प्रत्येक रुद्राक्ष में जीवन के किसी न किसी पहलू को लाभान्वति करने का विशिष्ट गुण होता है। यह कैरियर, परिवार, प्रेम या स्वास्थ्य से जुड़ा हो सकता है। 3 मुखी रुद्राक्ष (3 Mukhi Rudraksha) की सतह पर 3 प्राकृतिक रेखाएं होती हैं, जो उसकी असली होने की पहचान को दर्शाता है। यह रुद्राक्ष नेपाल और इंडोनेशियां में पाया जाता है। 3 मुखी रुद्राक्ष मुख्य रूप से स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए काम करता है। यह अग्निदेव का स्वरूप माना गया है। अग्नि देव कठोर वैदिक देवता हैं, जो उग्र और शक्तिशाली हैं। इस रुद्राक्ष के अधिपति ग्रह मंगल है। यह मंगल और सूर्य से संबंधित दोषों को दूर करने के लिए धारण किया जाना चाहिए। 3 मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले के आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा को जला देता है और व्यक्ति के बुरे कर्म को नष्ट कर देता है, जिसेस व्यक्ति अपराध मुक्त और तनाव मुक्त हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसको धारण करने से नारी हत्या के पाप से भी मुक्ति मिल सकती है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, हम अपने पुनर्जन्म से जुड़े हुए हैं जो हमारे वर्तमान और भविष्य के जीवन की नींव रखते हैं। कुछ लोग पिछले कर्मों के काऱण इस जन्म में पीड़ित रहते हैं। 3 मुखी रुद्राक्ष(3 Mukhi Rudraksha) का संबंध ब्रह्मा विष्णु और महेश से है इसके अलावा इसे धरती, आकाश और पाताल से भी जोड़ा जाता है। इसको पहनने वाले का स्वास्थ्य, धन और ज्ञान का में बढ़ोत्तरी होती है। धारक को किसी भी प्रकार की बिमारी नहीं होती है और शत्रुओं का नाश होता है। यह उन लोगों में आत्म प्रेम को बढ़ावा देने में मदद करता है जिनके पास आत्मघृणा और मानसिक तनाव है।
3 मुखी रुद्राक्ष की खासियत यह है कि इसे धारण करने के कुछ समय बाद ही इसका सकारात्मक प्रभाव दिखाई देने लगता है।
रुद्राक्ष एक शक्तिशाली मोती है, इसे धारण करने से पहले एस्ट्रोयोगी के विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श करें। वह आपकी जन्मकुंडली का अध्ययन करेंगे और आपको सूचित करेंगे कि आपको इसे पहनना चाहिए या नहीं और यदि हां तो कौन सी मुखी आपके लिए सर्वोत्तम है उसे भी बताएंगे। 3 मुखी रुद्राक्ष को पहनने का दिन सोमवार या गुरुवार हो सकता है। रुद्राक्ष को धारण करने से पहले मंत्रो के साथ इसको अभिमंत्रित कर लेना चाहिए। सबसे पहले प्रातकाल स्नानादि के बाद रुद्राक्ष को गंगाजल औऱ कच्चे दूध में रखें। इसके बाद हनुमान जी की प्रतिमा पर लाल पुष्प अर्पित करें और उनकी पूजा-अर्चना करें। आप रुद्राक्ष मंत्र ‘ॐ क्लीं नमः’का 108 बार जाप करें। वहीं इस रुद्राक्ष को मेष, वृश्चिक और धनु लग्न और राशि के जातकों को धारण करना शुभ माना जाता है।