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Shani Gochar 2025: शनि अनुशासन, जिम्मेदारी और कर्म का ग्रह है, जिसकी ऊर्जा धीमी लेकिन प्रभावशाली होती है। यह करियर, अधिकार और दीर्घकालिक उपलब्धियों पर शासन करता है। साल 2025 में शनि मीन राशि में गोचर करेंगे। शनि के राशि परिवर्तन से किसी राशि पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या शुरू हो जाती है। साढ़े साती का तीन चरणों में विभाजित होती है। पहला होता है उदय चरण जब शनि जन्म कुंडली के चंद्रमा से बारहवें भाव में प्रवेश करता है। दूसरा शिखर चरण जब शनि जन्म चंद्रमा की ही राशि में गोचर करता है। तीसरा अस्त चरण जब शनि जन्म चंद्रमा से द्वितीय भाव में प्रवेश करता है। तो आइए जानते हैं कि शनि गोचर 2025 कब हो रहा है और इसका सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
शनि का नौ ग्रहों में सबसे लंबा गोचर काल होता है। यह लगभग ढाई साल में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। इस वर्ष शनि मीन राशि में 29 मार्च 2025, शनिवार को 11:01 बजे प्रवेश करेगा। यह अवधि शनि की व्यावहारिकता और मीन राशि की आध्यात्मिकता का एक अनूठा मिश्रण होगी। इस समय आप अपने भीतर छिपे भय का सामना करने और अपनी संभावनाओं को अपनाने की प्रवृत्ति महसूस करेंगे।
इस गोचर का प्रभाव प्रत्येक राशि पर अलग-अलग होगा, जो आपकी पिछली प्रवृत्तियों और कर्मों पर निर्भर करेगा। खुद को इस परिवर्तन के लिए तैयार करने और इसके सकारात्मक अवसरों को अपनाने के लिए अपनी राशि पर शनि के प्रभाव को समझें और उचित उपाय करें।
शनि का मीन राशि में गोचर, मेष राशि वालों की कुंडली के बारहवें भाव में परिवर्तन लाएगा, जिससे साढ़े साती की पहले चरण की शुरुआत होगी। यह समय मेष राशि वालों के करियर, स्वास्थ्य, वित्त और रिश्तों के मामले में चुनौतियां ला सकता है। हालांकि, चुनौतियों के बावजूद भी आपके लिए इस अवधि में विदेश संबंधी कार्यों या विदेश में नए अवसर मिलने की संभावना भी बनी रहेगी। इस समय धैर्य, अनुकूलन क्षमता और आध्यात्मिक उन्नति पर ध्यान देना सफलता की कुंजी होगी।
उपाय: शनिवार को मंदिर में सरसों का तेल दान करें। इसके साथ ही धतूरे की जड़ अपने पास रखें।
वृषभ राशि वालों के लिए, शनि का गोचर ग्यारहवें भाव को प्रभावित करेगा। कुंडली में ग्यारहवां भाव लाभ और इच्छाओं का स्थान होता है, इसलिए यह शनि गोचर शुभ प्रभाव देने वाला रहेगा। इस दौरान वृषभ राशि वालों का ध्यान लंबी अवधि की योजनाओं, मित्रता और सामाजिक दायरे पर विशेष ध्यान रहेगा। यह समय आर्थिक योजना बनाने और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने के लिए अनुकूल है। इस दौरान आपके लिए आध्यात्मिक साधनाओं, भावनात्मक संतुलन और मानसिक शक्ति को बढ़ाने पर ध्यान देना लाभकारी रहेगा।
उपाय: शनिवार को काले तिल का दान करें। धतूरे की जड़ अपने पास रखें।
शनि का मीन राशि में गोचर, मिथुन राशि वालों की कुंडली के दसवें भाव को प्रभावित करेगा। दशम भाव करियर और प्रतिष्ठा से जुड़ा होता है, इसलिए यह गोचर पेशेवर क्षेत्र में नए अवसर और उन्नति लेकर आ सकता है। शनि की ऊर्जा मेहनत और अनुशासन के माध्यम से सफलता दिला सकती है। हालांकि, इस दौरान मिथुन राशि वालों के लिए मानसिक तनाव और थकान की संभावना भी बनी रहेगी, विशेष रूप से वर्ष के पहले भाग में। इस समय कड़ी मेहनत, अनुशासन और स्वास्थ्य व संबंधों पर ध्यान देना सबसे महत्वपूर्ण रहेगा।
