वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को शुभ ग्रह के रूप में जाना जाता है। भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, बुध बृहस्पति के पुत्र हैं। बृहस्पति परिपक्वता और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि बुध बुद्धि व संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करता है।
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वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को प्रिंस ऑफ प्लैनेट्स यानी की ग्रहों का राजकुमार भी कहा जाता है। बुध 6 मार्च को सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर मकर राशि में अपनी गोचर अवधि को पूर्ण कर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है, तो राशिचक्र के सभी राशियों पर इसका अलग -अलग प्रभाव पड़ता है। बुध कुंभ राशि में अठारह दिनों के लिए है और 24 मार्च को सुबह 11 बजे यह फिर से अपनी राशि को बदलेंगे और मीन राशि में गोचर कर जाएंगे। जहां यह एक कमजोर स्थिति में होंगे। बुध संचार, व्यापार और बुद्धि का कारक ग्रह है। नतीजतन, गोचर आर्थिक विकास पर असर डाल सकता है। आइये जानते हैं बुध का राशि परिवर्तन आपकी राशि के लिए क्या परिणाम देने वाला है।
आइये जानते हैं कुंभ राशि में बुध के इस गोचर के दौरान किन राशियों को सावधान रहना चाहिए? और किन्हें इस गोचर से भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है? लेख में आपको कुछ उपाय भी मिलेंगे। जिससे आप होने वाले नुकसान को कम कर सकेंगे। चलिए पढ़ते हैं -
मेष राशि में जन्में जातकों के लिए बुध का यह गोचर काफी फायदेमंद रहेगा। मेष राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव का स्वामी होकर 11वें भाव में गोचर करेगा। बुध आपको आय के नए स्रोत उत्पन्न करने में सक्षम बनाएंगे और आपकी आय में वृद्धि होगी। यदि मेष जातक एक नया वाहन या संपत्ति खरीदना चाहते हैं, तो यह एक अच्छा समय है। जो लोग शादी करना चाहते हैं वे बिना किसी बाधा के कर पाएंगे।
उपाय- शनिवार के दिन गणेश जी को साबुत मूंग का भोग लगाएं।
वृषभ राशि वालों के लिए यह समय बहुत ही शुभ माना जाएगा, क्योंकि बुध दशम भाव में गोचर कर रहे हैं। इस राशि परिवर्तन से बुध वृषभ जातकों के धन और संतान भाव के स्वामी बन जाएंगे। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को धन लाभ होना स्वाभाविक है। संतान के मामले में जातक के घर शुभ समाचार आ सकता है। प्रेमी व वैवाहिक जोड़ों के लिए यह एक अच्छा समय है क्योंकि उनके रिश्ते में सुधार होगा। व्यवसायियों को इस अवधि में लाभ होगा। इस अवधि में आप वह पैसा भी मिलेगा जो ब्लॉक हो गया था।
उपाय - दिन में 108 बार बीज मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का जाप करें।
बुध का गोचर मिथुन राशि के नौवें भाव में होगा। यहां बुध का लग्नधिपति होना नवम भाव में जातक के धार्मिक प्रवृत्तियों को बढ़ाएगा। लेकिन यहां बृहस्पति के घर में होने के कारण बुध को बंधन में रहना पड़ सकता है, जिससे आपको घुटन महसूस हो सकती है। आप एक विशिष्ट सीमा में बंधे हुए महसूस कर सकते हैं। खुशी के समय में भी आप आनंद का अनुभव नहीं कर पाएंगे। इस गोचर के दौरान हीन भावना उत्पन्न हो सकती है। परिवार के सदस्यों में भी अनबन हो सकती है। नतीजतन, आप अपने आप को अपने प्रियजनों से दूर पा सकते हैं।
