16 कलाओं में निपुण भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को ठाकुर जी, नंदलाल, बांके बिहारी, मुरली मनोहर, बनवारी, कन्हैया, गोकुलनाथ, गोपाल, हरि न जाने कितने ही नामों से पुकारा जाता है। इनकी बाल लीलाओं से लेकर रासलीलाओं तक सब कुछ चमत्कारिक हैं, ये मोहन मनमोहक हैं आइये आपको बताते हैं इनकी भगवान श्री कृष्ण के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जहां देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से श्रद्धालु बांसुरी की तान पर राधा रानी को नचाने वाले प्यारे कृष्ण कन्हैया के दर्शनों के लिये आते हैं।
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माना जाता है कि वृंदावन भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का गवाह है। उनका बचपन ब्रज की ही गलियों में बिता था। कहा तो यह भी जाता है कि यहां पर स्थित मदन-मोहन, जुगल किशोर, गोपीनाथ और गोविंद जी के मंदिर गोपाल की लीलाओं से प्रभावित होकर वृंदावन में भगवान कृष्ण मुरारी के दर्शनों के लिये पंहुचे सम्राट अकबर ने बनवाये थे। यहां से थोड़ी दूरी पर पेड़ों के लिये जाना जाने वाला मथुरा भी स्थित हैं यहां स्थति इस्कॉन मंदिर एवं बांके बिहारी मंदिर पर भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। वहीं वृंदावन में ही जहां पर राधा में कृष्ण और कृष्ण में राधा नजर आती हैं। जहां राधावल्लभ विग्रह के दर्शन से ही श्रद्धालुओं की इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं इस राधावल्लभ मंदिर में भी सच्ची श्रद्धा से ही श्रद्धालु राधावल्लभ के दुर्लभ दर्शन कर पाता है।
गुजरात के द्वारका के बारे में मान्यता है कि मथुरा छोड़ने के बाद भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं इस नगरी को अपने हाथों से बसाया था। भगवान कृष्ण द्वारा बसाई इस द्वारका नगरी को सप्त पुरियों में से एक माना जाता है साथ ही यहां स्थित द्वारकाधीश मंदिर को भी चार धामों में से एक माना जाता है। द्वारकाधीश का यह 5 मंज़िला मंदिर 72 पिलरों पर बना हुआ है, जिसे लगभग 2500 साल पुराना बताया जाता है।
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इस्कॉने के माध्यम से ही भगवान श्री कृष्ण की लीलाएं विश्व पटल पर आज छायी हैं। श्रीमद्भगवदगीता के संदेश को दुनिया के अलग-अलग कौने में पंहुचाने के लिये भी इस संस्था के प्रयास सराहनीय हैं। विश्व भर से कृष्ण भक्त इस्कॉन मंदिर में आते हैं हालांकि इस्कॉन के मंदिर मथुरा के अलावा देश के अन्य हिस्सों के साथ अमेरिका जैसे देशों में भी हैं लेकिन भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा का आकर्षण विदेशी श्रद्धालुओं को बड़ी संख्या में यहां खींच ही लाता है।
यह मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है, दक्षिण भारत के सभी कृष्ण मंदिरों में स्वामी मंदिर की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मंदिर को दक्षिण भारत का द्वारका कहा जाता है। यहां भी जन्माष्टमी के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है।
यह मंदिर भी दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। कर्णाटक के मैसूर स्थित इस वेणुगोपाल मंदिर का नजारा बहुत ही अद्भुत है। कृष्ण सागर बांध के समीप बने इस मंदिर भगवान वंशीधर बांसुरी बजाते हुए नजर आते हैं।
इनके अलावा भी भगवान श्री कृष्ण के देश-भर में अनेक मंदिर हैं जिनकी अपनी-अपनी कहानियां और मान्यताएं हैं। लेकिन सिर्फ मंदिर जाकर ही भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न नहीं किया जा सकता। इसके लिये उनकी विधिपूर्वक पूजा भी जरुरी है, और सबसे जरुरी हैं कुछ बातें जिनका आपको ध्यान रखना चाहिये, जो सिर्फ विद्वान ज्योतिषाचार्य ही आपको बता सकते हैं। एस्ट्रोयोगी पर ज्योतिषीय परामर्श करने के लिये यहां क्लिक करें
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