उपाय: शनिवार को काले कपड़े दान करें। शनि मंत्रों और प्रार्थनाओं का जाप करें।
कर्क राशि वालों के लिए, शनि का गोचर कुंडली के नौवें भाव में बदलाव ला सकता है। नवम भाव भाग्य, उच्च शिक्षा, आध्यात्मिकता और लंबी यात्राओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह शनि गोचर विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और राहत लेकर आ सकता है, लेकिन इसका प्रभाव धीरे-धीरे दिखेगा, खासकर 2025 में। इस दौरान कर्क राशि वालों के लिए तनाव प्रबंधन, आर्थिक अनुशासन और स्वास्थ्य व संबंधों को प्राथमिकता देना अनुकूल रहेगा।
उपाय: शनिवार को काली उड़द दाल का दान करें। शनि मंत्रों और प्रार्थनाओं का जाप करें।
शनि का मीन राशि में गोचर, सिंह राशि वालों की कुंडली के आठवें भाव में बदलाव लाएगा। अष्टम भाव परिवर्तन, रहस्य, विरासत और अचानक होने वाली घटनाओं से जुड़ा होता है। इस दौरान आप नौकरी में बदलाव, नई जिम्मेदारियां या करियर से जुड़ी प्राथमिकताओं को लेकर सोच-विचार कर सकते हैं। जो लोग गहरे अध्ययन या शोध से जुड़े कार्यों में हैं, उनके लिए यह समय लाभदायक रहेगा। सिंह राशि वालों के लिए धैर्य, अनुशासन और व्यक्तिगत व आध्यात्मिक विकास पर ध्यान देना इस अवधि में सफलता की कुंजी होगी।
उपाय: शनिवार को काले तिल और सरसों के तेल का दान करें। शनि मंत्रों और प्रार्थनाओं का जाप करें।
कन्या राशि वालों के लिए, शनि का गोचर कुंडली के सातवें भाव को प्रभावित करेगा। सातवां भाव विवाह, साझेदारी और व्यापारिक संबंधों से जुड़ा होता है। इस समय आपको इन क्षेत्रों में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है। आर्थिक योजना बनाने और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने का यह उपयुक्त समय है। हालांकि, कन्या राशि वालों के रिश्तों में कुछ चुनौतियां भी आ सकती हैं। इस गोचर के दौरान संयम, अनुशासन और व्यक्तिगत व पेशेवर विकास पर ध्यान केंद्रित करना ही आपके लिए सबसे अच्छा होगा।
उपाय: शनिवार को काले कपड़े और सरसों का तेल दान करें। नीलम रत्न धारण करें।
शनि का मीन राशि में गोचर, तुला राशि वालों की कुंडली के छठवें भाव में परिवर्तन लाएगा। छठवां भाव स्वास्थ्य, ऋण और बाधाओं से जुड़ा होता है। यह गोचर मिले-जुले परिणाम लाने वाला रहेगा। करियर और वित्तीय मामलों में सकारात्मक संकेत मिल सकते हैं, लेकिन स्वास्थ्य और रिश्तों में कुछ चुनौतियां आ सकती हैं। अनपेक्षित खर्चों के कारण तुला राशि वालों को आर्थिक दबाव भी महसूस हो सकता है। इस दौरान धैर्य, अनुशासन और व्यक्तिगत व आध्यात्मिक विकास पर ध्यान देना सबसे बेहतर उपाय रहेगा।
उपाय: कौओं और आवारा कुत्तों को भोजन कराएं। नीलम रत्न धारण करें।
वृश्चिक राशि वालों के लिए, शनि का गोचर कुंडली के पांचवे भाव को प्रभावित करेगा। पांचवा भाव शिक्षा, सृजनात्मकता, संतान और प्रेम संबंधों से जुड़ा होता है। इस दौरान, वृश्चिक राशि वालों को अपने प्रेम जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। हालांकि, पारिवारिक सहयोग से वित्तीय लाभ मिलने की संभावना बनी रहेगी। लेकिन यह समय जोखिम भरे निवेश, जैसे शेयर बाजार आदि में पैसे लगाने के लिए अच्छा नहीं है। आप आध्यात्मिक साधना, भावनात्मक संतुलन और मानसिक शक्ति को बढ़ाने का प्रयास करके इस गोचर को बेहतर बना सकते हैं।