उपाय- बुधवार के दिन गाय को अपने हाथों से हरा चारा खिलाएं।
कर्क राशि बुध आपकी कुंडली के आठवें भाव में गोचर करेंगे, जिसे मृत्यु भाव भी कहा जाता है। बुध जब अष्टम भाव से होकर गुजरता है तो जातक को मानसिक परेशानी का अनुभव हो सकता है। कर्क राशि में पैदा हुए लोगों के लिए बुध तीसरे और बारहवें घर के स्वामी होंगे, इसलिए उनका विश्वास हिल सकता है। कर्क जातक आपको शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है और चिकित्सा पर भी खर्च करना पड़ सकता है। आप नकारात्मक विचारों से घिरे रह सकते हैं। इस समय के दौरान आप उदास भी हो सकते हैं, इसलिए मन की अधिक शांति के लिए अपना ध्यान आध्यात्मिक गतिविधियों पर केंद्रित करने का प्रयास करें। यह समय भी बीत जाएगा और जल्द ही सब ठीक होगा।
उपाय- मंदिर में साबुत मूंग चढ़ाएं।
बुध के राशि परिवर्तन करने से सिंह राशि पर धन की वर्षा होने की संभावना है। सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी होगा और सातवें भाव में गोचर करेगा। जो लोग लंबे समय से काम पर प्रमोशन का इंतजार कर रहे थे, उन्हें आखिरकार यह मिल सकता है। इस दौरान आप स्मार्ट तरीके से काम करके अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं। कारोबारियों के लिए यह गोचर अचानक धन लाभ का कारण बनेगा।
उपाय- बुधवार के दिन गाय को अपनी हाथों से साबुत मूंग खिलाएं।
बुध का गोचर कन्या राशि के छठे भाव से होगा, जो उनका अपना घर है। बुध यहां आपके पहले और दसवें भाव का स्वामी होगा। जो लोग लगातार किसी बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें निस्संदेह राहत मिलेगी। जो कन्या जातक अवसाद व तनाव से पीड़ित रहे हैं, वे इससे मुक्त होंगे। जिन लोगों को अचानक किसी अनहोनी का डर है, वे अपनी समझ से इस चिंता को दूर करने में सक्षम होंगे। इस राशि परिवर्तन के दौरान आपकी बुद्धि ही आपका सबसे शक्तिशाली हथियार होगी। लोग आपके ज्ञान और बुद्धिमत्ता का सम्मान और प्रशंसा करेंगे।
उपाय - सरस्वती मंत्र का 108 बार जाप करें।
इस गोचर के दौरान बुध तुला राशि के पंचम भाव में रहेगा। इस अवधि में बुध नौवें और बारहवें भाव का स्वामी होगा। ऐसे में आपके प्रेमी और प्रेमिका से बहस होने की संभावना है। छात्रों के लिए भी यह समय अच्छा नहीं है। पंचम भाव के बुध जातकों की वाणी पर प्रभाव डालेंगे। ऐसे में आपको अपना मुंह सावधानी से खोलना चाहिए और किसी के बारे में कुछ भी नकारात्मक कहने से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसे में नकारात्मकता आपको बहुत प्रभावित करेगी, और यदि आप किसी बारे में कुछ नकारात्मक कहते हैं, जानबूझकर या अनजाने में, तो वह इस स्थिति में आपको प्रभावित करेगा। इस समय में आप खुद को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए आपको सावधान रहने की आवश्यकता है।
उपाय - अपने बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करें और उन्हें वस्त्र और अन्य सामान उपहार के रूप में भेंट करें।
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वृश्चिक राशि के लिए बुध चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। इस अवस्था में बुध आपको लाभ पहुंचाएगा। बुध आपको अपने आस-पास के रहस्य का ज्ञान प्रदान करेगा। आपके सामने कुछ अनदेखी चीजें आ सकती हैं। इस गोचर से रुका हुआ धन प्राप्त होने की प्रबल संभावना बन रही है। दूर स्थान की यात्रा के लिए उत्तम योग बनते दिखायी दे रहे हैं। वृश्चिक राशि में जन्म लेने वालों के लिए यह एक सामान्य अवधि होगी। परिश्रम से आपको सफलता मिल सकती है।
