सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य चन्द्रमा और पृथ्वी सौरमंडल में एक ही रेखा में होते हैं, बहुत ही सरल शब्दों में जब सूर्य और चन्द्रमा एक ही राशि में राहु केतु अक्ष के नीचे संयोग करते हैं, तब सूर्य ग्रहण होता है। इस लेख में हम सूर्य ग्रहण के धार्मिक व ज्योतिष महत्व के साथ ग्रहण समय और राशि अनुसार सूर्य ग्रहण का परिणाम व उपायों के बारे में जानेंगे।
सूर्य ग्रहण का जितना धार्मिक महत्व है उसके साथ-साथ इसका ज्योतिषीय महत्व भी है। सूर्य ग्रहण इन दोनों ही दृष्टि से हम पर बहुत प्रभाव डालता है। सूर्य ग्रहण अमावस्या के ही समय होता है।
धार्मिक मान्यताओं की माने तो सूर्य व चंद्र को राहु-केतु ही ग्रहण लगाते हैं। ऐसा इसलिए की तब समुद्र मंथन हो रहा था, तब अमृत पान करने के लिए देव भेष में राहु नामक राक्षस भी कतार में शामिल हो जाता है। परंतु जब तक सूर्य व चंद्र उसे पहचानते तब तक वह अमृत पान कर चुका था। मोहिनी रूपी श्री हरि विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उसका शीश धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद राहु सूर्य व चंद्र के पीछे पड़ जाता है। सुरक्षित होने के लिए सूर्य-चंद्र महादेव की शरण में गए, वहां भी राहु पहुंचा और अपनी सारी व्यथा महादेव को सुनाई तब महादेव ने राहु- केतु को आर्शीवाद दिया की समय-समय राहु-केतु सूर्य व चंद्रमा को ग्रहण लगाते रहेंगे।
ज्योतिषीय तौर पर सूर्य ग्रहण एक बड़ी घटना है। सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। ऐसे में सूर्य पर ग्रहण लगना हम सब के आत्म ऊर्जा व व्यक्तित्व को काफी प्रभावित करेगा। ऐसे में हमें सूर्य ग्रहण के दौरान काफी सावधान रहना चाहिए। सूर्य ग्रहण के दिन किसी जरूरतमंद को मंत्र जाप और दान करने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिलाओं के लिए सब्जी काटने और स्वेटर बुनने जैसा कोई काम नहीं करने का सख्त नियम है।
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भारत में सूतक काल नहीं माना जाएगा, लेकिन घर के मंदिर में गंगा जल छिड़कने से लाभ होगा।
यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जाएगा, हालांकि यह उत्तरी अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका, दक्षिणी पश्चिमी देशों जैसे अर्जेंटीना, चिली, मध्य दक्षिण बोलीविया, दक्षिण पेरू और दक्षिण अटलांटिक महासागर आदि में देखा जाएगा।
इस सूर्य ग्रहण का सभी बारह राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इसके साथ ही इस समय जातकों को क्या उपाय अपनाने चाहिए आइये जानते हैं-
मेष जातक आपके लग्न में होने वाला सूर्य ग्रहण आपको चिंता, तनाव और असहजता दे सकता है। कोई अनजाना डर आपके पास पूरे दिन हो सकता है और आपको इस समय में अपने सहकर्मियों के साथ किसी भी तरह के टकराव से बचना चाहिए। यहां आपका जन्म चंद्र भी इस ग्रहण से प्रभावित है, इसलिए ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें।
उपाय- घर में काले तिल अवश्य रखें और ग्रहण के बाद मंदिर में रखें।
सूर्य ग्रहण का प्रभाव आपकी कुंडली के बारहवें भाव पर पड़ने वाला है। सूर्य ग्रहण के इस अवधि में दैनिक दिनचर्या के लिए भ्रम और भय का वातावरण बन सकता है। वृषभ यह आपकी नींद को प्रभावित कर सकता है और आत्मविश्वास में कमी ला सकता है। यदि संभव हो तो किसी महत्वपूर्ण बैठक और सौदे को स्थगित कर दें। यहां आपका जन्म चंद्र ग्रहण की युति में होगा।
उपाय- चना दाल को कुछ मात्रा में लें, परिवार के हर सदस्य से स्पर्श कराकर किसी भी मंदिर में रख दें।
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सूर्य ग्रहण आपके ग्यारहवें भाव पर असर डालने वाला है। मिथुन जातक आपको अपने मित्रों का अच्छा सहयोग मिलेगा क्योंकि चंद्रमा ग्रहण में भागीदार है, लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि आपके सहकर्मियों के साथ आपका कोई विवाद हो सकता है। इसलिए सावधान रहें।
उपाय- ग्रहण के बाद एक मुठ्ठी उड़द की दाल बहते पानी में प्रवाहित करें।
