ग्यारह मुखी रुद्राक्ष (11 Mukhi Rudraksha) की सतह पर 11 रेखाएं होती हैं। इस रुद्राक्ष को साक्षात रूद्रदे का अवतार माना जाता है। यह भगवान हनुमान का प्रतिनिधित्व करता है जिन्हें भगवान शिव का 11वां अवतार भी माना जाता है। नेपाल में इस रूद्राक्ष की उत्तम गुणवत्ता पाई जाती है। इसे धारण करने से जन्म और मृत्यु के चक्र के भय से मुक्ति मिलती है। इसे एकादशी रूद्र भी कहा जाता है क्योकि यह बजरंगबली की गुणवत्ता, समर्पण और ध्यान के साथ धन्य है। यह रुद्राक्ष देवराज इंद्र के आशीर्वाद से भी सुशोभित है। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप इस रुद्राक्ष को गर्दन या सिर के चारों ओर पहनते हैं तो आपको तुंरत परिणाम प्राप्त होते हैं। इस शक्तिशाली मनका को 11 देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त है, जो जीवन को बेहतर बना सकता है और जीवन की सभी समस्याओं को दूर कर सकता है।
वैदिक ज्योतिष सदियों पुराना अध्यय़न है, जो मनुष्यों के जीवन पर ग्रहों के प्रभाव पर जोर देता है। कुछ ग्रहों की चाल सकारात्मक प्रभाव डालती है और कुछ की जीवन के विभिन्न पहलुओं पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। वहीं यह ग्रह समय-समय पर राशि में परिवर्तन करते रहते हैं और साथ ही अपना व्यवहार बदलते रहते हैं। आमतौर पर एक सामान्य इंसान के लिए इन ग्रहों के प्रभाव को जान पाना काफी मुश्किल है जिसकी वजह से कई बार वह अपनी मेहनत पर ही शक करने लगते हैं, तो यह वह समय है जब आपको एक अनुभवी ज्योतिषी से संपर्क करना चाहिए जो आपकी जन्मकुंडली का अध्ययन करेगा और आपको उपचार औऱ जीवन की घटित होने वाली घटनाओं के बारे में सलाह देगा।
यह पहनने वाले को अपने वक्तव्य कौशल और उत्कृष्टता का पता लगाने के लिए बनाता है
यह शारीरिक और मानसिक शक्ति प्राप्त करने में मदद करता है
यह व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता है
यह पहनने वाले को उनकी शारीरिक इंद्रियों को नियंत्रित करने में मदद करता है
यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने के लिए निडर बनाता है
यह ध्यान और भगवान के प्रति एकल-भक्ति पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है
यह पहनने वाले के लिए सौभाग्य और भाग्य का वादा करता है
यह यात्रियों को किसी भी समस्या से सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा का काम करता है
यह व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करने में मदद करता है
यह लोगों के गुस्से को प्रबंधित करने और शांत रहने में मदद करता है
यह नेटवर्किंग कौशल को बेहतर बनाने में मदद करता है
यह शक्तिशाली भाषण देने में मदद करता है और आत्मसम्मान को मजबूत करता है
यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करने में मदद करता है
यह पहनने वाले को लंबी उम्र और सुरक्षा प्रदान करता है
यह व्यक्ति से डर को दूर करने में मदद करता है
यह असमय मौत से बचाने में मदद करता है
यह व्यापार और पेशेवर मोर्चे में स्थिरता लाने में मदद करता है
यह शनि ग्रह के प्रभाव को दूर करने में मदद करता है
यह विशुद्ध चक्र को मजबूत करने के लिए काम करता है जो गले को दर्शाता है
यह उन लोगों को प्रोत्साहित करने में मदद करता है जो जीवन में असफलताओं का सामना करते हैं और सफलता प्राप्त करना चाहते हैं
यह लोगों पर साढ़े सती के दुष्प्रभाव को कम करने में मदद करता है
यह पहनने वाले को भूत- प्रेत देवी बाधा, शत्रु भय आदी से मुक्त करने में मदद करता है।
जिस स्त्री को संतानप्राप्ति नहीं हो रही उसे यह 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आप किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से रुद्राक्ष के बारे में जानकारी लें। वह आपको जन्मकुंडली के अनुसार सही रुद्राक्ष धारण करने की सलाह देगा और इसके लाभ भी आपको प्राप्त होंगे। अनुभवी ज्योतिषाचार्यों से संपर्क करने के लिए आप एस्ट्रोयोगी पैनल पर संपर्क कर सकते हैं जहां पर आपको समस्या का समाधान और सुझाव दोनों ही मिल जाएंगे। याद रखें कि रुद्राक्ष को अपने पैसों से ही खरीदें वरना आपको इसका फायदा नहीं मिल पाएगा।
11 मुखी रुद्राक्ष (11 Mukhi Rudraksha) को धारण करने का शुभ दिन गुरुवार है। इसे धारण करने के लिए एक घी का दीपक जलाकर उसे रंगोली में रंगे हुए चावल पर रखें। रुद्राक्ष को गंगांजल या दूध से परिमार्जित करें। सुबह स्नानादि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूर्व दिशी की ओर बैठकर “ॐ ह्रीं हूं नमः” मंत्र का जाप करें। रुद्राक्ष धारण करने के बाद आप प्रतिदिन तीन माला का “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
धातु का प्रयोग : इस रुद्राक्ष की माला को रेशम या ऊन के धागे में पिरोकर चांदी या सोने में धारण करें।