Mundan Muhurat for 2026: मुंडन, हिंदू धर्म का एक खास संस्कार है जो छोटे बच्चों के जीवन के एक अहम याद दर्शाता है। इस विशेष दिन पर बच्चे का सिर पारंपरिक तरीके से मुंडवाया जाता है, जो उनकी आत्मा की शुद्धि और नवीनीकरण का प्रतीक होता है। यह संस्कार भारत में बहुत महत्वपूर्ण है और इसे चूड़ाकरण या मुंडन के नाम से भी जाना जाता है। साल 2026 में, यह संस्कार विशेष उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाएगा, क्योंकि हर परिवार इस खास मौके को मनाने के लिए एक साथ आएगा।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, बच्चे के जन्म के एक साल या तीन साल बाद उसका मुंडन संस्कार किया जाता है। यह परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है और इसे चूड़ाकर्म संस्कार भी कहा जाता है। यह संस्कार आठवां संस्कार होता है, जिसमें नवजात शिशु के बालों को काटा जाता है, ताकि वे जीवन के नए चरण की शुरुआत कर सकें। जब कोई बच्चा अपनी माता के गर्भ से पैदा होता है तो उसके सिर पर कुछ बाल होते हैं, उन्हें हटाने को मुंडन संस्कार (Mundan Sanskar muhurat 2026) कहा जाता है। यह संस्कार केवल धार्मिक कारणों से नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारणों से भी जुड़ा है। आइए जानते हैं कि 2026 में मुंडन मुहूर्त (Mundan Muhurat 2026) कब-कब हैं?
मुंडन संस्कार करवाने का सही समय बच्चे के जन्म के बाद पहले या तीसरे साल में होता है। यह संस्कार ज्यादातर उस समय किया जाता है जब बच्चा स्वस्थ और मज़बूत हो चुका होता है। हालांकि, सही समय का निर्धारण करने के लिए ज्योतिषी से परामर्श लेना भी आम बात है। कुछ परिवार बच्चे की कुंडली के आधार पर मुहूर्त निकालते हैं और उसी अनुसार मुंडन करवाते हैं।
आपको बता दें कि नवंबर 2026 में आप महत्वपूर्ण कार्यों के लिए कई शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) चुन सकते हैं। हम आपके लिए हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल 2026 के मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat Mundan 2026) लाए हैं ताकि आपके सभी कार्य उपयुक्त तिथियों पर अच्छे से सम्पन्न हो सकें।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल 2026 में मुंडन संस्कार (Mundan sanskar Shubh Muhurat) के काफी सारे शुभ मुहूर्त हैं। तो आइए मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त 2026 पर विस्तार से एक नज़र डालते हैं, जिसमें तिथि, समय, दिन और नक्षत्र आदि शामिल हैं।
जनवरी का महीना जैसे नए साल की शुरुआत का प्रतीक होता है, वैसे ही बच्चे के जीवन में भी यह एक नया अनुभव लेकर आता है। इस महीने में किए गए संस्कार जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और नए अध्याय की शुरुआत माने जाते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, जनवरी 2026 में मुंडन संस्कार के लिए 20, 21 और 31 जनवरी की तिथियां बेहद शुभ मानी गई हैं। इन तिथियों पर किए गए मुंडन संस्कार से बच्चे के जीवन में सुख, समृद्धि और शुभ फल की प्राप्ति होगी। ऐसे शुभ मुहूर्त में यह संस्कार करना जीवन में शांति और उन्नति का प्रतीक माना जाता है। अगर आप विस्तृत शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए मुहूर्त का ध्यान रखें।
जनवरी मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (January Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!
