Shukra Gochar 2022: शुक्र का कुंभ राशि में गोचर, आपके प्रेम जीवन को बनाएंगा बेहतर

Wed, Mar 30, 2022
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Shukra Gochar 2022: शुक्र का कुंभ राशि में गोचर, आपके प्रेम जीवन को बनाएंगा बेहतर

Shukra Gochar 2022: वैदिक ज्योतिष में शुक्र सुंदरता, प्रेम, आकर्षण व भोग विलासिता पूर्ण जीवन देने वाला ग्रह है। शुक्र ग्रह पुरुष कुंडली में विवाह का कारक ग्रह माना जाता है। रोमन दंत कथाओं में शुक्र को सुबह के तारे के रूप में जाना जाता है। शुक्र वह ग्रह है जिसमें आकर्षक गुण हैं। यह कला, संगीत, नृत्य, रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र के कारण ही हम सामाजिक होते हैं। काल पुरुष कुंडली में शुक्र द्वितीय और सप्तम भाव का स्वामी है। दूसरा घर हमारे वित्त धन, पारिवारिक बंधन के लिए है, तो वहीं सातवां घर हमारे जीवनसाथी के लिए है।

शुक्र ग्रह उच्च राशि में होने पर जातक को आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करता है और वाणी भाव में शुक्र जातक की वाणी में मधुर लाता है। शरीर के अंगों के संदर्भ में यह यौन अंगों, आंखों, गुर्दे, मूत्राशय और गले पर शासन करता है। कमजोर शुक्र शरीर के अंगों में परेशानी ला सकता है। शुक्र ग्रह 31 मार्च 2022 को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर कुंभ राशि में गोचर करेंगे।

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शुक्र के राशि परिवर्तन का राशि चक्र के सभी राशियों पर प्रभाव

शुक्र हमारे प्रेम व रचनात्मक भाव, सुख, समृद्धि को नियंत्रित करता है। इसके साथ ही यह वैवाहिक जीवन में मधुरता का कारक है। ऐसे में शुक्र का कुंभ राशि में गोचर आपके जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित करने वाला है। तो आइये जानते हैं इस गोचर का कैसा रहेगा प्रभाव -

शुक्र के राशि परिवर्तन का मेष राशि पर प्रभाव: समय उत्तम है

मेष राशि के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी होंगे और बृहस्पति के साथ शुक्र ग्यारहवें घर में विराजेंगे। जिसका अर्थ है कि शुक्र का गोचर व्यावसायिक, विवाह के उद्देश्य पूर्ति के लिए फायदेमंद है। मेष अग्नि तत्व की राशि है और शुक्र वायु तत्व की राशि कुंभ में गोचर कर रहा है। इसका मतलब है कि जातक ऊर्जावान रहेंगे। छात्रों के लिए समय अच्छा है। वे वर्तमान समय में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे। कुंभ राशि में शुक्र का गोचर मेष राशि वालों के लिए अच्छा है। जो जातक निजी क्षेत्र में नौकरी कर रहे हैं उनके लिए यह समय प्रमोशन और आर्थिक वृद्धि का है। व्यापार करने वालों के लिए शुक्र का गोचर अच्छा है। यह उनके वित्तीय विकास के लिए फायदेमंद होगा। प्रेमी जातकों के लिए शुक्र गोचर उनके रिश्ते को प्रेम विवाह में बदलने का अवसर दे सकता है।

उपाय: शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी को गुलाब का फूल चढ़ाएं।

शुक्र के राशि परिवर्तन का वृषभ राशि पर प्रभाव: समय परिश्रम करने का है

शुक्र वृषभ राशि का स्वामी और धन के लिए छठे भाव का स्वामी है। शुक्र आपके लिए दसवें भाव यानी कि कर्म भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस गोचर अवधि में आप परिश्रम करने से पीछे नहीं हटेंगे और अपनी आर्थिक पक्ष को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास करेंगे। आप अपने पेशे में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होंगे। इस समय आप अपने करियर में नए अवसर प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। गोचर से आपका खर्च बढ़ सकता है। लेकिन आप अपने परिवार के साथ आनंद लेंगे। पढ़ाई के मामले में आपको प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा और सफलता मिलेगी। व्यवसायी के लिए अपने कार्यस्थल पर कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इस समय कर्मचारी आपका समर्थन नहीं करेंगे। प्रेम के मामले में आपको धैर्य रखना होगा। पार्टनर के साथ कुछ बहस हो सकती है। 

उपाय: सोमवार या शुक्रवार को शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाएं।

