बुध कर रहे हैं कुम्भ राशि में गोचर: इन राशियों को हो सकता है महालाभ।

Mon, Feb 27, 2023
टैरो सोनिया
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Team Astroyogi
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बुध कर रहे हैं कुम्भ राशि में गोचर: इन राशियों को हो सकता है महालाभ।

बुध का कुम्भ राशि में गोचर 27 फरवरी 2023 को होगा। इस गोचर का सभी 12 राशियों के जीवन पर अत्यधिक प्रभाव पड़ने की संभावना है। क्या आप जानना चाहते हैं कि ये गोचर आपकी राशि को कैसे प्रभावित करेगा? अगर हां तो इस लेख को पूरा पढ़ें। 

सभी नौ ग्रहों में बुध सबसे छोटा ग्रह होता है। हालांकि ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, बुध को ग्रहों का युवराज माना जाता है। बुध का प्रभाव व्यक्ति को कई प्रभावी कलाओं में सक्षम बनाता है। यह ग्रह बुद्धि, तर्क और मित्र का कारक माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र में बुध को शुभ ग्रह माना जाता है लेकिन अगर यह अशुभ स्थिति में हैं तो ये जातक को गंभीर परिणाम भी दे सकता है। ऐसा माना जाता है कि बुध का नाराज होना आपकी बुद्धि और समझ को नकारात्मक तरीके से प्रभावित कर सकता है। ऐसी स्थिति में बिजनेस में नुकसान या धन की हानि होने की आशंका बनी रहती है।   

बुध ग्रह मिथुन व कन्या राशि के स्वामी होते हैं। सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र ग्रह हैं जबकि मंगल और चंद्रमा दोनों ही शत्रु ग्रह हैं। अगर जातक की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है तो जातक की संवाद करने की शैली बहुत अच्छी होती है। ऐसे लोगों का व्यक्तित्व बहुत आकर्षक होता है और वे हर किसी का दिल आसानी से जीत लेते हैं। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों की स्थिति हमारे जीवन पर बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। हमारे जीवन की प्रत्येक घटना ग्रहों और नक्षत्रों की चाल पर आधारित होती है। ऐसे में जब भी कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करता है तो वो सभी बारह राशियों को नकारात्मक या सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। आइए जानते हैं कि यह बुध गोचर आपकी राशि के लिए क्या विशेष ला सकता है।  

आइए जानते हैं बुध का कुंभ राशि में गोचर करने का सभी 12 राशियों पर प्रभाव।  

बुध का कुंभ राशि में गोचर 27 फरवरी 2023 को होने जा रहा है। यह गोचर भारतीय मानक समय के अनुसार शाम 04:56 पर होगा। बुध का मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर, प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगा।  

बुध के कुंभ राशि में गोचर का मेष राशि पर प्रभाव 

बुध गोचर के दौरान, बुध मेष राशि के जातकों की कुंडली के ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। इस कारण यह आपको मिलने वाले सभी लाभों और सुख-सुविधाओं को प्रभावित कर सकता है। यह उन चीजों को प्रभावित कर सकता है जो अभी प्रोसेस में हैं। इसलिए ऐसे कामों में कुछ मामूली देरी होगी, जिसका आपको सामना करना पड़ सकता है।  लेकिन यह निश्चित रूप से अस्थायी होगा। आप इससे बहुत बेहतर ढंग से बाहर आएंगे और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे।

उपाय - बुध बीज मंत्र का 108 बार जाप करें। 

बुध के कुंभ राशि में गोचर का वृषभ राशि पर प्रभाव

बुध, वृषभ राशि के जातकों की कुंडली के दसवें भाव में गोचर करेंगे। इसलिए आपको नौकरी, व्यवसाय में निश्चित रूप से कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। वृषभ राशि के राशि स्वामी शुक्र हैं और शुक्र ग्रह के साथ बुध की काफी मित्रता होती है इसलिए आप इस दौरान अपने कार्यक्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव देख सकते हैं। आपको कार्यक्षेत्र में इंक्रीमेंट, प्रमोशन, अतिरिक्त जिम्मेदारियां, और कुछ अच्छे अवसर भी प्राप्त हो सकतरे हैं। 