20 जनवरी 2026, मंगलवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: रात 02:14 बजे से सुबह 07:13 बजे तक, नक्षत्र: श्रवण।
21 जनवरी 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:13 बजे से 22 जनवरी, रात 02:47 बजे तक, नक्षत्र: धनिष्ठा।
31 जनवरी 2026, शनिवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: रात 03:27 बजे से सुबह 07:11 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु।
फरवरी का महीना प्यार और नए शुरुआतों का प्रतीक होता है। यह माह जीवन में नई उमंगें और खुशियां लेकर आता है, और इस दौरान किए गए संस्कारों का विशेष महत्व होता है। हिन्दू पंचाग के अनुसार, फरवरी 2026 में, 6, 11, 12. 18. 26 और 27 तारीखें मुंडन संस्कार के लिए बेहद शुभ मानी जा रही हैं। इन तिथियों पर मुंडन संस्कार कराने से बच्चे के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली आती है। अगर आप विस्तृत शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए मुहूर्त का ध्यान रखें।
फरवरी मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (February Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!
6 फरवरी 2026, शुक्रवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: रात 12:22 बजे से 7 फरवरी, रात 01:19 बजे तक, नक्षत्र: हस्त।
11 फरवरी 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 10:52 बजे से रात 11:12 बजे तक, नक्षत्र: ज्येष्ठा।
12 फरवरी 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: दोपहर 12:22 बजे से दोपहर 01:42 बजे तक, नक्षत्र: ज्येष्ठा।
18 फरवरी 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: शाम 04:58 बजे से रात 09:16 बजे तक, नक्षत्र: शतभिषा।
26 फरवरी 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: रात 02:41 बजे से दोपहर 12:11 बजे तक, नक्षत्र: मृगशिरा।
27 फरवरी 2026, शुक्रवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 10:48 बजे से सुबह 11:32 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु।
मार्च का महीना ठंड से गर्मी की ओर बढ़ते हुए मौसम के बदलाव का प्रतीक है। यह समय नए अवसरों और शुरुआतों के लिए उपयुक्त माना जाता है। मार्च 2026 में मुंडन संस्कार के लिए 5 और 16 मार्च को शुभ तिथियां मानी गई हैं। इन तिथियों पर मुंडन संस्कार कराने से बच्चे के जीवन में उन्नति, स्वास्थ्य और सकारात्मकता का आगमन होता है। अगर आप विस्तृत शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए मुहूर्त का ध्यान रखें।
मार्च मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (March Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!
5 मार्च 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 08:17 बजे से 6 मार्च, सुबह 05:24 बजे तक, नक्षत्र: हस्त।
16 मार्च 2026, सोमवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 09:41 बजे से 17 मार्च, सुबह 06:37 बजे तक, नक्षत्र: धनिष्ठा।
अप्रैल चंचल हवा की तरह अपने मनमौजी स्वभाव के लिए जाना जाता है। चूँकि बारिश इस महीने छिटपुट रूप से पृथ्वी पर डांस करती है। इस माह प्रकृति अपनी नींद से जागती है। अप्रैल में अगर आप मुंडन संस्कार करना चाहते हैं तो आप 21, 22 और 29 अप्रैल की तारीख चुन सकते हैं। अगर आप विस्तृत शुभ मुहूर्त जानना चाहते है तो नीचे दिए मुहूर्त का उपयोग करें।
अप्रैल मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (April Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!
21 अप्रैल 2026, मंगलवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 04:15 बजे से सुबह 06:05 बजे तक, नक्षत्र: मृगशिरा।
22 अप्रैल 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: रात 10:50 बजे से 23 अप्रैल, सुबह 08:49 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु।
29 अप्रैल 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 05:59 बजे से शाम 07:52 बजे तक, नक्षत्र: हस्त।
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मई का महीना गर्मियों की छुट्टियों का आनंद और परिवारिक एकजुटता का समय होता है। यह समय न केवल रिश्तों को मजबूत करता है बल्कि बच्चों के लिए विशेष संस्कार जैसे मुंडन करने के लिए भी आदर्श माना जाता है। मई 2026 में मुंडन संस्कार के लिए 4, 9, 11, और 14 मई की तिथियां शुभ मानी गई हैं। इन तिथियों पर किए गए मुंडन से बच्चे के जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। विस्तृत शुभ मुहूर्त जानने के लिए नीचे दिए गए मुहूर्त का उपयोग करें।
मई मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (May Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!
