला बना सकता है, जो मानसिक तनाव और सुस्त विचार दे सकता है।
केतु की मित्रता बुध, शनि और शुक्र से होती है। यह चंद्रमा, सूर्य और मंगल के साथ शत्रुतापूर्ण संबंध साझा करता है। बृहस्पति के साथ, यह तटस्थ संबंध साझा करता है। कुछ विशेष घरों में यह बहुत ही सकारात्मक परिणाम देता है। इसके अलावा, बृहस्पति के साथ, यह माना जाता है कि केतु जातक को आध्यात्मिक उपचार और मोक्ष की शक्ति देता है। पहले, तीसरे, पांचवें, छठवें, नौवें और दसवें भाव में केतु सकारात्मक परिणाम देता है। केतु वृश्चिक राशि में उच्च का और वृषभ में नीच का हो जाता है।
30 अक्टूबर 2023, सोमवार को दोपहर 01 बजकर 33 मिनट पर केतु अपनी राशि तुला से कन्या राशि में गोचर करेंगे। केतु एक राशि में लगभग अठारह महीने तक रहते हैं।
आइए, अब देखते हैं कि इस गोचर का प्रत्येक राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा और उन्हें इस गोचर का अधिकतम लाभ लेने के लिए क्या उपाय करना चाहिए।
प्रिय मेष राशि के जातकों, केतु का कन्या राशि में गोचर आपकी बौद्धिक क्षमताओं में वृद्धि और शत्रुओं पर विजय के रूप में देखा जाएगा। यह ज्योतिष में सबसे शुभ गोचरों में से एक है। मेष राशि के जातकों के लिए केतु सफलता और उत्कृष्टता प्राप्त करने की इच्छा ला सकते हैं। हालांकि जातक अपने कार्यक्षेत्र से थोड़ा अलग-थलग महसूस कर सकते हैं। वे घर से अधिक काम करना चाहेंगे या अपने काम के बीच में थोड़ा ब्रेक लेना चाहेंगे। जातक अनावश्यक रूप से लड़ने के लिए उत्सुक नहीं होंगे और चल रही ऑफिस राजनीति में फस सकते हैं। इस गोचर के दौरान, जातक अपने शत्रुओं से या तो मित्रतापूर्ण संबंध बनाकर या फिर कूटनीति से निपटेंगे।
विद्यार्थीयों के लिए, चिकित्सा, रिसर्च फील्ड या कानून में करियर शुरू करने के लिए यह एक अच्छा गोचर है। शिक्षा में विदेश में अवसर आपके जीवन में नई गतिशीलता ला सकता है और चौथे घर की स्थिति के आधार पर, यह परिवर्तन विदेश में स्थायी व्यवस्था की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
उपाय: काले या किसी आवारा कुत्ते को रोजाना खाना खिलाना शुरू करें।
प्रिय वृषभ राशि के जातकों, केतु का कन्या राशि में गोचर आपकी बुद्धि, शिक्षा और रिश्तों पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। इस गोचर के दौरान, जातक अपने लव पार्टनर से थोड़ा अलग महसूस कर सकते हैं और उन्हें रिश्ते में बने रहने के लिए लगातार प्रयास करने की आवश्यकता पड़ सकती है। आपके रिश्ते में कुछ परेशानी आ सकती है, लेकिन साथ ही, यह जातक में प्यार और रोमांस के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव लाएगा। यह गोचर दिमाग और सोच की तीव्रता के लिए अच्छा होगा और जातक को बुद्धिमान व जागरूक बनाएगा। शिक्षा के फील्ड में आपकी रुचि बढ़ेगी। ऑफिस में प्रमोशन हो सकता है और आपको आसानी से इसका लाभ भी प्राप्त होगा।
इस गोचर से जातकों को अपने जीवन के आध्यात्मिक पहलुओं की गहरी समझ भी हो सकती है।
उपाय: सफेद और काले कपड़े या जूते पहनने से बचें। कोशिश करें कि हल्के रंग जैसे सफेद, ऑफ-व्हाइट, पीला आदि पहनें।
