Mangal Gochar 2022: मंगल का कुभं राशि में गोचर, क्‍या होगा नई आशाओं से भरा?

Thu, Apr 07, 2022
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Thu, Apr 07, 2022
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
Mangal Gochar 2022: मंगल का कुभं राशि में गोचर, क्‍या होगा नई आशाओं से भरा?

Mars Transit 2022 Time : वैदिक ज्योतिष में मंगल को क्रूर ग्रह माना जाता है जो भूमि, शक्ति, ऊर्जा, भाई, साहस, पराक्रम, शौर्य आदि का कारक है। मंगल ग्रह का संबंध लाल रंग से है और यह ऊर्जा व जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। यह प्रत्येक राशि में डेढ़ महीने (लगभग 45 दिन) तक रहता है।

प्रत्येक व्यक्ति पर मंगल का गोचर अपनी स्थिति के आधार पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव डाल सकता है। यह जातक को आकर्षण, साहस और ज्ञान प्रदान करता है। मीन राशि में प्रवेश से पहले मंगल 7 अप्रैल से 17 मई 2022 तक कुंभ राशि में रहेगा। मंगल जुनून का भी ग्रह है, जो तीव्र यौन कामना का संकेत देता है। मंगल का संबंध अग्नि तत्व से है।

मंगल का कुंभ राशि में गोचर निराशावादी सोच, एकाग्रता और साहस की कमी का कारण बन सकता है, ये व्यक्ति के जीवन और परिवार को प्रभावित कर सकता हैं। शनि और मंगल शत्रु हैं, और मंगल मकर राशि में उच्च का है, जबकि मंगल कुंभ राशि में तटस्थ है। इस दौरान व्यक्ति को अपना जीवन बेहतर बनाने के लिए काफ़ी प्रयास करने पड़ सकते है। हालांकि, कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप, जातक समस्त कठिनाइयों को दूर करने के साथ जीवन में बहुत कुछ हासिल करेगा। इस अवधि के दौरान बेहतर संबंध बनाए रखने के लिए अधिक ध्यान और प्रयास की आवश्यकता होती है।

क्या आप जानना चाहते हैं कि ग्रहों का गोचर आपके जीवन को कैसे प्रभावित कर सकता है? संपर्क करें गुरु श्री राम से

आइए जानते हैं कि कुंभ राशि में मंगल के गोचर के दौरान किन राशियों को सावधान रहना होगा? 

मेष राशि पर मंगल के कुंभ राशि में गोचर का प्रभाव:

मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल है जो 11वें भाव में स्थित है और यह लाभ का भाव है, जो जातकों के लिए फायदेमंद रहेगा। कार्यक्षेत्र में तरक्की के कई अवसर मिल सकते हैं। इस दौरान जातक को प्रमोशन मिल सकता है। यदि जातक पुराने समय में बीमार था, तो स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा। मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी। यह गोचर नौकरीपेशा और व्यवसाय करने वालों के लिए फायदेमंद रहेगा। रिलेशनशिप और विवाहित दंपतियों के लिए यह अवधि विशेष रूप से लाभदायक होगी, जो इसका आनंद लेंगे।

उपाय - हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

वृषभ राशि पर मंगल के कुंभ में गोचर का प्रभाव:

वृषभ राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है और वैदिक ज्योतिष में शुक्र और मंगल को मित्र ग्रह नहीं माना गया हैं। इसके बावजूद जातक कुंभ गोचर के प्रकोप से बचे रहेंगे। इस समय के दौरान जातक के प्रेम, आर्थिक और रिलेशनशिप स्थिति में सुधार होगा।

पुरानी समस्याओं का समाधान होगा। इस दौरान जातक को भावनात्मक कमजोरी हो सकती है, लेकिन वह तनाव से बाहर आने में सफल होगा। व्यवसायी वर्ग को नए अवसर मिल सकते है, जबकि वेतनभोगी वर्ग की वेतन में वृद्धि हो सकती है। रिलेशनशिप में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। कपल्स के बीच अनबन हो सकती है, लेकिन नए रिश्ते बनने की संभावनाएं हैं।

उपाय- प्रतिदिन 108 बार 'ॐ एकदंताय नमः' का जाप करें।

मिथुन राशि पर मंगल के कुंभ राशि में गोचर का प्रभाव:

मंगल के लिए तटस्थ बुध ग्रह मिथुन राशि पर शासन करता है। मंगल और बुध दोनों ही शत्रु हैं। हालांकि, मंगल के कुंभ राशि में गोचर से मिथुन राशि के जातकों को लाभ होगा और जीवन में कोई समस्या नहीं आएगी। गोचर के दौरान यह मिथुन राशि के नवम भाव में रहेगा। वहीं दूसरी ओर जातकों को किसी नए या बड़े उद्यम में निवेश करने से बचना होगा। 

यह मिथुन राशि वालों के लिए फायदेमंद रहेगा। उन्हें बहुत अधिक परेशानी नहीं होगी और कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या भी नहीं होगी। जातकों के लिए यह सुखद समय है। व्यवसायी और वेतनभोगी वर्ग दोनों को इस दौरान नए अवसर मिलेंगे।

उपाय - आपको प्रतिदिन 'ॐ नमः शिवाय' का जप करने की सलाह दी जाती है।

यह भी पढ़ें:👉 बुध का मेष राशि में गोचर: कैसे देगा आपको परिणाम?