4 मई 2026, सोमवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 09:57 बजे से दोपहर 04:12 बजे तक, नक्षत्र: ज्येष्ठा।
9 मई 2026, शनिवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: रात 01:16 बजे से सुबह 05:52 बजे तक, नक्षत्र: श्रवण।
11 मई 2026, सोमवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: दोपहर 03:25 बजे से 12 मई, रात 01:28 बजे तक, नक्षत्र: शतभिषा।
14 मई 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: रात 10:33 बजे से 15 मई, सुबह 08:31 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी।
मुंडन संस्कार के संदर्भ में जून का महीना विशेष महत्व रखता है, खासकर 2026 में। जिस तरह जून की गर्मी जीवन में जोश और ऊर्जा लाती है, उसी तरह इस महीने में किए गए संस्कार से बच्चे को आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जून 2026 में 17 और 24 जून की तिथियां मुंडन संस्कार के लिए शुभ मानी जाती हैं।
जून मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (June Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!
17 जून 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 05:45 बजे से रात 09:39 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु।
24 जून 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 05:46 बजे से 25 जून, सुबह 07:08 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा।
जुलाई का महीना गर्मियों की चमक और लम्बे दिनों के साथ आता है, जब छायादार पेड़ों के नीचे बैठकर परिवार के साथ पिकनिक का आनंद लिया जाता है। इस समय गर्मी अपने चरम पर होती है, और ऐसे में मुंडन संस्कार कराने का भी विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 2, 9, 15 और 20 जुलाई 2026 की तिथियां मुंडन संस्कार के लिए शुभ मानी गई हैं। इन तिथियों पर संस्कार करने से बच्चे के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भविष्य में उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। विस्तृत शुभ मुहूर्त जानने के लिए नीचे दिए गए मुहूर्त का पालन करें।
जुलाई मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (July Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!
2 जुलाई 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 09:27 बजे से रात 10:32 बजे तक, नक्षत्र: श्रवण।
9 जुलाई 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 10:38 बजे से दोपहर 02:56 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी।
15 जुलाई 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 11:51 बजे से रात 09:46 बजे तक, नक्षत्र: पुष्य।
20 जुलाई 2026, सोमवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 05:56 बजे से 21 जुलाई, सुबह 04:03 बजे तक, नक्षत्र: हस्त।
हिंदू पंचांग के अनुसार, 1, 5, 9, 10, 16, 17, 20, 22 और 26 अगस्त 2026 की तिथियां मुंडन संस्कार के लिए शुभ मानी गई हैं। इन दिनों विभिन्न शुभ नक्षत्रों का संयोग बन रहा है, जो मुंडन जैसे पवित्र संस्कार के लिए अनुकूल माना जाता है। इन तिथियों पर विधिपूर्वक मुंडन संस्कार करने से बच्चे के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उसके स्वास्थ्य, बुद्धि व भविष्य में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अगस्त मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (August Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!