प्रिय मिथुन राशि के जातकों, केतु का कन्या राशि में गोचर आपके पारिवारिक मामलों और भावनात्मक सुरक्षा पर प्रभाव डालेगा। इस गोचर के दौरान, जातक के परिवार के सदस्य उनके रूढ़िवादी विचारों के कारण उनसे असहमत होंगे। मिथुन राशि वाले काम के सिलसिले में अपने घर से दूर, किसी स्थान पर जा सकते हैं लेकिन इस ट्रांसफर से घरेलू शांति में कमी होगी। हालांकि साथ ही यह करियर के लिए नए अवसर भी दे सकता है। परिवार के साथ आनंद कम रहेगा। जीवन में सकारात्मकता के लिए जातकों को लगातार आध्यात्मिकता और आंतरिक शांति पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
मिथुन राशि वाले धैर्य रखें और सभी कार्यों को सावधानी के साथ करें। यह गोचर जातक को आंतरिक ज्ञान भी देगा जिससे निर्णय लेने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, इस गोचर के दौरान जातक को रियल एस्टेट में निवेश की सलाह नहीं दी जाती है।
उपाय: रोजाना सुबह गणेश संकट नाशन स्तोत्र का पाठ करना शुरू करें और मंदिर में भगवान गणेश को दूर्वा घास चढ़ाएं।
यह भी पढ़ें : कब है दही हांड़ी पर्व ? जानें कैसे मनाया जाता है ये पर्व
प्रिय कर्क राशि के जातकों, आपके लिए केतु का कन्या राशि में गोचर, मानसिक चिंता, भाई-बहनों के साथ परेशानी, कड़ी मेहनत और साहस के साथ देखा जाएगा। इस गोचर के दौरान, आप में मेहनत करने का उत्साह कम रहेगा। आप के जीवन में प्रेरणा की कमी रहेगी, जिसके कारण काम का बोझ बहुत अधिक रहेगा और करियर में प्रगति धीमी होगी। हालाँकि, यदि आप दृढ़ संकल्प के साथ निर्णय लेते है और आलस्य व विलंब से बचते हैं, तो यह गोचर आपके जीवन में सभी बाधाओं को दूर करने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह नए अवसर और जीवन में एक नया विकास लाने के लिए बहुत शुभ होगा।
यह गोचर आप को विदेश यात्रा और धन में वृद्धि का आशीर्वाद भी दे सकता है। भाई-बहनों से कुछ बहस हो सकती है और यदि आप पहले से ही अपने भाई-बहनों के साथ अच्छे संबंध साझा नहीं करते हैं, तो परेशानी हो सकती है।
उपाय: जब भी संभव हो गरीब लोगों को मिठाई दान करें और रोजाना सुबह दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
प्रिय सिंह राशि के जातकों, केतु का कन्या राशि में गोचर आपके संचार, पारिवारिक जीवन, वैवाहिक जीवन और धन पर प्रभाव डालेगा। इस गोचर के दौरान, आप दूर स्थानों की यात्रा कर सकते हैं और कुछ समय के लिए अपने परिवार से अलग रह सकते हैं। यदि शारीरिक रूप से नहीं, तो कुछ गलतफहमियों या विचारों के कारण आपको अपने परिवार से मानसिक अलगाव का अनुभव हो सकता है। आप वित्त के बारे में सोचेंगे। आप धन की तुलना आसपास के लोगों से कर सकते हैं। इसके साथ ही आप भविष्य के लिए निवेश के बारे में अधिक सोचना शुरू कर देंगे।
यह गोचर, उपहार और पैतृक संपत्ति की विरासत के लिए अच्छा रहेगा, लेकिन परिवार में छिपे शत्रुओं से सावधान रहें। आप का झुकाव आध्यात्मिकता की ओर होगा और आपके द्वारा आत्म-खोज पर भी जोर दिया जा सकता है।
उपाय: जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े, कंबल और छाते दान करें और विशेष रूप से भूरे, स्लेटी और काले जैसे गहरे रंगों के कपड़े दान करें।