उपाय - जितना संभव हो गाय को पालक खिलाएं। 

बुध के कुंभ राशि में गोचर का मिथुन राशि पर प्रभाव

बुध गोचर के दौरान, बुध मिथुन राशि के जातकों की कुंडली के नौवें भाव में गोचर करेंगे। यह गोचर आपको धर्म और अध्यात्म की ओर झुका सकता है। इस दौरान मिथुन राशि के जातक गुप्त विज्ञानों की ओर ज्यादा आकर्षित होंगे और इस विषय पर पढ़ना व इस पर शोध करना भी पसंद करेंगे। इसके साथ ही इससे मिले ज्ञान को अपने प्रियजनों के साथ शेयर भी करेंगे।

उपाय - किन्नरों को दान करने से आपका बुध गोचर अनुकूल रहेगा। 

बुध के कुंभ राशि में गोचर का कर्क राशि पर प्रभाव

बुध गोचर के दौरान, बुध कर्क राशि के जातकों की कुंडली के आठवें भाव में गोचर करेंगे। यह भाव आपकी लंबी आयु के साथ-साथ रहस्यों से भी संबंधित होता है। इस दौरान आप में से कई लोग किसी ऐसे शोध कार्य की ओर आकर्षित होंगे जिसमें ज्ञान और आनंद दोनों शामिल होंगे। 

उपाय - गोचर के 15 दिन पहले और बाद में प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का जाप करें। 

बुध के कुंभ राशि में गोचर का सिंह राशि पर प्रभाव

बुध, सिंह राशि के जातकों की कुंडली के सातवें भाव में गोचर करेंगे। सातवां भाव आपके विवाह और व्यावसायिक साझेदारी का भाव है। इस दौरान विवाहित लोग अपने जीवनसाथी के साथ ज्यादा क़्वालिटी टाइम बिता सकते हैं। यह गोचर सिंह राशि के लोगों के जीवन में मौजूद सभी प्रकार की साझेदारी (पार्टनरशिप) को प्रभावित करेगा। अब समय आ गया है कि आप अपनी साझेदारियों की समीक्षा करें और उन साझेदारियों से बाहर निकल आएं, जो आगे चलकर आपका कोई उच्च उद्देश्य पूरा नहीं करतीं। 

उपाय- बुधवार का व्रत करें, इससे आपको गोचर के अनुकूल प्रभाव प्राप्त होंगे।

बुध के कुंभ राशि में गोचर का कन्या राशि पर प्रभाव

बुध, कन्या राशि के जातकों की कुंडली के छठवें भाव में गोचर करेंगे। कुंडली में छठवां भाव छिपे हुए शत्रुओं और रोगों का होता है। तो यह वास्तव में यह उन लोगों से सावधान रहने का समय है जो आपकी पीठ पीछे आपको धोखा दे सकते हैं। अपने आस-पास होने वाली हर चीज के लिए अपने कान और आंखें खुली रखें और बहुत देर होने से पहले चीजों को जानने का प्रयास करें। 

उपाय- प्रतिदिन पक्षियों को दाल खिलाएं। 

बुध के कुंभ राशि में गोचर का तुला राशि पर प्रभाव

बुध गोचर के दौरान, बुध तुला राशि के जातकों की कुंडली के पांचवे भाव में गोचर करेंगे। कुंडली में पांचवां भाव बच्चों से संबंधित होता है। इसलिए इस दौरान घर के बच्चे आपका सारा ध्यान अपनी ओर खींच सकते हैं। यदि आप व्यस्त हैं या किसी भी कारण से उन्हें अनदेखा कर रहे है, तो वे आपका ध्यान आकर्षित करेंगे और संभावना है कि यह आपको अधिक थका भी सकता है। 