शुक्र के राशि परिवर्तन का मिथुन राशि पर प्रभाव: आध्यात्मिक यात्रा का समय 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र बारहवें और पांचवें भाव के स्वामी होंगे। बारहवां घर विलासितापूर्ण जीवन व्यय और नुकसान को इंगित करता है। पंचम भाव हमारी शिक्षा, प्रेम और संतान का भाव है। शुक्र आपके भाग्य भाव में गोचर करेगा अर्थात नवम भाव में, जो उच्च शिक्षा और धर्म का प्रतिनिधित्व करता है। गोचर से भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा। परिवार के साथ छोटी आध्यात्मिक यात्रा हो सकती है। इस अवधि में पढ़ाई अच्छी रहेगी, मनचाहा परिणाम मिलेगा। कार्यस्थल पर आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार के संबंध में गोचर मिला-जुला परिणाम देने वाला है। आप अपने व्यापार को विदेश में फैलाने की योजना बना सकते हैं। व्यापारिक यात्रा आपके आर्थिक विकास के लिए लाभदायक रहेगी। प्रेम जीवन में आप आनंद का अनुभव करेंगे। अच्छी लव लाइफ के लिए आपको अपने पार्टनर की भावनाओं को समझना होगा।

उपाय: जरूरतमंद लोगों को चावल का दान करें।

शुक्र के राशि परिवर्तन का कर्क राशि पर प्रभाव: प्रेम के लिए समय संवेदनशील

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और एकादश भाव के स्वामी होंगे। वैदिक ज्योतिष में चौथा भाव आराम, संपत्ति, वाहन व सुख का है। शुक्र आपके  आठवें भाव में गोचर कर रहे हैं। अष्टम भाव को ज्योतिष में अचानक परिस्थिति बदलने, मुकदमेबाजी, अप्रत्याशित लाभ और अप्रत्याशित नुकसान के लिए जाना जाता है। परंतु आपको इस गोचर से पूर्वजों की संपत्ति मिल सकती है। विद्यार्थियों के लिए यह समय अपने अध्ययन में प्रयास करने का है। नौकरी करने वाले जातकों को अपनी स्थिति या काम में अचानक बदलाव मिलेगा। पार्टनरशिप में नए काम की शुरुआत आप कर सकते हैं, लेकिन इस समय आपको अधिक निवेश नहीं करना चाहिए। प्रेम जीवन अच्छा रहेगा, परंतु यह समय प्रतिबद्धता के लिए अनुकूल नहीं होगा और न ही अपने माता-पिता को समझाने के लिए। थोड़ा समय लें।

उपाय: पंडित को सफेद वस्त्र दान करें और सोमवार या शुक्रवार को शिवलिंग पर चावल चढ़ाएं।

शुक्र के राशि परिवर्तन का सिंह राशि पर प्रभाव: समय सावधान रहने का है

सिंह राशि में जन्मे लोगों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें भाव के स्वामी होंगे। तीसरा भाव प्रयासों व आत्मविश्वास का और दसवां भाव आपका कर्म भाव है। शुक्र आपके सातवें भाव में गोचर करेंगे, जो कि आपके साथी व विवाह का भाव है। वैवाहिक जीवन में आप असहज महसूस कर सकते हैं। आपके रिश्ते में कुछ मुद्दे रहेंगे। गोचर अवधि में आपके खर्चों में वृद्धि होगी। आप अपना पैसा नहीं बचा पाएंगे। अध्ययन के लिए यह समय उत्तम है। परंतु आपकी पढ़ाई में कुछ दिक्कतें आएंगी। कार्यस्थल पर आप खुद को एडजस्ट करेंगे। आपके परिश्रम हिसाब से परिणाम कम मिलेगा। आप फंसा हुआ महसूस कर सकते हैं। व्यवसायी जातकों को इस समय सावधान रहना चाहिए। अपने व्यवसाय में निवेश करने से पहले विचार करें। आपका पार्टनर इस समय कमिटेड नहीं होगा। कुछ वाद-विवाद या लड़ाई-झगड़े हो सकते हैं इसलिए सावधान रहें, इसका प्रभाव आपके करियर पर पड़ सकता है।

