ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक राशि से दूसरी राशि में ग्रहों का गोचर प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालता है।बुध का तुला राशि में गोचर 26 अक्टूबर 2022 को होगा। क्या आप जानना चाहते हैं कि अक्टूबर में होने वाले इस गोचर का आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा? यदि हां, तो इस लेख के माध्यम से जानें आपकी राशि के अनुसार यह गोचर कैसा रहेगा?
आकाशीय पिंडों की चाल के अनुसार सभी ग्रह अलग-अलग समय पर एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ग्रहों का एक राशि से दूसरी राशि में जाना गोचर कहलाता है। ग्रहों का गोचर प्रत्येक राशि के जातकों के जीवन पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है। प्रत्येक ग्रह, इंसान के जीवन पर दो कारणों से प्रभाव डालता है। पहला कारण है कि ग्रह हमारे व्यक्तित्व और जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े हुए होते हैं, इसलिए वे निरंतर हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। वहीं, दूसरा प्रभाव ग्रहों की चाल और विभिन्न राशियों में उनके गोचर के कारण होता है, जो बदलता रहता है। किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति के अनुसार ये गोचर शुभ या अशुभ हो सकते हैं। बुध का तुला राशि में गोचर दिल्ली समय के अनुसार 26 अक्टूबर 2022 (बुधवार) दोपहर 01:50 बजे होगा।
बुध का तुला राशि में गोचर, मेष राशि के सप्तम भाव में होगा, जिसके फलस्वरूप मेष राशि वाले लोगों की जिम्मेदारियों और मेहनत में वृद्धि होगी। आपके और आपके जीवन साथी के बीच विचारों में मतभेद रहेगा। आपके सुख और धन में कमी आएगी। इसके साथ ही बेवजह का विवाद और दर्द का भी सामना करना पड़ सकता है।
उपाय- बुधवार के दिन गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें।
बुध का तुला राशि में गोचर, वृषभ राशि के छठवें भाव में होगा, जिसके परिणामस्वरूप वृषभ राशि वालों आपके अपने बच्चों के साथ मतभेद होंगे। अधिक प्रयास करने के बाद ही धन का संचय हो सकता है। इसके साथ ही आपके और आपके परिवार के बीच मतभेद भी रहेंगे। वहीं, आपकी शिक्षा प्राप्ति में भी रुकावट आ सकती है।
उपाय- प्रत्येक बुधवार को श्री गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ या श्रवण करें।
बुध का तुला राशि में गोचर, मिथुन राशि के पंचम भाव में होगा, जिसके परिणामस्वरूप सरकार के साथ आपकी स्थिति आपके अनुकूल रहेगी। मिथुन राशि के जातकों आपके लिए संतान पक्ष से मिलने वाला सुख मध्यम रहेगा, लेकिन आपकी भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। प्रतिष्ठा और शिक्षा प्राप्त करने के मामलों में चीजें आपके लिए अनुकूल रहेंगी।
उपाय- हरे रंग के वस्त्र विशेषकर बुधवार के दिन पहनना शुभ रहेगा।
बुध का तुला राशि में गोचर, कर्क राशि के चौथे भाव में होगा, जिसके परिणामस्वरूप कर्क राशि के जातकों के लिए भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। इसके साथ ही आपके धन और पारिवारिक सुख में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा, आपके बाहरी लोगों के साथ संबंध अच्छे बने रहेंगे।
उपाय- बुधवार के दिन भगवान गणेश के मंदिर में उनके दर्शन करें।
बुध का तुला राशि में गोचर, सिंह राशि के तीसरे भाव में होगा। इसके कारण सिंह राशि के जातकों के उनके रिश्तेदारों के साथ मतभेद होने की संभावना है। इस दौरान आपको शत्रुओं से भी भय रहेगा। आपको अपने प्रयासों से धन की प्राप्ति होगी। काम में आपको अपने भाई-बहनों का सहयोग और दक्षता भी मिलेगी।