कर्क राशि पर मंगल के कुंभ में गोचर का प्रभाव:

वैदिक ज्योतिष में कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। जातकों के लिए मंगल का कुंभ राशि में गोचर चुनौतीपूर्ण होने की संभावना है। मंगल अष्टम भाव में गोचर करेगा, जो कष्टदायक भाव है। परिणामस्वरूप, व्यवसाय विस्तार के निर्णय लेते समय जातकों को सावधानी बरतनी होगी। विवाहित जोड़े को एक-दूसरे से बात करते समय सतर्क रहना होगा अन्यथा बहस हो सकती है, जिसे हर कीमत पर टालने की आवश्यकता है। प्रेमियों के लिए यह समय आनंददायक रहेगा। जातक के साथ दुर्घटना या अनहोनी होने की संभावना है; इसलिए सावधान रहे।

उपाय -भगवान विष्णु के मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जप करें।

सिंह राशि पर मंगल के कुंभ राशि में गोचर का प्रभाव:

वैदिक ज्योतिष में सूर्य सिंह राशि पर शासन करता है। सूर्य और मंगल को शत्रु माना जाता है। मंगल का गोचर जातकों को नुकसान पहुंचा सकता है। मंगल का कुंभ राशि में गोचर सिंह राशि के सातवें भाव में होगा। जातकों को अपने खर्चों पर नियंत्रण करना होगा अन्यथा उनके खर्च बढ़ेंगे। इस दौरान जातकों का स्वास्थ्य खराब रहेगा इसलिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। इस समय के दौरान व्यवसायी और वेतनभोगी कर्मचारी दोनों प्रसन्न होंगे क्योंकि उनकी बिक्री या उनके वेतन में वृद्धि होगी। विवाहित दम्पति अपने साथी के साथ आनंददायक समय व्यतीत करेंगे।

उपाय - 'ॐ नमः शिवाय' का जप करते हुए भगवान शिव की पूजा करें।

कन्या राशि पर मंगल के कुंभ राशि में गोचर का प्रभाव:

कन्या राशि का स्वामी बुध है और वैदिक ज्योतिष में बुध और मंगल मित्र ग्रह नहीं हैं। मंगल जब कु्ंभ राशि में प्रवेश करेगा तो कन्या को अधिक फलों की प्राप्ति नहीं होगी। इसका कारण है कि मंगल इस अवधि के दौरान कन्या राशि में छठे स्थान पर रहेगा। यह अवधि स्वास्थ्य और वित्त दोनों की दृष्टि से अनुत्पादक रहेगी। विवाहित जोड़े का स्वास्थ्य प्रभावित होगा, जिससे इस अवधि के दौरान अपने साथी के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल हो जाएगा। इस समय वाद-विवाद से बचने के लिए प्रेमियों को अपने साथी के साथ शांत रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

उपाय- बेहतर परिणाम के लिए हनुमान जी की पूजा करें।

तुला राशि पर मंगल के कुंभ राशि में गोचर का प्रभाव:

वैदिक ज्योतिष में शुक्र और मंगल दोनों शत्रु ग्रह हैं। तुला राशि पर शुक्र का नियंत्रण है, फिर भी मंगल के गोचर का जातक पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस समय मंगल 5वें भाव में तुला राशि में रहेगा। यह जातकों को वित्तीय वृद्धि प्रदान करेगा, साथ ही इसका स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। इस समय के दौरान जातक की सहनशक्ति, जोश और साहस में अत्यधिक वृद्धि होगी। जातक को व्यापार और कार्य में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। वे अपने लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम होंगे। जीवनसाथी के साथ संवाद द्वारा विवाद हो सकता है, इसलिए जातक को प्रेम जीवन में सावधानी बरतनी होगी। आपको अपने प्रेमी के साथ बहस करने से बचना चाहिए।

उपाय - बेहतर परिणाम पाने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें।

यह भी पढ़ें:👉 राहु गोचर 2022, क्या बढ़ेगी आपकी परेशानियां?