उपाय- ज्योतिषीय परामर्श लेने के बाद अपने घर में बुध यंत्र स्थापित करें।  

 बुध के कुंभ राशि में गोचर का वृश्चिक राशि पर प्रभाव

बुध के कुंभ राशि में गोचर के दौरान, बुध वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली के चौथे भाव को प्रभावित करेंगे। चौथा भाव संपत्ति और वाहन से संबंधित होता है। इस दौरान कुछ जातक स्थान बदलने के लिए या निवेश के उद्देश्य से नया घर खरीद सकते हैं। आप में से कुछ लोग अपनी कारों को अपग्रेड करने के बारे में भी सोच सकते हैं और घर में नए वाहन देखने को मिल सकते हैं जो अधिक ट्रेंडी और स्पोर्टी हैं।

उपाय- किन्नरों का आशीर्वाद लें। भोजन, वस्त्र आदि के संदर्भ में उनकी आवश्यकता के बारे में जानें और उसी के अनुसार मदद देने की कोशिश करें। 

बुध के कुंभ राशि में गोचर का धनु राशि पर प्रभाव

बुध, धनु राशि के जातकों की कुंडली के तीसरे भाव में गोचर करेंगे। तीसरा भाव भाई-बहनों का होता है। आप में से ज्यादातर लोग अपने परिवार के साथ कुछ क़्वालिटी टाइम बिताने के बारे में सोचेंगे। जो आपकी खुशी को बढ़ा सकता है। 

उपाय- बूढ़ी महिलाओं को हरी चूड़ियां दान करें। 

बुध के कुंभ राशि में गोचर का मकर राशि पर प्रभाव

बुध का गोचर मकर राशि वाले जातकों की कुंडली के दूसरे भाव में होगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, दूसरा भाव परिवार और पारिवारिक सुख के लिए होता है। इस दौरान आपको अपने परिवार से सभी आवश्यक प्यार और समर्थन मिलेगा और आपसी समझ का स्तर भी बेहतर होगा। इसलिए पारिवारिक आनंद का लाभ उठाएं। 

उपाय - किसी देवी के मंदिर में हरी साड़ी अर्पित करें। 

बुध के कुंभ राशि में गोचर का कुंभ राशि पर प्रभाव

बुध का गोचर कुंभ राशि के जातकों की कुंडली के पहले भाव में होगा। इसलिए आपको अपने भौतिक शरीर और स्वास्थ्य का अतिरिक्त ध्यान रखने की आवश्यकता है। हेल्थी खाना, रेग्युलर वर्कआउट और दैनिक आधार पर कुछ मेडिटेशन आपको खराब स्वास्थ्य से दूर रखेंगे। 

उपाय- जरूरतमंदों को पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां, मूंग की दाल और अन्य खाने योग्य हरी वस्तुओं का दान करें। आप इसे किसी मंदिर, अनाथालय, वृद्धाश्रम, गुरुद्वारा आदि को भी दे सकते हैं

बुध के कुंभ राशि में गोचर का मीन राशि पर प्रभाव

मीन राशि के जातकों की कुंडली में बुध, 12वें भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपको अनावश्यक खर्चों को कम करने और खर्चों में कटौती करने के लिए, एक जर्नल बनाने या अपने खर्चों पर नज़र रखने की आवश्यकता है। लागत में कटौती हमारी दक्षता में वृद्धि करती है और माँ प्रकृति में योगदान करती है। यह कोई बड़ी चीज नहीं है क्योंकि बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी अक्सर नियमित लागत को कम करने पर काम करती हैं।  

उपाय - अपने मुंह की सफाई पर अतिरिक्त ध्यान दें। इस प्रकार रात में ब्रश, माउथवॉश का उपयोग और मसूड़ों की मालिश भी करें।

यदि आप बुध गोचर से जुड़ी व्यक्तिगत भविष्यवाणियां प्राप्त करना चाहते हैं या अपने जीवन के किसी भी पहलू पर सलाह लेना चाहते हैं, तो आप टैरो पूजा से संपर्क कर सकते हैं।

 

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