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- Tula rashifal 2023
तुला राशि के जातकों के लिए यह वर्ष मिले-जुले प्रभाव लेकर आएगा। किसी क्षेत्र में सकारात्मक तो किसी क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव प्राप्त होंगे। सकारात्मक प्रभावों की बात करें, तो व्यापार, नौकरी तथा शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मकता रहेगी। इसके विपरीत अगर नकारात्मकता की बात करें, तो पति-पत्नी के रिश्ते में नकारात्मकता रह सकती है। इसके साथ ही वर्ष के कुछ हिस्से में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है। इस वर्ष शनि आपकी कुंडली के चौथे और पांचवें घर के स्वामी होकर पंचम भाव में ही विराजमान होंगे, जिसके फलस्वरूप आपको शिक्षा में सफलता प्राप्त होगी। आपको शिक्षा में उन्नति देखने को मिलेगी। इस समय में शनि की दृष्टि आपके सप्तम भाव पर रहेगी, जिस वजह से आपके संबंध आपके जीवनसाथी से खराब हो सकते हैं।
अप्रैल के बाद स्थिति और खराब हो सकती है ,क्योंकि आपके बृहस्पति भी सप्तम भाव में गोचर करेंगे, जहां उनकी युति राहु के साथ होगी तथा आपका सप्तम भाव खराब तरह से प्रभावित होगा। क्योंकि शनि की भी तृतीय दृष्टि आपके सप्तम भाव पर होगी। जिसके फलस्वरूप पति-पत्नी के रिश्ते में तनाव आ सकता है। इस कारण आपको अपने रिश्ते में प्यार बरकरार रखना चाहिए। पति-पत्नी के रिश्ते में अनबन, गलतफहमियां तथा मनमुटाव लगा रह सकता है। जिन जातकों की विवाह की तिथि 22 अप्रैल से 30 सितंबर के बीच है, उन्हें सतर्क रहना होगा। राहु और केतु आपकी कुंडली में पहले और सातवें भाव में गोचर करेंगे। जिसके परिणाम स्वरूप पति-पत्नी के रिश्ते में तनाव रह सकता है। केतु के इस गोचर के उपरान्त आपके आपसी मेलजोल में काफी सुधार आएगा और स्तिथि पहले से काफी बेहतर हो जाएगी।
अक्टूबर में राहु-केतु अपना स्थान परिवर्तन करेंगे, तब जाकर आपको राहत मिलेगी। आपकी सूझबूझ की शक्ति वापस लौट आएगी।वर्ष के अंतिम 2 महीने आपको इतना सुख देंगे कि आप बीते 10 महीनों को भूल ही जाएंगे। अंतिम 2 महीनों में आपको अचानक धन प्राप्ति के योग हैं। आप स्वयं पर धन खर्च कर सकते हैं। परिवार में कोई खुशखबरी आ सकती है। अध्यात्म की तरफ आपका रुझान बढ़ेगा। फंसा हुआ धन पुनः प्राप्त होगा। नौकरी पेशा वाले लोगों को अपने कार्यक्षेत्र में सुकून प्राप्त होगा। जो जातक लंबे समय से बीमारियों से जूझ रहे थे, उन्हें बीमारियों से भी राहत मिलेगी, परंतु पेट संबंधी समस्या स्थिर बनी रह सकती है।
इस वर्ष देव गुरु बृहस्पति आपकी कुंडली के तीसरे और छठवें भाव के स्वामी होकर, छठवें और सातवें भाव में गोचर करेंगे। यह स्थिति वर्ष की शुरुआत के थोड़े दिन ही रह सकती है। बृहस्पति के छठवें भाव में विराजमान होने से आपको भिन्न-भिन्न प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। आपका मनोबल कमजोर हो सकता है, शारीरिक कष्ट मिल सकता है। आपका धन कहीं फंस सकता है, इसलिए 22 अप्रैल तक आपको धैर्य बनाकर रखना होगा कि कोई भी नया कार्य शुरू न करें। तथा अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। इस वर्ष में आपके पराक्रम में वृद्धि होगी। मई से छोटे भाई-बहनों के साथ प्यार बढ़ेगा और उनके लिए आपकी तरफ से कुछ अच्छे निर्णय लिए जाएंगे। मई से गुरु आपके सप्तम भाव में गोचर करेंगे। जिसके फलस्वरूप आपका मनोबल बढ़ेगा। आप के निर्णय थोड़े कठोर परंतु फायदेमंद होंगे। मई से आपके धन में वृद्धि के नए रास्ते खुलेंगे।
आपके जीवनसाथी से आपको धन लाभ हो सकता है। आपको रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। शत्रु नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे, परंतु वे असफल रहेंगे। 1 नवंबर से स्थिति और ज्यादा सकारात्मक परिणाम देगी। वर्ष के अंतिम 2 माह आपको शारीरिक तंदुरुस्ती प्रदान करेंगे तथा आपके रुके हुए कामों को पूर्णतया की तरफ ले कर जाएंगे। इस अवधि में आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। आप पूर्णतया सकारात्मकता का अनुभव करेंगे।
✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी
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