
Chandra Grahan 2025: वैदिक ज्योतिष में ग्रहण को केवल अशुभ नहीं माना जाता, बल्कि इसे आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण घटना माना जाता है। ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा की रोशनी कुछ समय के लिए छिप जाती है, जिससे भावनाएं गहरी हो जाती हैं, पुराने मुद्दे उभर सकते हैं और कुछ नियत घटनाएं घट सकती हैं।
इस बार का चंद्र ग्रहण (chandra grahan 2025) कुंभ राशि में हो रहा है, इसलिए यह समय भावनात्मक दूरी, सामाजिक रिश्तों की समीक्षा, और मानसिक बदलावों का हो सकता है। इस ग्रहण का प्रभाव आपकी कुंडली में कुंभ राशि किस स्थान (भाव) में है, उस पर निर्भर करेगा। साल का यह दूसरा चंद्र ग्रहण भारत समेत एशिया के अन्य देशों में भी दिखाई देगा।
तो चलिए जानते हैं चंद्र ग्रहण कब है और कितने बजे लगेगा? नीचे सभी 12 राशियों के लिए बताया गया है कि इस ग्रहण से करियर, धन, रिश्तों और भावनाओं पर क्या असर पड़ेगा। साथ ही वैदिक उपाय और मंत्र भी बताए गए हैं ताकि आप इस समय को बेहतर बना सकें।
इस साल 7 सितम्बर 2025 को पूर्ण चंद्र ग्रहण हो रहा है, यह कुंभ राशि में लगेगा, जो कि सिंह राशि के ठीक सामने आती है। वैदिक ज्योतिष में यह सिंह-कुंभ धुरी मानी जाती है जो व्यक्तिगत इच्छाओं और सामाजिक भलाई, स्वाभिमान और सेवा, स्व-प्रशंसा और जनकल्याण जैसे विषयों से जुड़ी होती है।
चंद्र ग्रहण- 07 सितंबर 2025, रात 09 बजकर 58 मिनट पर
चंद्र ग्रहण समाप्त- 08 सितंबर 2025, रात 01 बजकर 26 मिनट पर।
साल 2025 में चंद्र ग्रहण मेष राशि वालों की कुंडली के ग्यारहवें भाव पर प्रभाव डालेगा। कुंडली में ग्यारहवां भाव मुनाफे, सामाजिक संपर्क, बड़े भाई-बहन और महत्वाकांक्षाओं से जुड़ा होता है। इस दौरान चंद्र ग्रहण के प्रभाव से आप अपने लक्ष्यों को लेकर एक बार फिर सोच विचार कर सकते हैं। साथ ही आपके फ्रेंड सर्कल में भी बदलाव आ सकता है।
करियर और आर्थिक स्थिति:
आपकी इनकम में कुछ बाधा आ सकती है। मेष राशि वाले अपने प्रोफेशनल क्षेत्र में कुछ दूरी महसूस कर सकते हैं।
निजी जीवन:
आपके दोस्त भी आप से थोड़ा दूरी बना सकते हैं या उनके बारे में कोई छिपी हुई बात आपके सामने आ सकती है।
रिश्ते:
रिश्तों की बात करें तो आपको कुछ सामाजिक बंधनों के कारण बोझिल महसूस हो सकता है।
उपाय: भावनात्मक संतुलन और स्पष्टता के लिए ओम नमः शिवाय का जाप करें।
चंद्र ग्रहण वृषभ राशि वालों की कुंडली के दसवें भाव में प्रभाव डालेगा। यह भाव करियर, और पद से जुड़ा होता है। यह चंद्र ग्रहण आपकी सार्वजानिक छवि, रिश्ते और करियर क की दिशाएं बदल सकती हैं।
करियर और आर्थिक स्थिति:
आप अपनी नौकरी में थोड़ा अस्थिर महसूस कर सकते हैं। इसके साथ ही लंबे समय के लक्ष्यों पर वृषभ राशि वाले एक बार फिर सोच-विचार कर सकते हैं।
निजी जीवन:
पर्सनल लाइफ में आपके पास कई जिम्मेदारियां होंगी, जिससे आप थोड़ा परेशान भी हो सकते हैं।
रिश्ते:
किसी बड़े पद के व्यक्ति से संघर्ष हो सकता है और आपके पार्टनर को थोड़ा तनाव भी हो सकता है।
उपाय: धन आकर्षित करने और संतुलन बनाए रखने के लिए 'ओम श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' का जाप करें।