उपाय: शनिवार को काले कपड़े और सरसों का तेल दान करें। शनि मंत्रों और प्रार्थनाओं का जाप करें।
शनि का मीन राशि में गोचर, धनु राशि वालों की कुंडली के चौथे भाव में बदलाव करेगा। चौथा भाव घर, परिवार और भावनात्मक संतुलन से जुड़ा होता है। इस दौरान पारिवारिक संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं, विशेष रूप से परिवार के सदस्यों के साथ मतभेद की संभावना बनी रहेगी। हालांकि, वित्तीय स्थिति सकारात्मक रहने की उम्मीद है, और संपत्ति या पारिवारिक सहयोग से लाभ मिलने की संभावना भी है। इस समय धनु राशि वालों के लिए संयम, अनुशासन और व्यक्तिगत व पेशेवर विकास पर ध्यान देना सबसे अच्छा रहेगा।
उपाय: शनिवार को काले तिल और सरसों का तेल दान करें। नीलम रत्न धारण करें।
मकर राशि वालों के लिए, शनि का गोचर कुंडली के तीसरे भाव पर प्रभाव डालेगा, जिससे साढ़े साती के तीसरे चरण का समापन होगा। तीसरा भाव संवाद, प्रयास और भाई-बहनों के साथ संबंधों का प्रतीक होता है। यह समय करियर में उन्नति और दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अनुकूल रहेगा। आर्थिक स्थिति भी सामान्य रूप से सकारात्मक बनी रहेगी। इस दौरान मकर राशि वालों के लिए धैर्य, अनुशासन और व्यक्तिगत व पेशेवर विकास पर ध्यान केंद्रित करना सबसे अच्छा रहेगा।
उपाय: शनिवार को काली उड़द दाल और सरसों का तेल दान करें। शनि मंत्रों और प्रार्थनाओं का जाप करें।
शनि का मीन राशि में गोचर, कुंभ राशि वालों की कुंडली के दूसरे भाव को प्रभावित करेगा, जिससे साढ़े साती के अंतिम चरण की शुरुआत होगी। दूसरे भाव धन, परिवार, वाणी और मूल्यों से जुड़ा होता है। यह गोचर, वित्तीय रूप से कुंभ राशि वालों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे धन लाभ की संभावनाएं बन सकती हैं। हालांकि, स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। इस दौरान धैर्य, अनुशासन और व्यक्तिगत व पेशेवर विकास पर ध्यान केंद्रित करना लाभकारी रहेगा।
उपाय: शनिवार को काले तिल और सरसों का तेल दान करें। नीलम रत्न धारण करें।
शनि का गोचर, मीन राशि वालों की कुंडली के पहले भाव पर प्रभाव डालेगा, जिससे साढ़े साती के दूसरे चरण की शुरुआत होगी। पहला भाव आत्म-परिचय, व्यक्तित्व और व्यक्तिगत विकास से जुड़ा होता है। इस दौरान करियर में कुछ चुनौतियां आ सकती हैं, जिनमें बढ़ती जिम्मेदारियां और अस्थिरता देखने को मिल सकती है। अनपेक्षित खर्चों के कारण मीन राशि वालों की वित्तीय स्थिति पर भी असर पड़ सकता है। इस समय को धैर्य, अनुशासन और आध्यात्मिक विकास के साथ संभालना सबसे अच्छा रहेगा।
उपाय: शनिवार को काले तिल और सरसों का तेल दान करें। शनि मंत्रों और प्रार्थनाओं का जाप करें।
ये शनि गोचर की सामान्य भविष्यवाणियां हैं। अधिक सटीक और व्यक्तिगत भविष्यवाणी के लिए आप एस्ट्रोयोगी पर टैरो सृजन Tarot Srijan से संपर्क करें। आपके लिए पहली कॉल या चैट बिलकुल मुफ्त है।