1 अगस्त 2026, शनिवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:28 बजे से दोपहर 12:02 बजे तक, नक्षत्र: मृगशिरा।
5 अगस्त 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 11:46 बजे से शाम 06:28 बजे तक, नक्षत्र: पुष्य।
9 अगस्त 2026, रविवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 06:57 बजे से दोपहर 01:50 बजे तक, नक्षत्र: उत्तर फाल्गुनी।
10 अगस्त 2026, सोमवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: शाम 04:04 बजे से शाम 06:08 बजे तक, नक्षत्र: हस्त।
16 अगस्त 2026, रविवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: शाम 05:45 बजे से शाम 07:27 बजे तक, नक्षत्र: मूल।
17 अगस्त 2026, सोमवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 06:25 बजे से सुबह 10:59 बजे तक और दोपहर 01:18 बजे से शाम 05:41 बजे तक, नक्षत्र: मूल।
20 अगस्त 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 10:47 बजे से दोपहर 03:25 बजे तक और शाम 05:29 बजे से शाम 07:11 बजे तक नक्षत्र: श्रवण।,
22 अगस्त 2026, शनिवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 08:23 बजे से दोपहर 03:17 बजे तक, नक्षत्र: शतभिषा।
26 अगस्त 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 06:27 बजे से सुबह 10:23 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी।
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सितंबर का महीना धीरे-धीरे बदलते मौसम और उत्सवों की तैयारी का संकेत देता है। इस समय वातावरण में न अधिक गर्मी रहती है और न ही अधिक ठंड, जिससे यह पारिवारिक संस्कारों के लिए अनुकूल माना जाता है। मुंडन संस्कार जैसे पवित्र कर्म के लिए यह महीना विशेष फलदायी माना गया है। हिंदू धर्म में मुंडन संस्कार का उद्देश्य बच्चे के जीवन से नकारात्मक प्रभावों को दूर कर उसे शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करना होता है। शास्त्रों के अनुसार, शुभ नक्षत्रों और सही मुहूर्त में किया गया मुंडन संस्कार बच्चे के स्वास्थ्य, बुद्धि और भविष्य में उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, 5, 7, 12, 13, 17, 18 और 24 सितंबर 2026 की तिथियां मुंडन संस्कार के लिए शुभ मानी गई हैं। इन दिनों मृगशिरा, पुष्य, उत्तर फाल्गुनी, हस्त, मूल और अश्विनी जैसे शुभ नक्षत्रों का संयोग बन रहा है, जो मुंडन संस्कार के लिए अत्यंत उत्तम माना जाता है।
सितंबर मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (September Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!
5 सितंबर 2026, शनिवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:28 बजे से सुबह 09:44 बजे तक और दोपहर 02:22 बजे से शाम 06:08 बजे तक, नक्षत्र: मृगशिरा।
7 सितंबर 2026, सोमवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:20 बजे से दोपहर 11:56 बजे तक और शाम 04:18 बजे से शाम 06:00 बजे तक, नक्षत्र: पुष्य।
12 सितंबर 2026, शनिवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: दोपहर 01:55 बजे से शाम 05:41 बजे तक, नक्षत्र: उत्तर फाल्गुनी।
13 सितंबर 2026, रविवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:38 बजे से सुबह 09:13 बजे तक और सुबह 11:32 बजे से शाम 05:37 बजे तक, नक्षत्र: हस्त।
17 सितंबर 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: दोपहर 03:39 बजे से शाम 06:49 बजे तक, नक्षत्र: मूल।
18 सितंबर 2026, शुक्रवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 06:38 बजे से दोपहर 01:31 बजे तक, नक्षत्र: मूल।
24 सितंबर 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 06:41 बजे से सुबह 10:49 बजे तक और दोपहर 01:07 बजे से शाम 06:21 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी।
अक्टूबर का महीना शरद ऋतु की शुरुआत और त्योहारों की शुभ तैयारियों के साथ आता है। इस समय मौसम सुहावना रहता है और वातावरण में एक विशेष पवित्रता महसूस होती है, जो धार्मिक संस्कारों के लिए अत्यंत अनुकूल मानी जाती है। मुंडन संस्कार, जो शिशु के जीवन का एक महत्वपूर्ण और पवित्र संस्कार है, इस महीने में शुभ मुहूर्त में करने से विशेष फल देता है। शास्त्रों के अनुसार, सही तिथि, नक्षत्र और मुहूर्त में किया गया मुंडन संस्कार बच्चे के जीवन में स्वास्थ्य, दीर्घायु और मानसिक शुद्धता का आशीर्वाद लाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, 12, 15, 21, 30 और 31 अक्टूबर 2026 की तिथियां मुंडन संस्कार के लिए शुभ मानी गई हैं। इन दिनों आश्विनी, रोहिणी, पुष्य, उत्तराषाढ़ा और श्रवण जैसे शुभ नक्षत्रों का संयोग बन रहा है, जो मुंडन संस्कार के लिए विशेष रूप से उत्तम माना जाता है।
अक्टूबर मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (October Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!
12 अक्टूबर 2026, सोमवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:19 बजे से सुबह 09:38 बजे तक और दोपहर 11:57 बजे से शाम 05:10 बजे तक, नक्षत्र: आश्विनी।
15 अक्टूबर 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:07 बजे से सुबह 11:45 बजे तक और दोपहर 01:49 बजे से शाम 06:23 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी।
21 अक्टूबर 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:30 बजे से सुबह 09:03 बजे तक, सुबह 11:21 बजे से दोपहर 04:35 बजे तक और शाम 06:00 बजे से रात 07:35 बजे तक, नक्षत्र: पुष्य।
30 अक्टूबर 2026, शुक्रवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:03 बजे से सुबह 08:27 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा।
31 अक्टूबर 2026, शनिवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:41 बजे से सुबह 08:23 बजे तक, सुबह 10:42 बजे से दोपहर 03:56 बजे तक और शाम 05:21 बजे से शाम 06:56 बजे तक,नक्षत्र: श्रवण।
नवंबर का महीना ठंडी हवाओं, शांत वातावरण और धार्मिक ऊर्जा से भरपूर माना जाता है। दीपावली और अन्य पावन पर्वों के बाद यह समय पारिवारिक संस्कारों के लिए अत्यंत शुभ होता है। ऐसे शांत और पवित्र वातावरण में मुंडन संस्कार कराने का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू धर्म में मुंडन संस्कार को शिशु के जीवन की शुद्धि और सकारात्मक आरंभ का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, सही तिथि, नक्षत्र और मुहूर्त में किया गया मुंडन संस्कार बच्चे के स्वास्थ्य, बुद्धि और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभ फल प्रदान करता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, 1, 6, 7, 8, 11, 12, 16, 22, 26, 28 और 29 नवंबर 2026 की तिथियां मुंडन संस्कार के लिए शुभ मानी गई हैं। इन दिनों रेवती, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, चित्रा, उत्तराषाढ़ा, शतभिषा, अश्विनी और भरणी जैसे शुभ नक्षत्रों का संयोग बन रहा है, जो मुंडन संस्कार के लिए उत्तम माना जाता है।
नवंबर मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (November Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!
1 नवंबर 2026, रविवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:04 बजे से सुबह 10:38 बजे तक और दोपहर 12:42 बजे से शाम 05:17 बजे तक, नक्षत्र: रेवती।
6 नवंबर 2026, शुक्रवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: दोपहर 12:22 बजे से दोपहर 02:05 बजे तक और दोपहर 03:32 बजे से शाम 06:32 बजे तक, नक्षत्र: मृगशिरा।
7 नवंबर 2026, शनिवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:56 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक, नक्षत्र: आर्द्रा।
8 नवंबर 2026, रविवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:09 बजे से सुबह 07:52 बजे तक और सुबह 10:11 बजे से दोपहर 12:14 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु।
11 नवंबर 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:40 बजे से सुबह 09:59 बजे तक और दोपहर 12:03 बजे से शाम 04:37 बजे तक, नक्षत्र: आश्लेषा।
12 नवंबर 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:36 बजे से सुबह 09:55 बजे तक और सुबह 11:59 बजे से दोपहर 03:08 बजे तक, नक्षत्र: मघा।
16 नवंबर 2026, सोमवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:20 बजे से दोपहर 01:25 बजे तक और दोपहर 02:53 बजे से रात 07:48 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा।
22 नवंबर 2026, रविवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:20 बजे से सुबह 11:19 बजे तक और दोपहर 01:02 बजे से शाम 05:29 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा।
26 नवंबर 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 09:00 बजे से दोपहर 02:13 बजे तक और दोपहर 03:38 बजे से शाम 06:17 बजे तक, नक्षत्र: शतभिषा।
28 नवंबर 2026, शनिवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 10:56 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक और शाम 05:06 बजे से रात 07:01 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी।
29 नवंबर 2026, रविवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:26 बजे से सुबह 08:48 बजे तक और सुबह 10:52 बजे से दोपहर 12:34 बजे तक, नक्षत्र: भरणी।
दिसंबर का महीना ठंडक, शांति और वर्ष के समापन का प्रतीक माना जाता है। इस समय वातावरण में एक विशेष स्थिरता और पवित्रता होती है, जो धार्मिक और पारिवारिक संस्कारों के लिए अत्यंत अनुकूल मानी जाती है। मुंडन संस्कार, जो शिशु के जीवन का एक महत्वपूर्ण संस्कार है, दिसंबर में शुभ मुहूर्त में करने से विशेष फलदायी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, सही तिथि और शुभ नक्षत्र में किया गया मुंडन संस्कार बच्चे के जीवन में स्वास्थ्य, मानसिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, 3, 4, 6, 7, 14, 16, 19, 20, 25, 26 और 31 दिसंबर 2026 की तिथियां मुंडन संस्कार के लिए शुभ मानी गई हैं। इन दिनों पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, विशाखा, अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, उत्तराभाद्रपद, रेवती और रोहिणी जैसे शुभ नक्षत्रों का संयोग बन रहा है, जो मुंडन संस्कार के लिए अत्यंत उत्तम माना जाता है।
दिसंबर मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (December Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!
3 दिसंबर 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 10:36 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक, नक्षत्र: पुष्य।
4 दिसंबर 2026, शुक्रवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:30 बजे से दोपहर 12:14 बजे तक और दोपहर 01:42 बजे से शाम 06:38 बजे तक, नक्षत्र: आश्लेषा।
6 दिसंबर 2026, रविवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 08:20 बजे से दोपहर 01:34 बजे तक, नक्षत्र: मघा।
7 दिसंबर 2026, सोमवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: शाम 04:30 बजे से शाम 06:26 बजे तक, नक्षत्र: पूर्वा फाल्गुनी।
14 दिसंबर 2026, सोमवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:37 बजे से सुबह 11:35 बजे तक और दोपहर 01:03 बजे से शाम 05:58 बजे तक, नक्षत्र: विशाखा।
16 दिसंबर 2026, बुधवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:41 बजे से दोपहर 12:55 बजे तक और दोपहर 02:20 बजे से दोपहर 03:55 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा।
19 दिसंबर 2026, शनिवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 09:33 बजे से दोपहर 02:08 बजे तक और दोपहर 03:43 बजे से रात 07:53 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा।
20 दिसंबर 2026, रविवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:40 बजे से सुबह 09:29 बजे तक, नक्षत्र: श्रवण।
25 दिसंबर 2026, शुक्रवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:43 बजे से दोपहर 12:19 बजे तक और दोपहर 01:44 बजे से शाम 07:30 बजे तक,नक्षत्र: उत्तराभाद्रपद।
26 दिसंबर 2026, शनिवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 09:06 बजे से सुबह 10:48 बजे तक, नक्षत्र: रेवती।
31 दिसंबर 2026, गुरुवार, मुंडन संस्कार मुहूर्त: सुबह 07:45 बजे से सुबह 10:28 बजे तक और सुबह 11:56 बजे से शाम 04:52 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी।