चंद्र ग्रहण मिथुन राशि वालों की कुंडली के नौवें भाव में बदलाव लाएगा। यह भाव धर्म, विश्वास, उच्च शिक्षा और यात्रा से जुड़ा होता है। इस समय आपके जीवन में आध्यात्मिक सोच में बदलाव आ सकता है। इसके साथ ही ऐसी भी आशंका है कि आपकी यात्रा की योजनाएं बदलें या गुरु जैसे किसी मार्गदर्शक से मतभेद हो जाए।
करियर और आर्थिक स्थिति:
अगर आप उच्च शिक्षा या दर्शन से जुड़े किसी क्षेत्र में हैं, तो उसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं। साथ ही, मिथुन राशि वालों को कानूनी मामलों का भी सामना करना पड़ सकता है।
निजी जीवन:
मन में बेचैनी रह सकती है और आप आत्मिक शांति की तलाश में रहेंगे।
रिश्ते:
ससुराल पक्ष के साथ मिथुन राशि वालों के वैचारिक मतभेद हो सकते हैं।
उपाय: धार्मिक संतुलन और मन की शांति के लिए "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जप करें।
चंद्र ग्रहण कर्क राशि वालों की कुंडली के आठवें भाव में बदलाव लाएगा। आठवां भाव जीवन में बदलाव, छुपे हुए राज़, सांझे संसाधन और रहस्यमयी चीज़ों से जुड़ा होता है। यह समय आपके लिए गहरे मानसिक और भावनात्मक बदलाव लेकर आ सकता है।
करियर और आर्थिक स्थिति:
इस दौरान कर्क राशि वालों को पार्टनरशिप, विरासत या टैक्स से जुड़े मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है। थोड़ा सावधानी से काम लें।
निजी जीवन:
भावनात्मक रूप से यह समय थोड़ा भारी रह सकता है, लेकिन इसी दौरान आपको कुछ गहरे मनोवैज्ञानिक सच भी समझ में आ सकते हैं।
रिश्ते:
कुछ पुराने या दबे हुए जज़्बात और राज़ कर्क राशि वालों के सामने आ सकते हैं, जिससे रिश्तों में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
उपाय: भावनात्मक उथल-पुथल और अंदर के डर को संभालने के लिए "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का जाप करें।
चंद्र ग्रहण सिंह राशि वालों की कुंडली के सातवें भाव में बदलाव लाएगा। यह भाव शादी, पार्टनरशिप और अनुबंधों से जुड़ा होता है। इस ग्रहण के दौरान आपके रिश्तों में जो असंतुलन है, वह साफ तौर पर सामने आ सकता है, चाहे वो निजी रिश्ते हों या बिज़नेस से जुड़े।
करियर और आर्थिक स्थिति:
अगर आप किसी बिजनेस पार्टनरशिप में हैं, तो उस पर दोबारा सोच विचार करने की ज़रूरत पड़ सकती है। इस समय सिंह राशि वालों को कोई नया कॉन्ट्रैक्ट या डील करने से बचने की जरूरत है।
निजी जीवन:
यह समय सिंह राशि वालों को ये समझने में मदद करेगा कि किसी भी करीबी रिश्ते में दोनों ओर से प्रयास करने की जरूरत होती हैं।
रिश्ते:
शादीशुदा ज़िंदगी या किसी महत्वपूर्ण पार्टनरशिप में कुछ ऐसे मोड़ आ सकते हैं जो आपके जीवन की दिशा बदल सकता है।
उपाय:
भावनात्मक मज़बूती और आंतरिक शांति के लिए "महामृत्युंजय मंत्र" का जाप करें।
चंद्र ग्रहण कन्या राशि वालों की कुंडली के छठवें भाव में बदलाव लेकर आएगा। यह भाव सेहत, शत्रु, कर्ज़ और सेवा भाव से जुड़ा होता है। ग्रहण के दौरान कुछ छुपे हुए विरोधी या अधूरे झगड़े फिर से उभर सकते हैं।
करियर और आर्थिक स्थिति:
ऑफिस में राजनीति या अचानक सेहत से जुड़ी दिक्कतें आपका ध्यान भटका सकती हैं। किसी से सीधा टकराव करने से फिलहाल बचें।
निजी जीवन:
अब वक्त है अपने डेली रूटीन और आदतों को बेहतर बनाने का, सेहत और मानसिक शांति दोनों के लिए।
रिश्ते:
काम का ज़्यादा बोझ या छोटी-छोटी बातों पर टोकने की कन्या राशि वालों की आदत रिश्तों में तनाव ला सकती है।
उपाय: दृढ़ता, सुरक्षा और मानसिक शक्ति के लिए "ॐ हनुमते नमः" मंत्र का जप करें।
चंद्र ग्रहण तुला राशि वालों के पांचवे भाव में हो रहा है। यह भाव रचनात्मकता, प्रेम संबंधों, बच्चों और शेयर बाजार जैसे जोखिम भरे निवेश से जुड़ा होता है। इस समय आपके प्रेम जीवन में कोई नया खुलासा हो सकता है या फिर आपकी रचनात्मकता को नई दिशा मिल सकती है।
करियर और आर्थिक स्थिति:
तुला राशि वालों को शेयर बाजार या किसी भी तरह के अनुमान पर आधारित निवेश से फिलहाल बचने की जरूरत है। सोच-समझकर ही फैसला लें।
निजी जीवन:
बच्चों को इस समय थोड़ी ज़्यादा देखभाल और ध्यान की ज़रूरत हो सकती है। साथ ही, आपकी रचनात्मक ऊर्जा थोड़ी धीमी या उलझन भरी लग सकती है।
रिश्ते:
प्रेम संबंधों को मजबूत बनाए रखने के लिए दिल से बात करना और भावनाएं खुलकर ज़ाहिर करना जरूरी होगा।
उपाय:
प्यार और सौहार्द बनाए रखने के लिए "ॐ क्लीं कृष्णाय नमः" मंत्र का जाप करें।
चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि वालों की कुंडली के चौथे भाव में बदलाव लेकर आ सकता है। चौथा भाव घर, माँ, भावनाएं और अंदरूनी शांति से जुड़ा होता है। इस ग्रहण के दौरान घर-परिवार या रहने की स्थिति में कुछ बदलाव हो सकते हैं। भावनात्मक अस्थिरता भी महसूस हो सकती है।
करियर और आर्थिक स्थिति:
अभी रियल एस्टेट में निवेश करने से बचें। वृश्चिक राशि वालों के लिए कोई बड़ा फैसला लेने से पहले सोच-विचार ज़रूरी है।
निजी जीवन:
माँ या किसी मां समान व्यक्ति के साथ भावनात्मक उतार-चढ़ाव हो सकता है। मन भी थोड़ा बेचैन रह सकता है।
रिश्ते:
घर के माहौल में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं, थोड़ी कहासुनी या तनाव की स्थिति बन सकती है।
उपाय: घरेलू शांति और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए "ॐ नमो नारायणाय" मंत्र का जाप करें।
धनु राशि वालों के लिए, चंद्रग्रहण कुंडली के तीसरे भाव में परिवर्तन लेकर आएगा। यह भाव संचार, साहस, भाई-बहन और छोटे सफरों से जुड़ा होता है। इस दौरान बातचीत में गलतफहमियाँ और अचानक लिए गए फैसले परेशानी ला सकते हैं।
करियर और आर्थिक स्थिति:
काम से जुड़ी बातचीत, ईमेल या कॉन्ट्रैक्ट्स को बहुत ध्यान से देखें। धनु राशि वालों के लिए छोटी सी चूक भी बड़ी बन सकती है।
निजी जीवन:
खुद को ज़रूरत से ज़्यादा व्यस्त करने या हर जिम्मेदारी खुद उठाने से बचें। थोड़ा रुककर चलें।
रिश्ते:
भाई-बहनों या आस-पड़ोस के लोगों से मतभेद हो सकते हैं, इसलिए शब्दों का इस्तेमाल सोच-समझकर करें।
उपाय: संचार को बेहतर बनाने और समझदारी बढ़ाने के लिए "ॐ सरस्वत्यै नमः" मंत्र का जप करें।