उपाय - अपनी सुहागन बहन या मौसी को हरी चूड़ियां या हरी साड़ी उपहार में दें।
धनु राशि में जन्में जातकों के लिए बुध तीसरे भाव में गोचर करेगा। ऐसी स्थिति में बुध व्यक्ति को आत्मविश्वास से भर देता है। किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए आप में पर्याप्त ऊर्जा आ जाएगी। धनु इस गोचर अवधि में आप ऊर्जावान रहेंगे। संभव है कि आप कार्यस्थल पर नए विचारों के साथ आएंगे। इस अवधि में आप अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच एक अच्छा संतुलन बनाने में सक्षम होंगे। आपकी वाणी सभी पर अविस्मरणीय छाप छोड़ेगी। आपने जो काम किया है उसकी प्रशंसा होगी। नौकरी के क्षेत्र में आपको आगे बढ़ने का मौका मिल सकता है।
उपाय- 11 दिनों तक फिटकरी से दांत साफ करें।
इस गोचर के दौरान बुध मकर राशि के दूसरे भाव में रहेगा। ऐसे में मकर राशि के जातकों का भाग्य उनका साथ देगा। आपकी बौद्धिक क्षमता आपको किसी भी तरह से परेशानियों के आगे झुकने से रोकेगी, शत्रु परास्त होंगे, रुका हुआ धन प्राप्त होगा। शरीर स्वस्थ बना रहेगा। मकर राशि के जातकों की प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और आपके बढ़े हुए अधिकार को प्रमाणित करने के लिए आपके शब्दों को गंभीरता से लिया जाएगा। कार्यस्थल पर भी आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
उपाय- 3 दिन तक लगातार गणपति जी को मोतीचूर के लड्डू चढ़ाएं।
कुंभ राशि में जन्म लेने वालों के लिए बुध उनके लग्न में गोचर करेगा, जो छात्रों के लिए बहुत भाग्यशाली अवधि है, क्योंकि वे अपनी परीक्षा में सफल होने में सक्षम होंगे। शोध के क्षेत्र में काम करने वालों को सफलता मिलेगी। आपकी बौद्धिक क्षमता अतुलनीय होगी। करियर के नजरिए से भी समय आपके लिए उत्तम रहेगा। कार्यस्थल पर आप अपनी एक अलग छाप छोड़ने मे कामयाब होंगे। आपका मान सम्मान बढ़ेगा।
उपाय - गणेश जी को मीठा पान अर्पित करें।
बुध मीन राशि के जातकों के बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस राशि परिवर्तन के दौरान बुध चौथे भाव और सातवें भाव के स्वामी होंगे। केंद्र के स्वामी के रूप में बुध कुंडली के अंदर अपने नीच भाव में विराजमान होंगे। ऐसे में बुध का सबसे बुरा प्रभाव पड़ता दिखायी दे रहा है। यह आप मीन राशियों के प्रेम व वैवाहिक जीवन के लिए सही नहीं है। इस अवधि में आपके जीवनसाथी या पार्टनर से आपकी अनबन हो सकती है। भोग-विलास में कमी हो सकती है। यदि आप घर या कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि इसमें बाधाएं आ सकती हैं। संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है। यदि आप पर किसी अपराध का आरोप लगाया जाता है, तो संभवत: आपको दंडित किया जाएगा। इसलिए सावधान रहें, क्योंकि माता और पत्नी का स्वास्थ्य चिंता का विषय बन सकता है।
उपाय- आपको दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए और पन्ना धारण करना चाहिए साथ ही फिटकरी से अपने दांतों को नियमित रूप से ब्रश करें।
नोट: यह सामान्य ज्योतिषीय आकलन पर आधारित भविष्यवाणियां हैं। व्यक्ति की जन्म तिथि के आधार पर भविष्यवाणियां भिन्न हो सकती हैं।
✍️ लेखक - टीम एस्ट्रोयोगी
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