प्रिय कन्या राशि के जातकों, आपके लिए केतु का कन्या राशि में गोचर आध्यात्मिकता में वृद्धि, आत्म-देखभाल और अनुशासन की कमी के साथ देखा जाएगा। इस गोचर के दौरान, आप में एकांत, आत्मनिरीक्षहस्वयं की गरी समझ की इच्छा बढ़ेगी।
इस गोचर के दौरान, आप काफी भटकाव महसूस करेंगे और इसकी वजह से आपके करियर और वित्त को नुकसान होगा। आप के रिश्तों में भी उतार-चढ़ाव रहेगा लेकिन एक निश्चित समय के बाद वह स्थिर हो जाएगा। यदि आप अपने आप पर नियंत्रण रखें, काम टालने से बचें और जीवन में अनुशासन बनाए रखें, तो ये सभी चीजें नियंत्रित हो जाएंगी और केतु सकारात्मक परिणाम देगा। आप की अंतर्ज्ञान शक्तियों में वृद्धि होगी जिससे आपके अंदर आपके आस पास रहने वाले लोगों को सही ढंग से जानने और समझने की क्षमता विकसित हो सकती है। यह गोचर जातक की आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत हो सकता है, जिससे भविष्य में बहुत लाभ होगा।
उपाय: पके हुए चावल में थोड़ा नमकीन दही डालें। काले तिल डालकर किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख दें।
प्रिय तुला राशि के जातकों, आपके लिए केतु का कन्या राशि में गोचर अपरंपरागत आध्यात्मिक विचारों, मन की स्थिति, परिपूर्णता और व्यर्थ खर्चों के साथ देखा जाएगा। इस गोचर के दौरान, आप एकांत में रहना पसंद करेंगे और एकांत और आत्मनिरीक्षण का आनंद उठाएंगे। इससे लगाव को त्यागने और मुक्ति पाने की आवश्यकता भी उत्पन्न हो सकती है। ख़र्चों में वृद्धि होगी जिसका असर आप की कुल संपत्ति पर पड़ेगा। इसके साथ ही यह गोचर जातकों के लिए विदेश जाने के अवसर और करियर में बड़े व नए अवसर लेकर आएगा। हालांकि जातक के रिश्ते कठिन दौर से गुजर सकते हैं, लेकिन मुद्दों को संभालने के लिए समझदारी की आवश्यकता होगी। जातकों को शत्रुओं से सचेत रहने की सलाह दी जाती है।
उपाय: रोजाना आवारा काले कुत्तों को खाना खिलाना शुरू करें और गणेश संकट नाशन स्तोत्र का पाठ करें।
यह भी पढ़ें : कब है गणेश चतुर्थी? जानें तिथि और शुभ मुहूर्त!
प्रिय वृश्चिक राशि के जातकों, आपके लिए केतु का कन्या राशि में गोचर मित्रता, सामाजिक दायरे और जीवन के लक्ष्यों पर प्रभाव डालेगा। इस गोचर के दौरान, आप पारंपरिक इच्छाओं से अलगाव का अनुभव कर सकते हैं और जीवन में अपरंपरागत आकांक्षाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी और आपको उतार-चढ़ाव का अनुभव हो सकता है। आपको अपने करियर में वृद्धि देखने को मिलेगी और इसमें गति आएगी। यदि व्यक्तिगत जन्म कुंडली में भी मजबूत योग हो तो प्रमोशन हो सकता है।
आप के मन में सामाजिक परिवर्तन या कल्याण लाने की दिशा में भी विचार आएंगे। आपके अपने लाइफ पार्टनर के साथ रिश्तों में गलतफहमी और एक बड़े कम्युनिकेशन गैप के कारण कुछ परेशानी आ सकती है। इस गोचर के दौरान, बहुत से लोग आपके जीवन में मित्र के रूप में आएंगे, लेकिन आप को सलाह दी जाती है कि नए रिश्ते बनाने और घर पर अनावश्यक सामाजिक समारोहों में बहुत सतर्क रहें।
उपाय: प्रतिदिन सुबह दुर्गा चालीसा का पाठ करें और प्रत्येक शुक्रवार को देवी दुर्गा मंदिर जाएं।