चंद्रमा का प्रभाव मकर राशि वालों की कुंडली के दूसरे भाव को प्रभावित कर सकता है। यह भाव परिवार, वाणी और आर्थिक स्थिति से जुड़ा होता है। इस समय आपकी पैसों से जुड़ी प्राथमिकताओं या पारिवारिक मूल्यों में अचानक बदलाव आ सकता है।
करियर और आर्थिक स्थिति:
कोई बड़ा ख़र्च या खरीदारी फिलहाल टाल दें। आर्थिक अस्थिरता थोड़ा तनाव ला सकती है।
निजी जीवन:
अपनी बात कहने से पहले सोचें, आपकी कोई सीधी बात किसी अपने को ठेस पहुंचा सकती है।
रिश्ते:
पारिवारिक मूल्यों पर सवाल उठ सकते हैं, जिससे मकर राशि वालों को रिश्तों में थोड़ी कड़वाहट महसूस हो सकती है।
उपाय: आर्थिक और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए "ॐ धन्वंतरये नमः" मंत्र का जप करें।
कुंभ राशि वालों की बात करें तो चंद्रग्रहण आपके लग्न भाव में परिवर्तन लेकर आ सकता है। आपके व्यक्तित्व, आत्म-छवि और जीवन की दिशा से जुड़ा होता है। यह समय खुद को नए तरीके से समझने और जीवन में बदलाव लाने का है।
करियर और आर्थिक स्थिति:
आप अपने करियर को लेकर थोड़ा उलझन में रह सकते हैं। यह अच्छा समय है अपने प्रोफेशनल रास्ते पर दोबारा सोचने का।
निजी जीवन:
पुराने पैटर्न या आदतें अब पीछे छूट सकती हैं, जिससे आपकी व्यक्तिगत ग्रोथ को रास्ता मिलेगा।
रिश्ते:
अपने आप से सच्चे रहें, लेकिन इस कोशिश में दूसरों से दूरी न बना लें। कुंभ राशि वालों को इस दौरान संतुलन बनाए रखने की जरूरत है।
उपाय: भीतर की ताकत और सच्चाई बनाए रखने के लिए "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
चंद्रग्रहण मीन राशि वालों की कुंडली के बारहवें भाव पर प्रभाव डालेगा। यह भाव हानि, एकांत, सपनों और मोक्ष से जुड़ा होता है। इस समय आप थोड़े भावनात्मक रूप से अलग-थलग महसूस कर सकते हैं या खुद के भीतर झाँकने का मन करेगा। कोई पुराना राज़ भी सामने आ सकता है।
करियर और आर्थिक स्थिति:
कुछ अनदेखे ख़र्चे बढ़ सकते हैं या दूसरों की मदद करने का मन ज्यादा करेगा। खर्च करते समय संतुलन बनाए रखें।
निजी जीवन:
ये समय खुद को थोड़ा आराम देने, ध्यान करने और मानसिक शांति पाने का है। अकेले समय बिताना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
रिश्ते:
भावनात्मक दूरी या किसी पुराने रिश्ते से बाहर आने की संभावना है। मीन राशि वालों को सलाह दी जाती है कि सब कुछ स्वाभाविक रूप से स्वीकार करें।
उपाय: भीतर की शांति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए "ॐ शुक्राय नमः" मंत्र का जप करें।
बड़े फैसलों से बचें: ग्रहण के आसपास के कुछ दिनों (पहले और बाद) में कोई बड़ा निर्णय लेने से परहेज़ करें।
उपवास और शुद्धता: वेदिक परंपरा के अनुसार ग्रहण के समय उपवास करना और तन-मन को शुद्ध रखना लाभदायक माना जाता है।
मंत्र जाप: ध्वनि की ऊर्जा नकारात्मकता को दूर करने में मदद करती है इसलिए अपनी राशि के अनुसार मंत्रों का जाप ज़रूर करें।
ध्यान और आत्म-विश्लेषण: बाहर की दुनिया से ज़्यादा, अपने अंदर झाँकने का समय है। ध्यान लगाएं, शांत रहें और आत्म-मंथन करें।
ग्रहण के बाद की शुद्धि: ग्रहण के बाद नमक मिले पानी से स्नान करें और ज़रूरतमंदों को दान दें यह नकारात्मक ऊर्जा को साफ करता है।
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