उपाय: शुक्रवार के दिन आलू उबालकर गायों को खिलाएं।

शुक्र के राशि परिवर्तन का कन्या राशि पर प्रभाव: इस समय सतर्क रहें

कन्या राशि के लिए शुक्र द्वितीय भाव और भाग्य के स्वामी है। शुक्र आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। दूसरा भाव धन और परिवार के लिए है और भाग्य स्वामी आपके भाग्य और उच्च अध्ययन और लंबी यात्रा के लिए। छठा भाव आपकी नौकरी, वित्त और ऋण के लिए निर्धारित है। काल पुरुष कुंडली में शुक्र छठे भाव में नीच की स्थिति में होते हैं। छठे भाव में शुक्र के इस गोचर को अच्छा नहीं माना जा सकता है। इस समय आपके शत्रु बढ़ेंगे। कुछ धन हानि हो सकती है। विद्यार्थी को इस अवधि में प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। शुक्र के कुंभ राशि में गोचर करने से करियर में आपको कुछ अवसर मिलेंगे लेकिन अनभिज्ञता या अधिक सोच-विचार के चलते आप इन अवसर को लेने से चूक जाएंगे। इस अवधि के दौरान आपको अपने व्यवसाय में अधिक धन का निवेश नहीं करना चाहिए। प्रेम जीवन मधुर रहेगा। गलतफहमी और तर्क-वितर्क से बचें। इस अवधि में किसी से भी प्रतिबद्धता की उम्मीद न करें।

उपाय: प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का जाप करें।

शुक्र के राशि परिवर्तन का तुला राशि पर प्रभाव: गोचर का लाभ उठाएं

तुला राशि के जातक शुक्र आपकी राशि के स्वामी है। इस गोचर के दौरान ये आठवें भाव के स्वामी होंगे जो अनिश्चितताओं का भाव है। शुक्र पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। पांचवां घर प्रेम संबंध, मनोरंजन और संतान के लिए है। इस बार आप अपनी संपत्ति से कमाई करेंगे। तुला राशि के लिए यह समय अनुकूल रहेगा। आप अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। उच्च अध्ययन में आपको कुछ समस्या का सामना करना पड़ेगा। जो लोग नौकरी में हैं उन्हें नौकरी बदलने का नया अवसर मिलेगा। जो लोग सार्वजनिक क्षेत्र में काम कर रहे हैं उनके लिए यह समय अच्छा है। व्यापारी जातकों के लिए समय फायदेमंद रहेगा। इस समय आर्थिक वृद्धि होगी। तुला राशि के जातकों के लिए प्रेम जीवन अच्छा रहेगा। तुला राशि के लिए शुक्र का कुम्भ राशि में गोचर कुल मिलाकर अच्छा है।

उपाय: शुक्रवार के दिन महाकाली मंदिर में बादाम चढ़ाएं।

शुक्र के राशि परिवर्तन का वृश्चिक राशि पर प्रभाव: वित्त में स्थिरता आएगी

वृश्चिक राशि के लिए शुक्र सप्तमेश व द्वादश भाव के स्वामी होंगे। ज्योतिष में विवाह, साझेदारी के लिए सप्तमेश और यात्रा, व्यय व हानि के लिए बारहवें भाव को निर्धारित किया गया है। प्रॉपर्टी में पैसा लगाने के लिए वह समय अच्छा है। आप अपने परिवार के साथ आनंद करेंगे। शुक्र के कुंभ राशि में गोचर करने से इस समय आपको सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होंगी। सरकारी क्षेत्र के लिए प्रतिस्पर्धा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए समय अच्छा है। आप अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करेंगे और अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। नौकरी के लिए यह समय अच्छा है। आपको अपने कार्यक्षेत्र से विदेश में कुछ अवसर प्राप्त होंगे। व्यापारी जातक विदेश में अपने व्यापार का विस्तार करेंगे। इस समय कुछ पेशेवर यात्राएं होंगी। गोचर अवधि आपके वित्त के लिए, काम के लिए और परिवार के लिए अच्छा है। तुला राशि के लोगों के लिए प्रेम जीवन सहज रहेगा।

उपाय: शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को मक्खन और मिश्री का भोग लगाएं।

शुक्र के राशि परिवर्तन का धनु राशि पर प्रभाव: लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें 

धनु राशि के लिए शुक्र छठे व ग्यारहवें भाव के स्वामी होंगे। ज्योतिष में छठा भाव नौकरी, कर्ज और बीमारी का होता है। लाभ, पदोन्नति, दोस्ती, इच्छाओं की पूर्ति के लिए ग्यारहवां घर है। तीसरे भाव में शुक्र का गोचर आपकी इच्छा शक्ति के लिए है। इस गोचर अवधि में आप यात्रा, संचार और साक्षात्कार के लिए तैयार हो जाइये। तीसरा भाव आपके भाई-बहनों का भी है। गोचर काल में आपको अपने माता-पिता और भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा। इस अवधि में विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। आपको अपने प्रयासों से नौकरी या नए अवसर प्राप्त होंगे। इस दौरान ट्रांसफर हो सकता है। यह समय आपके कार्यस्थल पर कड़ी मेहनत करने का है। आपको अपने काम का श्रेय मिलेगा। व्यापार अच्छा रहेगा। आपके व्यवसाय के लिए छोटी यात्राएं इस समय में होंगी। आर्थिक रूप से आप उस समय अपने प्रयासों से तरक्की करेंगे। लव लाइफ ठीक रहेगी। 

