गणेश चतुर्थी 2022: कब करें गणपति बप्पा की स्थापना? जानें पूजा मुहूर्त, विधि और व्रत कथा

Wed, Aug 31, 2022
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Wed, Aug 31, 2022
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
गणेश चतुर्थी 2022: कब करें गणपति बप्पा की स्थापना? जानें पूजा मुहूर्त, विधि और व्रत कथा

भगवान गणेश का जन्मोत्सव का पर्व गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र, गुजरात ही नहीं पूरे भारत में सबसे लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध त्योहार है। आइए जानतें है कब करें गणपति की स्थापना, पूजा विधि और कथा। 

भाद्रपक्ष माह में गणेश चतुर्थी का यह त्‍योहार मनाया जाता है। इस चतुर्थी व्रत को भगवान गणपति के जन्‍मोत्‍सव के रूप में जाना जाता है। सभी देवो में सर्वप्रथम पूज्य गणेश जी को चतुर्थी के दिन बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार चतुर्थी का उत्सव अगस्त अथवा सितम्बर के महीने में आता है। मान्यताओं के अनुसार गणेशोत्सव अर्थात गणेश चतुर्थी का पर्व 10 दिन तक मनाया जाता है और अनन्त चतुर्दशी के दिन यह उत्सव समाप्त होता है। जिसे गणेश विसर्जन के नाम से जाना जाता है। अनन्त चतुर्दशी का दिन बहुत खास माना जाता है, इस दिन श्रद्धालु-जन बहुत ही उत्साह और हर्षोल्लास इसे मनाते हैं और फिर भगवान गणेश की आराधना करके उनकी प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। तो कुछ लोग गणपति जी को अपने घरों में  2 दिन, 3 दिन, 5 दिन व 7 दिन के लिए स्‍थाप‍ित करते हैं। चालिए जानते हैं क्‍यों खास है यह चतुर्थी व्रत।

गणेश चतुर्थी 2022 पर कब करें गणपति बप्पा की स्थापना?

गणपति स्थापना का मुहूर्त- 31 अगस्त 2022, बुधवार, सुबह 11:05 से दोपहर 01:37 बजे तक, समयावधि: 02 घंटे 33 मिनट। 

चतुर्थी तिथि: 30 अगस्त, 2022 को दोपहर 03:33 से  31 अगस्त, 2022 को 03:22 तक

अनंत चतुदर्शी - 9 सितंबर 2022 (गणपति विसर्जन )

भारत के प्रमुख शहरों में गणपति बप्पा की स्थापना मुहूर्त

  • मुंबई: सुबह 11:24 से दोपहर 01:54 तक 
  • पुणे: सुबह 11:20 से दोपहर 01:50 तक 
  • अहमदाबाद: सुबह 11:24 से दोपहर 01:56 तक
  • जयपुर: सुबह 11:11 से दोपहर 01:43 तक
  • नई दिल्ली: सुबह 11:05 से दोपहर 01:38 तक 
  • नोएडा: सुबह 11:04 से दोपहर 01:37 तक 
  • गुड़गांव:  सुबह 11:05 से दोपहर 01:39 तक 
  • चंडीगढ़: सुबह 11:06 से दोपहर 01:40 तक 
  • कोलकाता: सुबह 10:21 से दोपहर 12:52 तक 
  • बेंगलुरू: सुबह 11:06 से दोपहर 01:34 तक 
  • हैदराबाद: सुबह 11:01 से दोपहर से 01:31 तक 
  • चेन्नई: सुबह 10:55 से दोपहर 01:24 तक 

गणेश चतुर्थी व्रत एवं पूजा विधि

चतुर्थी के दिन सोलह उपचारों और वैदिक मंत्रों द्वारा भगवान गणपति की आराधना की जाती है। जिसे हि‍ंदू पौराणिक मान्‍यताओं में षोडशोपचार पूजन कहते हैं। 

  • सबसे पहले गणेश चौथ के दिन स्नान आदि के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें। 

  • इसके बाद संकल्प लें और पूजा स्थान पर गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित कर दें।

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान गणेश की मूर्ति घर के उत्तर-पूर्व कोने यानी कि ईशान कोण में रखना सबसे अच्छा होता है

  • सर्वप्रथम गणेश जी को लाल फूल, अक्षत, चंदन, धूप, दीप, गंध, जनेऊ और दूर्वा आदि अर्पित करें।

  • पूजा के अंत में विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें।

  • इस दिन व्रत करने वाले गणपति चौथ के नाम की मूर्ति बनाएं। 

  • फल, फूल और नैवेद्य द्वारा गणपति जी का पूजन करें।

  • नैवेद्य में भगवान को लड्डू व मोदक अति प्रिय है। इसलिए इन्‍हें बनाकर चढ़ाएं और फिर पूजन करें। 

  • व्रत धारी इस दिन 1 समय का भोजन करें। पूरा दिन भजन कीर्तन में बिताए। 

  • गणेश मंत्र का जाप करें।

  • ब्राह्मणों को दान दक्षिणा शक्ति भक्ति अनुरूप अन्नदान वस्त्र दान करें।

गणेश चतुर्थी से जुड़ीं किसी भी अन्य जानकारी के लिए एस्ट्रोयोगी पर देश के प्रसिद्ध ज्योतिषियों से परामर्श करें। 

गणेश चतुर्थी व्रत कथा

भगवान शंकर और मां पार्वती जी के पुत्र और कार्तिक स्वामी के भाई सर्वप्रथम पूज्‍य गणपति महाराज हैं। जिनका वाहन मूषक है। कोई भी शुभ प्रसंग हो या धार्मिक प्रसंग हो, गणपति महाराज की पूजा सर्वप्रथम कि जाती है। गणपति महाराज सर्व देव में एक हैं जिनके हाथों में शस्त्र की जगह लड्डू होता हैं। गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्र-दर्शन नहीं किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से मिथ्या दोष अथवा मिथ्या कलंक लगता है जिसकी वजह से इस दिन चंद्र दर्शन करने से चोरी का झूठा कलंक लगता है। 

एक बार गणपति जी देव लोक से कैलाश की ओर जा रहे थे। वहां चंद्र देव के समीप से निकलते वक्त चंद्र देव ने गणेश जी को  देखकर हंसने लगे और बोले वाह भाई वाह बड़ा पेट और लंबी सूंड कह कर गणपति जी का उपहास करने लगे। यह सब देखते हुए भी गणपति महाराज कुछ नहीं बोले और आगे चलने लगे। लेकिन चंद्र देव अपनी इस हरकत से बाज नहीं आए और फिर एक बार उन्होंने उपहास करना शुरू कर दिया। भगवान गणेश उस वक्त भी शांत रहे। चंद्र देव अपने घमंड में चूर थे, उनका यह उपहास बंद होने का नाम नहीं ले रहा था। इतने में ही गणेश जी की आंखें लाल गुम हो गई और गुस्‍से में आकर चंद्र देव को श्राप दिया। हे चंद्र तू अपने रूप के अभिमान में चूर हो गया है। अब तो तुझे शिक्षा देनी है पड़ेगी। ऐसा सोच कर गणपति महाराज क्रोधित होकर बोले, हे चंद्र देव तू अपने रूप के अभिमान में मद हो गया है।

मैं तुझे श्राप देता हूं कि आज भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन तीनो लोक में कोई तेरा मुख नहीं देखेगा और यदि कोई भूलवश भी तेरे मुख को देख लेगा, तो वह भी कलंकित हो जाएगा। श्राप सुनते ही चंद्र देव का गर्व पिघल गया और भयभीत होकर कंपन करने लगे। गणपति देव से क्षमा मांगते हुए बोले अरे मुझसे अपराध हो गया है, मुझे अभिमान के कारण वाणी पर संयम नहीं रहा। इतना कहते ही गणपति जी वहां से अंत धन्य हो गए। चंद्र देव को अपने किए का पछतावा होने लगा और अब क्या हो सकता है? और अचानक से विश्व भर में अंधेरा फेल गया। देवता लोग घबराने लगे। यह सब क्या हो रहा है। सभी देवता मिलकर भगवान के पास गए और बोले महाराज ! चंद्र देव के श्राप का निवारण बतलाइएं भगवान बोले देवताओं सुनो यह तो गणेश जी का श्राप है। इसलिए गणेश जी के अलावा श्राप का निवारण कोई भी बता नहीं सकता। इसलिए आप सब गणपति जी के पास जाओ। उपरांत गणपति जी तुम पर प्रसन्न हो ऐसी युक्ति भी बताता हूं बस सुनो। 

तुम सब चंद्र देव के पास जाकर कहना की वह भाद्रपद चतुर्थी का व्रत करें और इस व्रत की विधि इस प्रकार है। सर्वप्रथम गणपति जी की सोने के मूर्ति बनाएं। अगर सोने की न बनाओ तो स्थिति अनुसार कोई भी धातु की या मिट्टी के मूर्ति बनाएं और यह भी न संभावना हो तो गणपति जी की तस्वीर लें। फिर एकम से चौथ में जो दिन शुभ हो उस दिन शुभ मुहूर्त में गणेश जी की स्थापना करें। फिर उसका पूजन करें। लड्डू के नैवेद्य का भोग लगाएं। फिर धाम धूम से गणपति जी की मूर्ति को जल में विसर्जित करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं, दान करें। ऐसा करने से गणपति महाराज की कृपा चंद्र देव पर होगी। गणपति महाराज उस पर प्रसन्न होंगे और उनके श्राप का निवारण करेंगे।

देवताओं के कहने पर चंद्र देव ने गणेश चौथ का विधि अनुसार व्रत किया और गणपति जी उस पर प्रसन्न हुए। चंद्र देव ने गणपति जी से क्षमा मांगी। तब गणेश जी ने उन पर कृपा की और कहा हे चंद्र ! तू मेरे श्राप से मुक्त तो नहीं होगा पर तूने मेरा व्रत किया है अतः मैं तुझ पर प्रसन्न हुआ हूं और इसलिए मैंने तुझे दिए हुए श्राप का कुछ भाग कम करता हूं। आज से जो मनुष्य भाद्रपक्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करेगा, तो वह कलंकित हो जाएगा, परन्तु वह जातक श्री गणेशाय नम: का 108 बार जप करके व श्री गणपति को दूर्वा सिंदूर अर्पित करके विघ्न का निवारण कर सकता है औऱ उसे इस कलंक आरोप से मुक्ति मिल जाएगी।

गणेश चतुर्थी पर किन राशि वालों को लाभ होगा?