प्रिय धनु राशि के जातकों, आपके लिए केतु का कन्या राशि में गोचर करियर, सामाजिक स्थिति और अधिकार पर प्रभाव डालेगा। इस गोचर के दौरान, आप को उद्देश्य और आध्यात्मिक विकास की भावना के साथ भौतिक महत्वाकांक्षाओं को संतुलित करने की आवश्यकता होगी। ये 18 महीने आपके धैर्य की परीक्षा के होंगे क्योंकि चीजें उस दिशा में नहीं जाएंगी जिसकी आपको उम्मीद होगी। आपको विदेश जाने का अवसर मिल सकता है। इस गोचर के दौरान, ख़र्चों में वृद्धि होना निश्चित है, लेकिन चिंता न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये ख़र्चे अच्छे कार्यों के लिए होंगे और रिटर्न भी देखने को मिलेगा। ऑफिस में, आपको सीनियर्स का साथ नहीं मिल पाएगा और उनके अधीन काम करने में आपकी रुचि कम होगी। सलाह दी जाती है कि किसी भी बात पर तुरंत प्रतिक्रिया न करें और परिणामों के बारे में सोचें व योजना तैयार करें।
उपाय: अपनी रसोई की पैंट्री में हमेशा शहद से भरा एक बर्तन रखें और भगवान गणेश को दूर्वा घास अर्पित करें।
प्रिय मकर राशि के जातकों, आपके लिए कन्या राशि में केतु का गोचर उच्च शिक्षा, आध्यात्मिक यात्रा, करुणा और धर्म की समझ पर प्रभाव डालेगा। इस गोचर के दौरान, आपको गहरे दार्शनिक प्रश्नों का पता लगाने और आध्यात्मिक सत्य की खोज करने की इच्छा का अनुभव हो सकता है। यह गोचर आप को परिवार के साथ धार्मिक यात्राओं पर ले जाएगा और सुंदर मंदिरों के दर्शन कराएगा। इस यात्रा और आध्यात्मिक प्रगति के कारण जातक बेहतर बातचीत करने में सक्षम होंगे और अपने करियर व वित्त में भी अच्छे परिणाम देखेंगे। जातकों के साहस में वृद्धि होगी और इसके कारण उपद्रवियों से निपटना आसान हो जाएगा। प्रमोशन का भी अच्छा और मजबूत योग कुंडली में बन रहा है। आप अपने पुराने ग्रुप या टीचर के विचारों से जुड़ना चाहेंगे लेकिन सक्षम नहीं हो पाएंगे। आप उनसे अपरंपरागत या अलग विचार रख सकते हैं। हालांकि आप नए रुझानों का पालन करते समय बहुत सतर्क और रूढ़िवादी होंगे और विदेशी संस्कृति के केवल उन्हीं हिस्सों को अपनाएगें जो आप को संतुष्ट कर सकें ।
उपाय: अपने बेटे या भतीजे को कुछ अच्छा उपहार दें और बेघर या जरूरतमंद लोगों को मिठाई दान करें।
प्रिय कुंभ राशि के जातकों, आपके लिए केतु का कन्या राशि में गोचर जीवन में एक परिवर्तनकारी समय, बाधाओं, और शुरुआत में वित्त में थोड़ी परेशानी के साथ देखा जाएगा। इस गोचर के दौरान, आपको अपने करियर में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और अंततः धन में भी कमी आ सकती है। शत्रुओं से बहुत सावधान रहना जरूरी है क्योंकि विरोधी इस समय जातकों को निशाना बनाने और उनके खिलाफ साजिश रचने की कोशिश करेंगे। परिवार का कोई व्यक्ति विरासत के मामलों में हस्तक्षेप कर सकता है और आप के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। आपके जीवन में तमाम बाधाओं और देरी के कारण, आपकी रुचि ज्योतिष, गुप्त और रहस्यमय चीजों में अधिक हो जाएगी। हालांकि आपको सलाह दी जाती है कि आप इन सब में शामिल होने से बचें।
इस गोचर के दौरान, आपके रिश्ते में भी दिक्कत आ सकती हैं और विवाह की गतिशीलता प्रभावित हो सकती है। आप के ससुराल वाले भी सहयोग नहीं करेंगे और आपकी उनके साथ बहस भी हो सकती है।
उपाय: रोजाना सुबह तुलसी के पत्ते खाना शुरू करें और जरूरतमंद लोगों को कंबल और छाते का दान करें।
यह भी पढ़ें : गणेश विसर्जन कब है? जानें कैसे करें विसर्जन!