उपाय: मां लक्ष्मी को केसर मिश्रित खीर का भोग लगाएं।

शुक्र के राशि परिवर्तन का मकर राशि पर प्रभाव: समय लाभ का है

मकर राशि जातकों के लिए शुक्र पंचम व दशम भाव के स्वामी होंगे और ये दूसरे भाव में गोचर करेंगे। पंचम भाव संतान, संबंध, करियर, शिक्षा, प्रेम और रचनात्मकता का होता है तो वहीं दूसरा भाव ज्योतिष में धन, परिवार और वाणी का होता है। दशम कर्म भाव है। मकर राशि में शुक्र का गोचर दूसरे भाव में होगा। इस अवधि में व्यक्ति का आर्थिक विकास होगा। इस अवधि में आप अपने धन की बचत करेंगे। आपके करियर में वित्तीय विकास के लिए समय अच्छा है। विद्यार्थियों को पढ़ाई में अपने परिवार का सहयोग मिलेगा। आप प्रतियोगिता परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। नौकरी करने वाले लोगों को इस समय अपने कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी। व्यापारी जातक आर्थिक रूप से बढ़ेंगे लेकिन गोचर काल में कुछ धन खर्च होंगे। पार्टनरशिप में समस्या हो सकती है। प्रेम जीवन मधुर रहेगा। आप अपने पार्टनर के साथ समय का आनंद लेंगे।

उपाय: सोमवार या शुक्रवार को शिवलिंग पर दही चढ़ाएं।

शुक्र के राशि परिवर्तन का कुंभ राशि पर प्रभाव: व्यापार के लिए उत्तम समय

कुंभ राशि के लिए शुक्र चतुर्थ व नवमेश होंगे और प्रथम भाव में गोचर करेंगे। ज्योतिष में प्रथम भाव नाम व प्रसिद्धि के लिए और चतुर्थ भाव आराम, संपत्ति, वाहन और वित्त के लिए निर्धारित है। इस गोचर काल में आप संपत्ति बनाएंगे, इस दौरान आप संपत्ति में निवेश कर सकते हैं। आर्थिक रूप से आपको हर क्षेत्र में लाभ होगा। साथ ही आपको अपने परिवार का सहयोग भी प्राप्त होगा। विद्यार्थियों के लिए समय सही है, लेकिन काफी प्रयास करना होगा। नौकरी करने वाले लोगों के करियर में बदलाव आएगा। करियर के लिए समय अच्छा है। व्यापार करने वालों के लिए समय लाभ दिलाने वाला है। व्यापार में वृद्धि होगी। शुक्र का आपकी ही राशि में गोचर करना आपके लव लाइफ को बेहतर बनाएगा। अपनी लव लाइफ में सचेत रहें।

उपाय: शुक्रवार के दिन अपने नहाने के पानी में गुलाब की पंखुड़ियों का प्रयोग करें।

शुक्र के राशि परिवर्तन का मीन राशि पर प्रभाव: शिक्षा के लिए उत्तम समय

इस गोचर के दौरान शुक्र मीन राशि के लिए तीसरे व अष्टम भाव के स्वामी रहेंगे। शुक्र मीन राशि वालों के बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। तीसरा भाव प्रयास, इच्छा शक्ति, संचार, शक्ति का होता है। बारहवां भाव व्यय, विदेश यात्रा और हानि के लिए तो वहीं अष्टम भाव अनिश्चितताओं के लिए है। काल पुरुष कुंडली में शुक्र बारहवें भाव में उच्च स्थिति में है। इस गोचर काल में आप आर्थिक रूप से आगे बढ़ेंगे और अपनी इच्छाओं को पूरा करेंगे। आप इस अवधि में अपने जीवन का आनंद ले सकते हैं। आप विदेश में उच्च शिक्षा के लिए आवेदन करेंगे और कंपटीशन परीक्षा पास करने में सफल होंगे। जो लोग निजी क्षेत्र में हैं उन्हें विदेश में काम करने का अवसर मिलेगा। आप अपने करियर में आगे बढ़ेंगे। इस समय आपके खर्चों में वृद्धि होगी। धन का प्रवाह होगा लेकिन बचत नहीं होगी। लव लाइफ अच्छी रहेगी। पार्टनर के साथ जुड़े रहें।

उपाय: शुक्रवार के दिन लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें।

नोट- यह गोचर फल सामान्य ज्योतिषीय आकलन पर आधारित है। यह आकलन कुंडली विश्लेषण पर भिन्न हो सकता है। व्यक्तिगत भविष्यवाणी पाने के लिए आप जब चाहें एस्ट्रो पूनम से संपर्क कर सकते हैं

✍️लेखक- एस्ट्रो पूनम

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