अमला योग

अमला योग

कुंडली में ग्रहों की शुभ स्थिति एक आरामदायक और सफल जीवन जीने की कुंजी है। किसी कुंडली में लाभकारी योगों का होना अच्छे कर्मों का संकेत है। कुंडली में 10 वां घर बहुत महत्वपूर्ण है। यह पेशे और करियर का घर है। वैदिक ज्योतिष में कुंडली के भावों और ग्रहों कुछ विशेष परिस्थितियों के कारण योग का निर्माण होता है। इसलिए जिस की कुंडली में कोई शुभ ग्रह यदि 10वें घर में होता है तो वह अमला योग (Amala yoga in Astrology) का निर्माण करता है। 

कुंडली में अमला योग का निर्माण

कुंडली में अमल योग का निर्माण दुर्लभ नहीं है यह हर तीसरे इंसान की कुंडली में बनता है, क्योंकि एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्य का मानना है कि हर तीसरे की कुंडली में चंद्रमा से या लग्न से दशम भाव में शुभ ग्रह बैठा होता है। यदि कुंडली में बुध, शुक्र, गुरु दसवें घर में स्थित हो तो जातक को धन लाभ प्राप्त होता है और व्यापारी वर्ग का जातक व्यापार विस्तार कर सकता है। 

कुंडली में गुरु और अमला योग

यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा से या लग्न से दशवें भाव में बृहस्पति स्थित है, तो जातक एक अच्छा वक्ता और दूरदर्शी जन नेता बन सकता है जिसमें अच्छी कल्पनाशीलता के साथ ज्ञान की प्रचुरता होगी। अमला योग बनाने वाले बृहस्पति का यह स्थान एक शिक्षक, प्रोफेसर, विद्वान, ज्योतिषी, प्रेरक वक्ता और राजनीतिक जन नेता के साथ-साथ एक प्रख्यात शिक्षक की तरह उन्नति, प्रसिद्धि और सफलता प्रदान कर सकता है।

कुंडली में शुक्र और अमला योग

यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा से या लग्न से दशवें भाव में शुक्र अमाला योग का निर्माण करके फिल्म या टेलीविजन उद्योग या किसी भी बड़े मीडिया रचनात्मक क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए जीवन में महान धन और समृद्धि प्रदान करेगा। शुक्र की यह स्थिति जातक की शादी के बाद जीवन की सभी भोग-विलासिता के साथ बहुत समृद्धि लाती है।

कुंडली में बुध और अमला योग

यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा से या लग्न से दशवें भाव में बुध अमला योग बनाकर इंजीनियरिंग, अकाउंटिंग, बैंकिंग, उपन्यास लेखन और प्रिंट मीडिया की पत्रकारिता जैसे करियर में सफलता दिलाएगा। आप भौतिकवादी सुख के प्रति आसक्त होंगे और बुध की यह स्थिति आपको धन के प्रति जागरूक करेगी। वहीं 10वें घर में अकेले बुध के होने से ब्लॉगिंग के माध्यम से सोशल मीडिया में सफलता और लोकप्रियता हासिल करेंगे। 

अमला योग के लाभ

  • कुंडली में अमला योग होने से जातक अपने उत्कृष्ट कार्यों द्वारा समाज में मान-सम्मान प्राप्त करता है। 

  • ऐसा व्यक्ति राज्य, भाई और जनता का प्रिय होता है।

  •  जातक गुणवान, सात्विक, दानी और परोपकारी भी होता है। 

  • कुंडली में इस राजयोग के बनने से व्यापार में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होती है और नौकरीपेशा वाले को उच्च पद प्राप्त होता है। 

  • इस योग की वजह से सामाजिक कार्यों को करने में तत्पर रहता है। 

  • जातक की जीवन में सभी तरह की सुख-सुविधाएं होती हैं।  

इसके अलावा कुंडली के दशवें भाव में स्थित ग्रह यदि कमजोर हो और अशुभ ग्रह के प्रभाव में हो तो कुंडली में अमल योग नहीं बनता है बल्कि दोष बन जाता है। इसकी वजह से जातक के जीवन में कठिनाइयां आने लगती हैं और प्रत्येक कार्य में असफलता ही प्राप्त होती है। जातक को समाज में मान-सम्मान और यश प्राप्त नहीं होता है बल्कि अपयश प्राप्त होता है। 

फलदायी नहीं होता अमला योग

  • ज्योतिष के अनुसार यदि किसी कुंडली में लग्नेश कमजोर हो या फिर छठेंआठवें भाव में हो तो अमला योग का फल नहीं मिल पाता है। 

  • कुंडली में चंद्रमा से दशम भाव में यदि तृतीय, षष्ठ, अष्टम या व्यय भाव आता है तो अमल योग का फलदायी परिणाम नहीं मिल पाता है। 

  • यदि चंद्रमा छठे या आठवें घर का स्वामी हो तो जातक को इस योग का फल प्राप्त नहीं होता है।

उदाहरण के तौर पर

यदि लग्न से या चंद्रमा से दशभ भाव में शुक्र विराजमान हो तो, यह जातक के करियर को नए आयाम पर ले जाता है। आपको विज्ञापन और ज्वैलरी इंडस्ट्री में पहचान मिलने की संभावना है। साथ ही शुक्र जब अपने सातवें घर से चौथे घर को देखता है तो जातक को वाहन और अचल संपत्ति प्राप्त हो सकती है। 

इसके विपरीत यदि जातक की कुंडली में चंद्रमा और शुक्र दोनों दशवें भाव में बैठे हो तो, जातक का मन अस्थिर रहेगा। वह कोई भी काम को समय पर पूर्ण नहीं कर पाएगा। कार्यक्षेत्र में प्रमोशन और इंक्रीमेंट रुक जाएगा। ऑफिस में आप पर मानसिक दबाव बना जा सकता है। 


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