6 मुखी रुद्राक्ष (6 Mukhi Rudraksha) की सतह पर 6 प्राकृतिक सीधी रेखाएं होती हैं। इसे समस्या के समाधान रुद्राक्ष रूप में माना जाता है, क्योंकि यह व्यक्ति को सभी परेशान स्थितियों से बाहर निकालता है। यह भगवान कार्तिकेय द्वारा शासित है जो भगवान शिव और पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र हैं। कार्तिकेय का जन्म ताराकसुर राक्षस को मारने के लिए हुआ था जिसने पूरे देवलोक और धरती पर आतंक मचा रखा था। 6 मुखी रुद्राक्ष मंगल ग्रह से संबंधित है लेकिन शुक्र ग्रह द्वारा शासित है। 6 मुखी रुद्राक्ष को तीन देवियों सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती का स्वरूप माना गया है। यह पहनने वाले को असीम गुणों के साथ आशीर्वाद प्रदान करता है।
प्रत्येक रुद्राक्ष भगवान शिव के किसी न किसी रूप से जुड़ा हुआ है जो ज्योतिषीय और व्यावहारिक रूप से जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है। जन्मतिथि और समय के अनुसार प्रत्येक इंसान की एक अलग जन्मकुंडली होती है, जिसमें जीवन के सभी पहलूओं के बारे में लिखा होता है। दैनिक जीवन औऱ घटनाओं पर आकाशीय पिंडों के प्रभाव को दर्शाया गया है। वहीं आप रुद्राक्ष की मदद से क्रूर ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। दो दशकों से एस्ट्रोयोगी ऐसी सभी समस्याओं में शामिल रहा है और लोगों को अबाधित सफलता के साथ तनाव मुक्त जीवन जीने में मदद मिली है। वे आपके जन्मकुंडली का विस्तार से अध्ययन करते हैं और तुरंत परिणाम के लिए उपाय सुझाते हैं। वहीं 6 मुखी रुद्राक्ष जीवन में स्वास्थ्य, धन और सुख का वादा करता है। रुद्राक्ष को धारण करने से ब्रह्महत्या जैसे भयंकर पाप से भी मुक्ति मिल सकती है। राशिनुसार तुला और वृषभ राशि के जातकों के लिए यह रुद्राक्ष शुभ माना जाता है।
सुनिश्चित करें कि आप रुद्राक्ष पहनने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लें। वह आपकी जन्मकुंडली को देखकर आपको उचित रुद्राक्ष धारण करने की सलाह देगा। अगर रुद्राक्ष ऊर्जावान नहीं है तो यह किसी काम का नहीं है और किसी भी सामान्य फैशन ज्वैलरी के जैसा होगा। इसलिए अगर आप इसे अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए पहनना चाहते हैं, इसलिए आपको अपने पैसे से रुद्राक्ष खरीदना चाहिए। 6 मुखी रुद्राक्ष को पहनने के लिए मंगलवार का दिन शुभ होता है। इसे सुर्योदय से पहले उठकर स्नानादि करने के पश्चात घर की पूर्व दिशा में बैठकर "ओम ह्रीं हं नम:" का 108 बार जाप करना चाहिए। इसके अलावा प्रतिदिन पांच माला ऊँ नम: शिवाय का जाप करना चाहिए।
सभी 6 मुखी रुद्राक्ष के बारे में जानने के लिए एस्ट्रोयोगी तक पहुँचें और अनुभवी ज्योतिषाचार्य से जन्म कुंडली के अनुसार रुद्राक्ष आदि से संबंधित सर्वोत्तम सलाह लें।