वृश्चिक राशि पर मंगल के कुंभ में गोचर का प्रभाव:

मंगल का कुंभ राशि में गोचर जातकों को सकारात्मक और नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। इस समय मंगल वृश्चिक राशि में चतुर्थ भाव में रहेगा। जातक का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा, लेकिन उसे मानसिक तनाव का अनुभव हो सकता है। आर्थिक क्षेत्र भी प्रभावित हो सकता है और ऐसा प्रतीत होता है कि भुगतान में देरी होगी। अगर वे कड़ी मेहनत करते हैं, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि वे इस अवधि के दौरान सफल होंगे। यह अवधि विवाहित दंपतियों और प्रेमियों के लिए उत्कृष्ट है।

उपाय - मां दुर्गा की पूजा करें 

धनु राशि पर मंगल के कुंभ राशि में गोचर का प्रभाव:

वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति धनु राशि का स्वामी है। मंगल और बृहस्पति ग्रह अच्छे मित्र हैं। इस समय के दौरान, मंगल धनु राशि के तृत्य भाव में होगा, जो साहस का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए जातक साहसिक निर्णय ले सकते हैं। इस दौरान निर्णय लेते समय सतर्क रहने का आग्रह किया जाता है। जातक की सेहत में भी सुधार होगा। नौकरी में बदलाव से लोगों को फायदा होगा क्योंकि इससे उनके करियर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। विवाहित दम्पति अपने रिश्तों से संतुष्ट रहेंगे, लेकिन प्रेमियों को अपने बंधन को मजबूत करना होगा।

उपाय- मां काली की पूजा करें।

मकर राशि पर मंगल के कुंभ राशि में गोचर का प्रभाव:

इस गोचर के दौरान मंगल दूसरे भाव में रहेगा जो धन का दूसरा घर है। जातक के खर्चों में वृद्धि हो सकती है। परिणामस्वरूप, उन्हें समझदारी से धन खर्च करना होगा। इस दौरान स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां नहीं होगी, साथ ही ऊर्जा और सहनशक्ति में वृद्धि होगी। प्रेमी और शादीशुदा लोगों के लिए यह समय सुखद रहेगा। कुल मिलकर, यह समय प्रेम, स्वास्थ्य और धन के लिए अच्छा है। इस अवधि के दौरान अधिक लाभ प्राप्ति के लिए जातकों को भगवान के प्रति वफादार होना होगा।

उपाय - भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।

कुंभ राशि पर मंगल के कुंभ में गोचर का प्रभाव:

मंगल कुंभ राशि के प्रथम भाव में रहेगा। जातकों के लिए यह अवधि अत्यधिक लाभकारी होगी क्योंकि वे नए स्रोतों से धन अर्जित करेंगे। इस दौरान आपकी सेहत में सुधार होगा और करियर में कोई नया अवसर प्राप्त हो सकता है। इस दौरान जातक को अत्यधिक आनंद और संतोष का अनुभव होगा। कारोबारियों और नौकरी चाहने वालों के लिए नए अवसर खोजने का समय है। प्रेम संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रेमियों को रोमांटिक होने की जरूरत है।

उपाय- मां दुर्गा की पूजा करें।

मीन राशि पर मंगल के कुंभ राशि में गोचर का प्रभाव:

मंगल 12वें भाव में मीन राशि में गोचर करेगा। इस दौरान जातकों को धन की कमी से बचने के लिए अपने ख़र्चों पर नज़र बनाए रखनी होगी। व्यवसायियों को सलाह दी जाती है कि सोच-समझकर ही निर्णय लें। निर्णय लेने से पहले अपने विकल्पों के बारे में विचार करें, क्योंकि यह प्रतिकूल परिणाम प्रदान कर सकता है। स्वास्थ्य भी आपको हर दिन मॉर्निंग वॉक पर जाने के लिए प्रेरित करेगा। इस समय नौकरीपेशा लोगों को पूरी दुनिया घूमने का मौका मिल सकता है। यह अवधि आपको अपने प्रेमी के लिए भावुक बनाएगी, और जीवनसाथी के प्रति आपका प्यार बढ़ेगा। आपको बताया गया उपाय आपकी आंतरिक ऊर्जा को बढ़ाने में आपकी मदद करेगा, जिससे आप भविष्य की कठिनाइयों को दूर कर सकेंगे।

उपाय - ब्रह्म मुहूर्त में 324 बार गायत्री महामंत्र का जाप करें।

हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि मंगल का कुंभ राशि में गोचर प्रत्येक राशि को स्पष्ट रूप से लाभ प्रदान करेगा। हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए धैर्य और विश्वास बनाए रखना होगा।

नोट: ये ग्रहों के गोचर के आधार पर सामान्यीकृत भविष्यवाणियां हैं जो व्यक्ति की जन्मतिथि के आधार पर भिन्न हो सकती हैं।

मंगल का कुंभ में गोचर कैसे करेगा आपके भविष्य को प्रभावित? व्यक्तिगत भविष्यवाणी प्राप्त करने के लिए संपर्क करें एस्ट्रोयोगी के गुरु श्री राम से!

✍️ By- गुरु श्री राम

article tag
Planetary Movement
Vedic astrology
Aries
Taurus
Gemini
Cancer
Leo
Virgo
Libra
Scorpio
Sagittarius
Capricorn
Aquarius
Pisces
Zodiac sign
article tag
Planetary Movement
Vedic astrology
Aries
Taurus
Gemini
Cancer
Leo
Virgo
Libra
Scorpio
Sagittarius
Capricorn
Aquarius
Pisces
Zodiac sign
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!