श्री गणेश यंत्र का उपयोग नये कार्यों को शुरु करने के लिए और उनमें सफलता हासिल करने के लिए, कार्यों में आने वाली विघ्न बाधाओं को दूर करने के लिए, सुख, समृद्धि, धन, वैभव प्राप्त करने के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि प्रथम पूज्य गणेश जी की कृपा के बिना कोई भी कार्य सिद्ध नहीं हो सकता है। ऐसे में गणपति को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए श्री गणेश यंत्र (Ganesh Yantra) एक चमत्कारी यंत्र है जिसकी सहायता से जातक पर श्री गणेश की कृपा सदैव बनी रहती है। इस यंत्र की स्थापना से किसी भी कार्य की सभी बाधाएं खत्म हो जाती हैं। इस यंत्र की साधना से जीवन में खुशियों के द्वार खुल जाते हैं और निसंतान जातकों को संतान प्राप्ति होती है। भगवान गणपति के पूजन से बौद्धिक विकास और जीवन में सकारात्मकता आती है।
नए घर, नई फैक्ट्री या ऑफिस के उद्घाटन हो तो आपको अपने घऱ या ऑफिस में श्री गणेश यंत्र की स्थापना करनी चाहिए।
जीवन की छोटी-छोटी बाधाओं को दूर करने के लिए श्री गणेश यंत्र (Ganesh Yantra) की स्थापना करना शुभ माना जाता है।
यह यंत्र समस्त सांसारिक इच्छाओं को पूरा करने का स्त्रोत है। किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए भगवान गणेश की पूजा की जाती है। यदि आप भगवान गणेश की पूजा यंत्र के रूप में करते हैं तो शुभ फल में वढोत्तरी हो जाती है।
बुद्धि, शास्त्रार्थ और प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त करने के लिए आप इस यंत्र की साधना कर सकते हैं इससे आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।
यदि आपको असाध्य रोगों से छुटकारा पाना है, संकट से दूर रहना है और नवग्रह दोषों से मुक्ति पानी है तो इस यंत्र की साधना करनी चाहिए।
इस यंत्र की प्रतिष्ठा से शत्रुओं का दमन होता है और कष्टों का निवारण होता है और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
श्री गणेश यंत्र को प्रतिष्ठित करने से पहले विशेष पूजन करने का प्रवाधान है। इस यंत्र से मिलने वाला शुभ फल किसी जातक को तभी पूर्णरूप से प्राप्त हो सकता है जब जब इस यंत्र को शुद्धिकरण, प्राण प्रतिष्ठा और ऊर्जा संग्रही की प्रक्रियाओं के माध्यम से विधिवत बनाया गया हो। साथ ही गणेश यंत्र को खरीदने के पश्चात किसी अनुभवी ज्योतिषी द्वारा अभिमंत्रित करके उसे घऱ की सही दिशा में स्थापित करना चाहिेए। अभ्यस्त और सक्रिय श्री गणेश यंत्र को बुधवार के दिन स्थापित करना चाहिए लेकिन गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित करने से सर्वाधिक लाभ प्राप्त होता है।
श्री गणेश यंत्र (Ganesh Yantra) की स्थापना का शुभ समय गणेश चतुर्थी होता है लेकिन आप इसे बुधवार को भी स्थापित कर सकते हैं। इस यंत्र की स्थापना वाले दिन प्रातकाल जागकर स्नानादि से निवृत्त होकर पूजास्थल पर भगवान गणपति की प्रतिमा के सामने इस यंत्र को स्थापित करना चाहिए। गणेश यंत्र को गंगाजल या कच्चे दूध से अभिमार्जित कर लेना चाहिए। इसके पश्चात धूप-दीप जलाकर और यंत्र के समक्ष दूर्वा और ताजे फूल अर्पित करने चाहिए। श्री गणेश यंत्र के बीज मंत्र "ॐ गं गणपतयै नम:" का 11 या 21 बार जाप करना चाहिए। इसके बाद भगवान गजानन की आराधना करते हुए यंत्र को यथास्थान स्थापित कर देना चाहिए। वहीं इस यंत्र के सामने यदि आप प्रतिदिन आप गाय के घी से मिश्रित अन्न की आहुतियां देते हैं तो आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा यदि आप आर्थिक रूप से परेशान हैं तो इस यंत्र के समक्ष प्रतिदिन अष्टद्रव्यों से आहुति देने से आप धनी बन सकते हैं। यदि आप इस यंत्र को बटुए या गले में धारण करते हैं तो स्नानादि के बाद अपने हाथ में यंत्र को लेकर उपरोक्त विधिपूर्वक इसका पूजन करें।
श्री गणेश यंत्र का बीज मंत्र - ॐ गं गणपतयै नम: