पुष्कर

पुष्कर

गुलाबी शहर जयपुर से कुछ ही घंटों की दूरी पर पुष्कर शहर स्थित है। पुष्कर (Pushkar) हिंदूओं में इसलिए प्रसिद्ध है कि यहां विश्व का एक मात्र जगत पिता ब्रह्मा का मंदिर है। इसके अलावा यहां लगने वाला मेला भी पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। आगे हम पुष्कर के पौराणिक महत्व और दर्शनीय स्थानों के बारे में जानेंगे।

 

पुष्कर का पौराणिक महत्व

पौराणिक रूप से पुष्कर (Pushkar) नगर के उद्भव का वर्णन हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथ पद्मपुराण में मिलता है। मान्यता है कि, पुष्कर आकर ब्रह्मा जी ने यज्ञ किया था। हिंदुओं के प्रमुख तीर्थस्थानों में पुष्कर को भी गिना जाता है। क्योंकि यहां एक ऐसी जगह है जहां ब्रह्मा जी का प्राचीन मंदिर स्थापित है। यहीं ब्रह्मा जी का एक मात्र मंदिर क्यों है, इसके पीछे भी एक प्रचलित कथा है, कथा के अनुसार एक बार भगवान ब्रह्मा ने यज्ञ करने का निश्चय किया। यह यज्ञ जगत पिता सबसे शुभ समय पर करना चाहते थे। परंतु उनकी पत्नी सरस्वती, जिनका यज्ञ के समय उपस्थित रहना अत्यंत आवश्यक था, उन्हें ब्रह्मदेव को इंतजार करने लिए कहा। जिससे क्रोधित होकर ब्रह्मा जी ने गायत्री नाम की एक ग्वालिन से विवाह कर लिया और उन्हें यज्ञ में बैठा दिया। भगवान ब्रह्मा ने पुष्कर के दक्षिण में मध्यवर्ती क्षेत्र को यज्ञवेदी बनाया। इस यज्ञवेदी में उन्होंने ज्येष्ठ पुष्कर, मध्यम पुष्कर, तथा कनिष्ठ पुष्कर नामक तीन पुष्कर तीर्थ की रचना की। ब्रह्मा जी के यज्ञ में सभी देवता तथा ऋषि पहुंचे। ऋषियों ने यज्ञ स्थल से कुछ ही दूरी पर अपने आश्रम बनाए। भगवान शंकर भी कपालधारी बनकर पधारे। यज्ञ में सरस्वती जी ने जब अपने स्थान पर किसी और को देखा तो वे क्रोध से भर गयी और उन्होंने ब्रह्मा जी को शाप दे दिया। शाप यह था कि पृथ्वी के लोग ब्रह्मदेव को भूल जाएंगे और इनकी पूजा कभी नहीं करेंगे। किन्तु अन्य देवताओं की प्रार्थना पर वो पिघल गयी और कहा कि ब्रह्मा जी केवल पुष्कर में ही पूजे जाएंगे। इसी कारण यहां के अलावा और कहीं भी ब्रह्मा जी का मंदिर नहीं है।

 

पुष्कर के दर्शनीय स्थल

पुष्कर (Pushkar) के प्राचीन मंदिरों को मुगल सम्राट औरंगजेब ने नष्ट कर दिया था। ब्रह्मा के मंदिर के अतिरिक्त यहां पुष्कर झील, पुष्कर मेला और ऊटों की दौड़ देखने योग्य हैं। पुष्कर में स्थित झील के तट पर कई जगह पक्के घाट बने हैं। इन घाटों का निर्माण राजपूताना रियासतों के धनी व्यक्तियों द्वारा करवाया गया है।

 

ब्रह्मा मंदिर

पुष्कर नगर धार्मिक मिथों और विश्वासों से भरा है। यहां के आकर्षण का केंद्र ब्रह्मा का मंदिर है। ब्रह्मा मंदिर का निर्माण संगमरमर के पत्थर से किया गया है तथा इसे चांदी के सिक्कों से सजाया गया है। इन चांदी के सिक्कों पर दानदाताओं के नाम उकेरे गए हैं। इसके अलावा मंदिर के दीवारों पर भी दानदाताओं के नाम अंकित हैं। यहां मंदिर के फर्श पर एक सोने का कछुआ है। मंदिर में गायत्री देवी की एक छोटी प्रतिमा और किनारे पर ब्रह्माजी की चार मुखों वाली प्रतिमा स्थापित है जिसे चौमूर्ति कहा जाता है। मंदिर का प्रवेश द्वार संगमरमर का बना है और दरवाजा चांदी का बना है।

 

पुष्कर झील

पुष्कर झील अपनी पवित्रता और सुंदरता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। मान्यता है कि पुष्कर झील उतना ही पुराना है जितना कि सृष्टि। तीर्थयात्रा के रूप में यह प्राचीन काल से जाना जाता है। इस झील में नहाने के लिए के लिए 52 घाट बने हुए हैं। जहां श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं।

 

पुष्कर मेला

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार कार्तिक महीने के अष्टमी के दिन मेला शुरू होता है जो पूर्णिमा तक चलता है। मेले में पशुओं के व्यापार पर जोर रहता है। इस मेले में पशुओं तथा महिलाओं के श्रृंगार के सभी सामान एक ही जगह पर बिकते हैं।

 

ऊटों की दौड़

पुष्कर में आयोजित होने वाली ऊटों की दौड़ पशु प्रमियों में खूब लोकप्रिय है। प्रत्येक शाम को यहां राजस्थानी लोक नृत्य और संगीत का आयोजन किया जाता है। जिसमें खूब भीड़ जुटती है।

 

पुष्कर कैसे पहुंचे

पुष्कर सड़क, रेल एवं वायु मार्ग से पहुंचा जा सकता है।

वायु मार्ग

हवाई मार्ग से यहां आने पर आपको जयपुर हवाई अड्डे पर उतरना होगा। यही एयरपोर्ट पुष्कर से सबसे करीब है। इसके अलावा आप घूंघरा जो कि अजमेर में है और  देवनगर जो पुष्कर में स्थित है इन दोनों ही स्थानों पर हैलीपैड बने हुए हैं। जहां हेलीकॉप्टर से आने पर आप उतर सकते हैं।

रेल मार्ग

यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पुष्कर ही है लेकिन यहां आने के लिए सबसे उपयुक्त होगा की आप अजमेर जंकशन पर उतरे। यह स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां से आप आसानी से पुष्कर पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग

जयपुर तथा अजमेर से टैक्सी या बस से आप पुष्कर पहुंच सकते हैं। राजस्थान के विभिन्न भागों से पुष्कर के लिए बस व टैक्सी चलती हैं। आप इस सुविधा का भी लाभ उठा सकते हैं। पुष्कर देश के चारों महानगरों से सड़क मार्ग के जरिए जुड़ा हुआ है।

Talk to astrologer
Talk to astrologer
एस्ट्रो लेख
Shubh Muhurat 2026: जनवरी के मासिक शुभ मुहूर्त – जानें शुभ कार्यों का सही समय और तिथि।

Shubh Muhurat 2026: जनवरी के मासिक शुभ मुहूर्त – जानें शुभ कार्यों का सही समय और तिथि।

Kaal Bhairav Jayanti 2025: कालभैरव जयंती पूजा मुहूर्त, विधि और उपाय

Kaal Bhairav Jayanti 2025: कालभैरव जयंती पूजा मुहूर्त, विधि और उपाय

Shubh Muhurat 2025 : दिसंबर 2025 की शुभ तिथियों से बदल सकता है आपका भविष्य! जानें इन मुहूर्तों के बारे में

Shubh Muhurat 2025: दिसंबर माह के मासिक शुभ मुहूर्त से जानें, शुभ कार्यों के लिए सही समय और तिथि!

Griha Pravesh Muhurat 2025: जानें 2025 में गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त की तिथियां।

Shubh Muhurat 2025 for Grih Pravesh: जानें साल 2025 में गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त की तिथियां।