Jupiter Retrograde 2025: गुरु ग्रह की उल्टी चाल से पलट सकता है इन राशियों का भाग्य।

Wed, Nov 12, 2025
टैरो सोनिया
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Jupiter Retrograde 2025: गुरु ग्रह की उल्टी चाल से पलट सकता है इन राशियों का भाग्य।

Jupiter Retrograde 2025: दिसंबर 2025 में देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री होने जा रहे हैं। यह परिवर्तन सिर्फ ग्रहों की चाल नहीं, बल्कि भाग्य, विस्तार और नए अवसरों की शुरुआत भी है। बृहस्पति जीवन में वृद्धि, समृद्धि, सौभाग्य और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। बृहस्पति लगभग 13 महीनों तक एक राशि में रहते हैं, इसलिए बृहस्पति का मिथुन राशि में वक्री होना जीवन में कुछ बड़े बदलाव लेकर आ सकता है। इस बार जब मिथुन राशि में बृहस्पति वक्री होंगे, तब यह आपकी सोच, संचार शैली और सीखने की क्षमता में नई ऊर्जा भरेंगे।

कब होगा बृहस्पति का मिथुन राशि में वक्री ? Jupiter Retrograde 2025

बृहस्पति का मिथुन राशि में वक्री 5 दिसंबर 2025 को शुक्रवार दोपहर 03 बजकर 38 मिनट पर होगा। आइए जानते हैं कि जब मिथुन राशि में बृहस्पति वक्री होंगे, तो बारह राशियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, और कौन से सरल उपाय उनके आशीर्वाद को और अधिक फलदायी बना सकते हैं।

मेष राशि पर बृहस्पति वक्री (Jupiter Retrograde) का प्रभाव 

मेष राशि वालों के लिए, यह समय थोड़ा आत्म-चिंतन और रिश्तों को संवारने का है। इस दौरान बृहस्पति आपकी कुंडली के तीसरे भाव में वक्री हो रहे हैं। इस दौरान आपके भाई-बहन या कज़िन्स आपको अपना सलाहकार मानेंगे। वे आपकी बातों में भरोसा करेंगे और आपके पास अपनी उलझनों का हल ढूंढने आएंगे। ऐसी संभावना है कि मेष राशि वाले कुछ छोटी यात्राओं पर भी निकल सकते हैं चाहे वो काम से जुड़ी हों या खुद को तरोताज़ा करने के लिए।

उपाय: बृहस्पति की कृपा पाने के लिए भगवान वामनदेव (विष्णु के पाँचवे अवतार) की आराधना करें। 

वृषभ राशि पर बृहस्पति वक्री (Jupiter Retrograde) का प्रभाव 

वृषभ राशि वालों के लिए, वक्री बृहस्पति कुंडली के दूसरे भाव में हो रहा है। इस दौरान आपके जीवन में घर और समृद्धि से जुड़ी नई शुरुआतें देखने को मिल सकती हैं। ऐसी संभावना है कि आप नया घर या प्रॉपर्टी खरीदें, या फिर अपने घर में कोई बड़ा बदलाव करें। वृषभ राशि के कुछ लोग इस समय नई गाड़ी खरीदने या अपनी लाइफस्टाइल अपग्रेड करने का भी निर्णय ले सकते हैं। कुल मिलाकर यह समय आपकी भौतिक सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी लेकर आ सकता है।

माँ का स्नेह और आशीर्वाद इस समय आपके लिए बहुत शुभ रहेगा। उनकी सलाह और दुआएँ आपके जीवन में स्थिरता और शांति लाएँगी।

उपाय: इस गोचर के शुभ फल पाने के लिए भागवत पुराण का पाठ करें। यह न केवल बृहस्पति की कृपा दिलाएगा, बल्कि आपके जीवन में समृद्धि, ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करेगा।

मिथुन राशि पर बृहस्पति वक्री (Jupiter Retrograde) का प्रभाव 

मिथुन राशि वालों के लिए, बृहस्पति का मिथुन राशि में वक्री होना आपके पहले भाव में प्रभाव डाल रहा है। इस समय आपमें ज्ञान और समझ की गहराई बढ़ेगी। जीवन के प्रति एक नई शांति और संतुलन महसूस होगा। लोग मिथुन राशि वालों की बातों से प्रभावित होंगे। वे आपको मार्गदर्शक या मेंटर की तरह देख सकते हैं। यह वह समय है जब आपकी सलाह किसी के जीवन की दिशा बदल सकती है। 

उपाय: बृहस्पति की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन पीले वस्त्र पहनें, और यदि संभव हो तो अन्य दिनों में भी पीले रंग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। 

कर्क राशि पर बृहस्पति वक्री (Jupiter Retrograde) का प्रभाव 

कर्क राशि वालों के लिए, बृहस्पति की वक्री स्थिति कुंडली के बारहवें भाव में प्रभाव डालेगी। इस दौरान विद्यार्थियों और प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेने वालों के लिए समय बहुत शुभ है। विदेश में पढ़ाई करने वाले या प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थी सफलता की अच्छी संभावनाएँ पाएंगे। देव गुरु बृहस्पति की कृपा से कर्क राशि वालों के लिए परीक्षा और इंटरव्यू में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

उपाय: इस गोचर के दौरान गुरुवार के दिन व्रत रखें। यह आपके ग्रह कुण्डली में बृहस्पति को मजबूत बनाएगा और जीवन में ज्ञान, सफलता और अवसरों को बढ़ावा देगा।

सिंह राशि पर बृहस्पति वक्री (Jupiter Retrograde) का प्रभाव

सिंह राशि वालों के लिए, बृहस्पति का मिथुन राशि में वक्री होना ग्यारहवें भाव में प्रभाव डाल रहा है। इस दौरान सिंह राशि वाले जो भी प्रयास करेंगे, उसमें सफलता मिलने की पूरी संभावना है। आपके काम और प्रयासों में खुशनसीबी साथ देगी और आप अच्छे परिणाम हासिल करेंगे। समाज या अपने नेटवर्क में आपकी स्थिति मजबूत होगी, लोग आपके साथ जुड़ना पसंद करेंगे और आपकी राय को सम्मान देंगे।

उपाय: इस समय बृहस्पति की कृपा पाने के लिए हर गुरुवार पीपल के वृक्ष की पूजा करें और वहाँ घी का दीपक जलाएं। यह आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शुभ लाभ और समृद्धि लाएगा।

कन्या राशि पर बृहस्पति वक्री (Jupiter Retrograde) का प्रभाव 

कन्या राशि वालों के लिए, बृहस्पति का वक्री होना कुंडली के दसवें भाव को प्रभावित करेगा। इस दौरान कन्या राशि वालों को करियर में नई ऊंचाइयां छूने के अवसर मिलेंगे। देव गुरु बृहस्पति आपके पेशेवर क्षेत्र में विस्तार और सफलता लेकर आएंगे। लंबे समय से रुका हुआ प्रमोशन या सैलरी इंक्रीमेंट आपको मिल सकते हैं, जिससे आपके प्रयासों का फल मिलेगा और मेहनत रंग लाएगी।

उपाय: बृहस्पति की कृपा के लिए गुरु बीज मंत्र का जाप करें “ॐ ग्राम ग्रिं ग्रों सह गुरवे नमः” 108 बार, पूरे समर्पण के साथ। इससे आपके जीवन में सफलता, सम्मान और स्थिरता बढ़ेगी।

तुला राशि पर बृहस्पति वक्री (Jupiter Retrograde) का प्रभाव 

तुला राशि वालों के लिए, बृहस्पति का मिथुन राशि में वक्री होना कुंडली के नौवें भाव को प्रभावित कर रहा है। आप इस दौरान सामाजिक और धार्मिक रूप से सक्रिय रहेंगे। तुला राशि वाले दूसरों की मदद करेंगे, धर्म और अच्छे कर्मों को बढ़ावा देंगे। आपकी सकारात्मक ऊर्जा और मार्गदर्शन से लोग प्रेरित होंगे और आपके जीवन में भी संतुलन और शांति का अनुभव होगा।

उपाय: गुरु की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन पीला चावल और मिठाई दान करें और इसे प्रसाद के रूप में वितरित करें। इससे जीवन में धन, आशीर्वाद और सकारात्मकता बढ़ेगी।

वृश्चिक राशि पर बृहस्पति वक्री (Jupiter Retrograde) का प्रभाव 

वृश्चिक राशि वालों के लिए, बृहस्पति की वक्री चाल कुंडली के आठवें भाव में प्रभाव डाल रही है। इस दौरान बृहस्पति आपको मार्गदर्शन देंगे और आपके कमजोर पहलुओं और सुधार के क्षेत्रों पर काम करने की प्रेरणा देंगे। जैसे-जैसे वृश्चिक राशि वाले अपनी गलतियों और कमियों को समझकर उन्हें सुधारेंगे, असली हीरे की तरह दमकने लगेंगे। यह समय आत्म-सुधार और व्यक्तिगत परिवर्तन के लिए बहुत शुभ है।

उपाय: अपने घर में गुरु यंत्र रखें, जो आपकी जन्मतिथि के अनुसार पूरी तरह चार्ज और प्रोग्राम्ड हो। 

धनु राशि पर बृहस्पति वक्री (Jupiter Retrograde) का प्रभाव 

धनु राशि वालों के लिए, बृहस्पति की वक्री स्थिति कुंडली के सातवें भाव में प्रभाव डाल रही है, यानी आपके वैवाहिक और साझेदारी संबंधों पर इसका प्रभाव रहेगा। इस दौरान आपके और आपके जीवनसाथी के बीच समझ, प्यार और स्नेह बढ़ेगा। धनु राशि वालों के रिश्ते में मधुरता और सहयोग की भावना बढ़ेगी। कुछ लोग इस समय पेरेंट्स बनने की खुशियाँ भी अनुभव कर सकते हैं।

उपाय: गुरु की कृपा पाने और संबंधों में सुख बढ़ाने के लिए गुरुवार के दिन पीली सब्ज़ियाँ और दालें किसी धार्मिक स्थान पर दान करें। उदाहरण के लिए तोरी, तूर दाल आदि। यह आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद लाएगा।

मकर राशि पर बृहस्पति वक्री (Jupiter Retrograde) का प्रभाव 

मकर राशि वालों के लिए, वक्री बृहस्पति कुंडली के छठवें भाव में हो रहा है। इस दौरान आपके सामने सच्ची प्रतिस्पर्धा आएगी, जो आपके कौशल और प्रतिभा को आजमाएगी। यह समय मकर राशि वालों को अपनी क्षमताओं को पहचानने और सुधारने का अवसर देगा। इसके साथ ही, आपके स्वास्थ्य में भी सामान्य रूप से अच्छी स्थिति बनी रहेगी, जिससे आप सक्रिय और ऊर्जावान महसूस करेंगे।

उपाय: गुरु और अध्यापकों का सम्मान करें। उन्हें उनकी ज़रूरत और आवश्यकताओं के अनुसार उपहार दें, जो उनके जीवन में मददगार साबित हों। इससे न केवल आपके ज्ञान में वृद्धि होगी, बल्कि बृहस्पति की कृपा भी बढ़ेगी।

कुंभ राशि पर बृहस्पति वक्री का प्रभाव 

कुंभ राशि वालों के लिए, बृहस्पति की चाल पांचवे भाव में प्रभाव डाल रही है। इस दौरान कुछ लोग शेयर मार्केट या निवेश में अच्छी सफलता पा सकते हैं, बशर्ते निर्णय सोच-समझकर, शोध और तर्क के आधार पर लिए जाएं। साथ ही, कुंभ राशि के कुछ लोग प्यार और रोमांटिक संबंधों में गहरी समझ और लंबी अवधि के लिए प्रतिबद्धता का अनुभव करेंगे।

उपाय: गुरु की कृपा पाने के लिए किताबें और स्टेशनरी किसी जरूरतमंद या धार्मिक स्थानों पर दान करें। 

मीन राशि पर बृहस्पति वक्री (Jupiter Retrograde) का प्रभाव 

मीन राशि वालों के लिए, बृहस्पति की वक्री स्तिथि कुंडली के चौथे भाव में प्रभाव डाल रही है। इस दौरान आपकी माँ का स्नेह और आशीर्वाद आपके जीवन में विशेष रूप से महसूस होगा। आपका घर न केवल आराम और सुरक्षा का स्थान बनेगा, बल्कि इसमें सकारात्मकता और शुभता भी बनी रहेगी। जीवन में घर का यह सुख मीन राशि वालों को मानसिक शांति और ऊर्जा देगा।

उपाय: गुरु की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन पीले फल जैसे केला, अंगूर, नींबू, कटहल, संतरा और अनानास दान करें। इससे आपके घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आशीर्वाद और समृद्धि बढ़ेगी।

देवगुरु बृहस्पति का महत्व 

बृहस्पति या गुरु ग्रह सदैव शुभ फल देने वाला ग्रह माना जाता है। यह जीवन में विकास, बुद्धि और आंतरिक शांति प्रदान करता है। इसके अधिपत्य वाली धनु और मीन राशियां हैं। कर्क राशि में यह उच्च अवस्था में होता है। यह ग्रह अपने तीन नक्षत्रों पुनर्वसु, विशाखा और पूर्वाभाद्रपदा के माध्यम से ज्ञान, दर्शन और आत्मिक वृद्धि का संदेश देता है। जब बृहस्पति किसी की कुंडली में शुभ स्थिति में होता है, तब व्यक्ति अपने जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति करता है चाहे वह शिक्षा हो, करियर, स्वास्थ्य या रिश्ते। देवगुरु सूर्य, चंद्रमा और मंगल के मित्र हैं, शनि के प्रति तटस्थ, जबकि शुक्र और बुध इनके शत्रु माने जाते हैं। यह एक राजसिक ग्रह है जो धर्म, सम्मान और आदर का प्रतीक है।

ये सामान्य भविष्यवाणियाँ हैं। आपकी व्यक्तिगत जन्म कुंडली के अनुसार अधिक सटीक विश्लेषण और प्रभाव जानने के लिए, आप ज्योतिषी टैरो सोनिया से संपर्क कर सकते हैं।

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