  1. मेष राशि के जातकों के लिए अगस्त का महीना काफी लाभप्रद रहने वाला होगा। भाग्य की आपको सहायता मिलेंगी। यह महीना मान सम्मान एवं सफलता प्राप्ति का महीना रहेगा। इस महीने में आपको व्यापार में बढ़ोतरी प्राप्त होगी। आपके बिगड़े हुए काम जल्द से जल्द बनेंगे। नौकरी में भी आपके काम की तारीफ होगी। नई नौकरी प्राप्त करने या पुरानी नौकरी में प्रमोशन के अच्छे मौके मिलेंगे। लेकिन स्वास्थ्य संबंधी कुछ दिक्कत हो सकती है।
  2. वृषभ राशि वालों के जीवन में व्यापार में संघर्ष आ सकता है, इसलिए आप मूंग की दाल मंदिर में दान करें। तो इससे आपको काफी लाभ मिलेगा। 
  3. मिथुन राशि वालों के लिए मानसिक तौर पर संघर्ष का योग बना हुआ है। इसलिए आप फिटकरी से अपने दांतों को साफ करें।
  4. कर्क राशि वालों के लिए अगस्त महीने के अंदर गृह क्लेश का योग बन रहा है। इसलिए आप पलंग में तांबे की कील लगाएं लाभ होगा।
  5. सिंह राशि अगस्त माह में तीन प्रमुख ग्रहों के राशि परिवर्तन से सिंह राशि के जातकों लिए एक साथ कई खुशियां मिलेगी। अधूरे पड़े कार्य जल्दी से पूरे होंगे। जिस कारण से आपकी आय में अच्छा इजाफा देखने को मिलेग। इस माह सिंह राशि के जातकों को मनचाही नौकरी प्राप्त होने के अच्छे संकेत हैं। सौभाग्य में वृद्धि होगी। जिसके चलते आपको हर एक काम में सफलताएं मिलेंगी।
  6. कन्या राशि वालों के लिए व्यापार में हानि का योग है स्त्री से भी नुकसान का योग बन रहा है। इसके लिए आपको अपनी बेटी या किसी कन्या को चांदी की नथ पहनाएं, अपनी छत पर वर्षा का जल रखें और पूजा के स्थान को बार-बार परिवर्तित न करें।
  7. तुला राशि  के लोगों के लिए यह महीना काफी लाभदायक रहने वाला है। अचानक कहीं से धन लाभ के संकेत दिखाई पड़ रहे हैं। भाग्य आपका साथ देगा और चारो तरफ से खुशियों की बरसात होगी। व्यापार में लगे हुए जातकों के लिए कमाई के अच्छे मौके प्राप्त होंगे। व्यापार में बड़ा लाभ आपको मिलेगा। कानून मामलों में विजय प्राप्ति करने का महीना होगा। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी और इससे आपको मान सम्मान मिलेगा। संतान संबंधी खुशी का समाचार मिलेगा।
  8. वृश्चिक राशि वालों के लिए व्यापार में संघर्ष का योग बनता दिख रहा है। जिसके लिए इन जातकों को अलग-अलग मिट्टी के बर्तनों में शुद्ध शहद और शुद्ध सिंदूर भरकर अपने घर में स्थापित करें और प्रातःकाल शहद का सेवन करें।
  9. धनु राशि वाले अगर कहीं यात्रा करने जा रहे हैं तो यह उपाय करके ही यात्रा करें। किसी भिखारी को खाली हाथ न लौटने दें और एवं केसर का तिलक करके यात्रा करें। इससे आपको लाभ होगा।
  10. मकर राशि वालों को स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन जातकों को बंदरों की सेवा करनी चाहिए, जैसे कि उन्हें  गुड़ चना और केले खिलाएं।
  11. कुंभ राशि  वालों के लिए संतान को लेकर समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आपको यह उपाय करने से लाभ मिल सकता है। आप सोना धारण करें, केसर का तिलक करें, हो सके तो दूध से स्नान करें। गर्दन में शुद्ध चाँदी का चौकोर टुकड़ा बांधे और जेब में छोटी-छोटी 4 ग्राम की शुद्ध चाँदी की गोलियां रखें।
  12. मीन राशि वालों के साथ धोखा होने के योग बने हुए हैं। इन जातकों को शराब-मांसा का सेवन नहीं करना चाहिए। दीमक के वास्ते खुले पेड़ के नीचे सतनाजा हर शनिवार को डालें और सदा सत्य बोले, अपने वादे को निभाए, किसी का अहित न करें।

भगवान गणेश के 21 नामों का करें जाप

  1. ॐ सुमुखाय नमः 
  2. ॐ गणाधीशाय नमः 
  3. ॐ उमा पुत्राय नमः 
  4. ॐ गजमुखाय नमः 
  5. ॐ लम्बोदराय नमः 
  6. ॐ हर सूनवे नमः 
  7. ॐ शूर्पकर्णाय नमः 
  8. ॐ वक्रतुण्डाय नमः 
  9. ॐ गुहाग्रजाय नमः 
  10. ॐ एकदन्ताय नमः 
  11. ॐ हेरम्बराय नमः
  12. ॐ चतुर्होत्रै नमः
  13. ॐ सर्वेश्वराय नमः 
  14. ॐ विकटाय नमः
  15. ॐ हेमतुण्डाय नमः 
  16. ॐ विनायकाय नमः
  17. ॐ कपिलाय नमः 
  18. ॐ वटवे नमः
  19. ॐ भाल चन्द्राय नमः 
  20. ॐ सुराग्रजाय नमः 
  21. ॐ सिद्धि विनायकाय नमः 

भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए चतुर्थी पर करें कौन से उपाय? जानने के लिए अभी बात करें एस्ट्रोयोगी पर वैदिक ज्योतिषियों से।  

✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी

article tag
Ganesh Chaturthi
Festival
article tag
Ganesh Chaturthi
Festival
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!