उपाय- बुधवार के दिन हरी मूंग भिगोकर उसमें गुड़ मिलाकर गाय को खिलाएं।
बुध का तुला राशि में गोचर, कन्या राशि के दूसरे भाव में होगा, जिसके परिणामस्वरूप कन्या राशि वालों धन प्राप्ति और संचय के मामले आपके अनुकूल होंगे। आपके सुख में वृद्धि होगी, पिता का सहयोग मिलेगा और सरकारी काम के मामले में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। इसके साथ ही आपको अच्छे लोगों की संगति का भी लाभ मिलेगा।
उपाय- भगवान गणेश के मंत्र "ओम गं गणपतये नमः" का नियमित रूप से ध्यान लगाकर जाप करें।
बुध का तुला राशि में गोचर, तुला राशि के पहले भाव में होगा, जिसके फलस्वरूप तुला राशि के जातकों के खर्चों में वृद्धि होगी। रोगों के कारण धन व्यय होगा और धन संचय करने में कठिनाई होगी। समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी और इस दौरान भाग्य आपका साथ देगा। परिवार में कलह की संभावना रहेगी।
उपाय- बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र भगवान गणेश के मंदिर में चढ़ाएं।
बुध का तुला राशि में गोचर, वृश्चिक राशि के बारहवें भाव में होगा, जिसके परिणामस्वरूप वृश्चिक राशि के जातकों की संगति गलत लोगों के साथ हो सकती है। हालांकि, आपके मन में बहुत गुस्सा होगा और अकारण ही संघर्ष हो सकता है।
उपाय- बुध तांत्रिक मंत्र "ओम ब्रं ब्रीं ब्रौं सह बुधाय नमः" का विशेष रूप से बुधवार के दिन जाप करें।
बुध का तुला राशि में गोचर, धनु राशि के आय भाव में होगा, जिसके परिणामस्वरूप धनुराशि के जातकों के धन और स्वास्थ्य लाभ में वृद्धि होगी। आपके सुख और यश में भी वृद्धि होगी। परिवार के साथ अनुकूलता रहेगी। इसके अलावा, आपके जीवन साथी के माध्यम से धन लाभ होगा।
उपाय- भोजन से पहले गाय को घास या भोजन का एक छोटा सा हिस्सा खिलाएं।
बुध का तुला राशि में गोचर, मकर राशि के दसवें भाव में होगा, जिसके फलस्वरूप मकर राशि वाले जातकों को पिता का भरपूर सहयोग मिलेगा। धर्म में आपकी आस्था बनेगी, और सरकार के साथ आपकी अनुकूलता रहेगी। आपको नया पद प्राप्त होगा और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने से सुख की प्राप्ति होगी। आपकी बुद्धि से कार्य में सफलता मिलेगी।
उपाय- बुध यंत्र को तांबे के पत्ते पर धारण करें।
बुध का तुला राशि में गोचर, कुंभ राशि के भाग्य के भाव में होगा, जिसके फलस्वरूप कुंभ राशि के जातकों की संतान को मान-सम्मान मिलेगा। धर्म के प्रति भावनाओं में कमी रहेगी। आपके काम में रुकावट आएगी और आप उदास हो सकते हैं।
उपाय- अपामार्ग को पानी में उबाल लें और उसको नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करें।
बुध का तुला राशि में गोचर, मीन राशि के अष्टम भाव में होगा, जिसके परिणामस्वरूप मीन राशि के जातकों के मातृ और पितृ सुख में थोड़ी कमी आएगी। आपके और आपके जीवन साथी के बीच मतभेद होंगे, लेकिन बच्चों के साथ अनुकूलता बनी रहेगी। इसके साथ ही आपके मन में अशांति रहेगी।
उपाय- बुधवार के दिन किसी योग्य व्यक्ति को धार्मिक पुस्तकें दान करें।
यह तुला राशि में बुध के गोचर के प्रभाव के संबंध में सामान्यीकृत भविष्यवाणियां हैं। इस गोचर का प्रभाव व्यक्ति की जन्म कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करेगा। इसके लिए दशा चक्र पर विचार करना भी आवश्यक होगा, तभी सटीक परिणाम मिलेंगे।
क्या आप जानना चाहते हैं कि बुध का तुला राशि में गोचर आपके जीवन को प्रभावित करेगा? यदि हां तो अभी बात करें एस्ट्रो विनायक से केवल एस्ट्रोयोगी पर।
✍️ By- एस्ट्रो विनायक