प्रिय मीन राशि के जातकों, आपके लिए केतु का कन्या राशि में गोचर विवाह और व्यावसायिक संबंधों पर प्रभाव डालेगा। इस गोचर के दौरान, आप अनावश्यक ही नए रिश्ते बना सकते हैं, जो भविष्य में आपको परेशान कर सकते हैं। आपके प्रतिस्पर्धी और शत्रु प्रगति में बाधा डालने की कोशिश करेंगे, लेकिन चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि अंत में सभी शत्रु परास्त होंगे। आपका पार्टनर आपकी आलोचना करेगा और आपके स्वभाव में अचानक आए इस बदलाव के कारण वह असुरक्षित महसूस कर सकता है। कुछ झगड़े हो सकते हैं। यह गोचर आपके लिए रिश्तों में आत्म-जागरूकता में आंतरिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। विश्वास के टूट जाने के कारण सिंगल लोगों को इस दौरान रिश्तों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं होगी। व्यवसाय से जुड़े जातकों को अपने व्यवसाय का विस्तार करने का एक बहुत अच्छा विचार मिलेगा और वे इस पर गहन शोध करना शुरू कर देंगे। कोई भी पल औसत नहीं होगा। आपको सलाह दी जाती है कि आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और बहुत अनुशासित रहें।
उपाय: रोजाना सुबह देवी दुर्गा और भगवान गणेश की पूजा करें। काले और भूरे रंग से बचने की कोशिश करें और हल्के रंग जैसे सफेद, ऑफ-व्हाइट, पीला आदि पहनें।
जब केतु कन्या राशि में गोचर करता है, तो यह केतु की ऊर्जा और कन्या राशि के गुणों के बीच परस्पर क्रिया के आधार पर कई प्रकार के प्रभाव ला सकता है। पृथ्वी तत्व की राशि कन्या अपनी गहन अवलोकन कौशल के लिए प्रसिद्ध है। कन्या राशि पर शासन करने वाला ग्रह बुध, केतु के साथ उचित संबंध रखता है। केतु का कन्या राशि में स्थित होना जातक को बहुत अधिक रहस्य और छिपाव प्रदान करता है। कन्या राशि सूक्ष्मता, विश्लेषणात्मक सोच, स्वास्थ्य, सेवा और विस्तार पर ध्यान देने से जुड़ी है। कन्या राशि में केतु इन सभी गुणों को बढ़ाता है। केतु अक्सर आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि और वैराग्य से जुड़ा होता है। इस गोचर के दौरान, लोगों की आध्यात्मिक गतिविधियों, ध्यान और आत्म-जांच में रुचि बढ़ सकती है। उन्हें भौतिक इच्छाओं से अलग होने और आंतरिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने की इच्छा महसूस हो सकती है।
कन्या राशि की विश्लेषणात्मक प्रकृति केतु के प्रभाव के साथ मिलकर गहन आत्मनिरीक्षण और आत्म-विश्लेषण को प्रोत्साहित कर सकती है। लोग अपनी मान्यताओं, आदतों और विचार पैटर्न पर सवाल उठाने के लिए अधिक इच्छुक हो सकते हैं, जिससे व्यक्तिगत विकास और परिवर्तन हो सकता है। कन्या राशि सेवा और दूसरों की मदद करने से जुड़ी है। केतु का कन्या राशि में गोचर व्यक्तियों को धर्मार्थ गतिविधियों में संलग्न होने या निस्वार्थ सेवा के माध्यम से दूसरों की भलाई में योगदान करने के लिए प्रेरित कर सकता है। कन्या राशि में केतु की उपस्थिति स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर भी ध्यान दे सकती है, जिससे लोगों को अपने शारीरिक स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। इस गोचर के दौरान, उत्पन्न होने वाली किसी भी स्वास्थ्य संबंधी चिंता के प्रति सचेत रहना महत्वपूर्ण है।
गोचर की समग्र ऊर्जा बहुत सकारात्मक होगी और लोगों के जीवन में बहुत सारे सकारात्मक बदलाव लाएगी। लोग अपने जीवन के बारे में विस्तार से विचार करने लगेंगे और इसके कारण लोगों की अर्थव्यवस्था और सामान्य आदतों में सकारात्मक बदलाव आएगा।
केतु गोचर के व्यक्तिगत प्रभावों को जानने के लिए अभी सम्पर्क करें एस्ट्रोयोगी के बेस्ट एस्ट्रोलॉजर आचार्य वेद से।