कर्क जातकों के दसवें भाव पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव पड़ेगा। आपके व्यवसाय के लिए बहुत कुछ देने वाला हो सकता है लेकिन इसके लिए आपको वास्तव में कड़ी मेहनत करनी होगी। इस दिन व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है, क्योंकि जन्म का चंद्रमा ग्रहण से प्रभावित है।
उपाय- पक्षियों को सात प्रकार के अनाज खिलाएं।
सूर्य ग्रहण आपके नवम भाव को प्रभावित करने वाला है। इस समय सिंह जातक कुछ सीखने की शुरुआत कर सकते हैं जिसका उपयोग आप अपने पेशे में कर सकते हैं। ग्रहण के दौरान किसी भी मंदिर में जाना आपके और आपके परिवार के लिए अच्छा रहेगा।
उपाय- सूर्य ग्रहण के बाद हनुमान जी को बेसन के लड्डू चढ़ाएं।
ग्रहण आपके अष्टम भाव पर अपना प्रभाव डालेगा। इस अवधि में जन्म चंद्रमा सूर्य ग्रहण के साथ युति करेगा और आपको अप्रत्याशित नुकसान दे सकता है। कन्या जातकों को धन का निवेश करते समय सावधान रहना चाहिए। इस दिन कोई भी कानूनी कदम उठाने से बचें।
उपाय- ग्रहण के बाद कुत्ते को खाना खिलाएं।
आपके सप्तम भाव पर सूर्य ग्रहण का व्यापक प्रभाव पड़ने वाला है। यहां आपका जन्म चंद्र ग्रहण से दृष्ट होगा। यह स्थिति आपके साथी के साथ कुछ लड़ाई के मुद्दों का कारण बन सकती है। तुला जातक आज के दिन किसी तीसरे की बात न सुने इससे भ्रम पैदा होगा जो आपके संबंधों के लिए ठीक नहीं होगा। पार्टनर से अनबन हो सकती है, परंतु बातचीत के जरिए आप इसे सुलझा सकते हैं।
उपाय- भगवान गणेश को दूब चढ़ाएं।
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वृश्चिक जातकों के लिए यह सूर्य ग्रहण उनके छठे भाव को प्रभावित करने वाला है। यहां जन्म चंद्रमा सूर्य के साथ मिलेगा। जो दैनिक दिनचर्या में तनाव पैदा कर सकता है। कुछ समस्याएं आपके पेशेवर जीवन में आ सकती हैं, इसलिए उनसे बचना बेहतर है। कार्यस्थल पर आपको सावधान रहना होगा। इस समय आपको अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए।
उपाय- ग्रहण के बाद सात प्रकार के अनाज का दान करें
प्रिय धनु यह ग्रहण आपके पंचम भाव पर अपना प्रभाव डालेगा। यहां आपका जन्म चंद्रमा ग्रहण के साथ त्रिकोण में होगा जो आपको आराम करने के लिए समय प्रदान करेगा। इस दौरान आप अपने बच्चों के साथ कुछ समय बिता सकते हैं और उनके साथ पिकनिक पर भी जा सकते हैं। समय उपयोग संबंध को मजबूत बनाने के लिए करें।
उपाय- ग्रहण के बाद किसी दुध से बना खाद्य सामग्री किसी जरूरतमंद को दान करें।
मकर राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण उनकी कुंडली के चतुर्थ भाव को प्रभावित करने वाला है। यहां पर आपका जन्म चंद्रमा ग्रहण के साथ दृष्टि रखेगा, बिना किसी बड़े कारण के आपके घर में लड़ाई-झगड़ा हो सकता है। ग्रहण के समय अपने घर पर रहने की कोशिश करना ठीक रहेगा। इस दिन आपके खर्चे हो सकते हैं।
उपाय- पीपल के पेड़ के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
कुंभ जातक सूर्य ग्रहण आपके तीसरे भाव को प्रभावित करने वाला है। सूर्य ग्रहण का यह समय आपके ठीक रहेगा क्योंकि आपको यात्रा करने का मौका मिल सकता है और आप वहां आनंद उठाएंगे। जिन छात्रों की कोई परीक्षा है या कोई साक्षात्कार है, उनके पास क्लियर करने का अच्छा मौका होगा।
उपाय- ग्रहण के बाद गंगाजल को जल में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
मीन जातकों के लिए यह ग्रहण दूसरे भाव को प्रभावित करेगा। इस अवधि में आपको अप्रत्याशित नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। चीजें गड़बड़ हो सकती हैं, इसलिए मीन राशि वालों को अपने नियमित कामों को सही तरीके से करने का प्रयास करना चाहिए। इस समय में मानसिक कार्य में वृद्धि हो सकती है।
उपाय- ग्रहण के बाद मंदिर में श्री गणेश जी के सामने देसी घी का दीया जलाएं।
नोट - यह ग्रहण फल सामान्य ज्योतिषीय विश्लेषण पर आधारित है। यदि आप सूर्य ग्रहण का व्यक्तिगत व कुंडली के आधार पर फल जानना चाहते हैं तो अभी एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर से बात करें। परामर्श के लिए लिंक पर क्लिक करें।
✍️ By- एस्ट्रो डी राणा