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मुंडन संस्कार हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसे जीवन के प्रारंभिक वर्षों में बच्चे के पहले बालों को हटाने के रूप में किया जाता है। यह संस्कार बच्चे की शुद्धि और शुभ शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि जन्म के समय बच्चे के बाल गर्भ में रहते हुए इकट्ठे हुए अशुद्धियों का प्रतीक होते हैं, इसलिए इन्हें हटाकर शरीर और आत्मा की शुद्धि की जाती है। इसके अलावा, इस संस्कार से बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार और बालों की बेहतर वृद्धि होने की भी मान्यता है। मुंडन संस्कार ज्यादातर मंदिरों या तीर्थ स्थलों पर विधिपूर्वक किया जाता है। इस परंपरा का उद्देश्य बच्चे के जीवन में सकारात्मकता और शुभता का स्वागत करना होता है। यह संस्कार परिवार के लिए भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव होता है, जिसे बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है।
मुंडन संस्कार से कई लाभ होते हैं, जो धार्मिक और शारीरिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। सबसे पहले, यह संस्कार बच्चे की शारीरिक शुद्धि के लिए किया जाता है। माना जाता है कि जन्म के समय जो बाल होते हैं, वे गर्भ में संचित अशुद्धियों का प्रतीक होते हैं। मुंडन के माध्यम से इन बालों को हटाकर शरीर और आत्मा की शुद्धि की जाती है। इसके अलावा, एक और प्रमुख लाभ यह है कि मुंडन के बाद बालों की वृद्धि में सुधार होता है। मान्यता है कि इस प्रक्रिया से नए बाल घने, मजबूत और स्वस्थ होते हैं। मुंडन संस्कार बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए भी शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कराने वाला माना जाता है। इस प्रकार, यह संस्कार धार्मिक परंपरा के साथ-साथ स्वास्थ्य और शुभता से जुड़ा हुआ है।
मुंडन संस्कार के लिए सही मुहूर्त का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसे शुभ समय पर करने से बच्चे के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश माना जाता है। मुहूर्त चयन के समय निम्नलिखित नियमों का ध्यान रखना चाहिए:
शुभ तिथि और नक्षत्र: मुंडन संस्कार के लिए शुभ तिथियां और नक्षत्रों का ध्यान रखा जाता है। ज्यादातर इस संस्कार के लिए चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ और माघ महीनों को उत्तम माना जाता है। वहीं, पुष्य, मृगशिरा और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र शुभ माने जाते हैं।
गोचर ग्रहों की स्थिति: ग्रहों की शुभ स्थिति भी मुंडन के लिए आवश्यक होती है। मुंडन के समय गुरु और चंद्रमा की स्थिति शुभ मानी जाती है, जिससे बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
राशि और जातक की उम्र: बच्चे की राशि और उम्र को ध्यान में रखते हुए मुंडन का समय निर्धारित किया जाता है। 1 से 3 वर्ष के बीच का समय आदर्श माना जाता है।
मंगलवार और शनिवार से बचें: मंगलवार और शनिवार को अशुभ माना जाता है, इसलिए इन दिनों मुंडन संस्कार करने से बचना चाहिए।
इन नियमों का पालन करने से मुंडन संस्कार शुभ और सफल होता है।
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मुंडन संस्कार, जिसे चूड़ाकर्म संस्कार भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो बच्चे के जीवन में पहली बार बालों को काटने के रूप में मनाया जाता है। इसे सही तरीके से करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना चाहिए:
पूजा और हवन: मुंडन संस्कार से पहले पूजा और हवन किया जाता है। इसमें भगवान गणेश, कुलदेवता और परिवार के ईष्ट देवताओं का आह्वान कर आशीर्वाद लिया जाता है। इस पूजा के लिए विशेष सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, जैसे नारियल, फूल, धूप, चावल, पान आदि।
मुंडन के लिए सही स्थान: मुंडन अक्सर तीर्थ स्थलों या मंदिरों में किया जाता है, जैसे काशी, हरिद्वार, या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर। हालाँकि, इसे घर पर भी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है।
बाल काटने की प्रक्रिया: पूजा के बाद बच्चे के सिर पर जल या गंगाजल छिड़ककर शुद्धिकरण किया जाता है। इसके बाद एक अनुभवी व्यक्ति या नाई बच्चे के बाल काटता है। बाल काटते समय मंत्रोच्चार किया जाता है, जो संस्कार की पवित्रता को बनाए रखता है।
बालों का विसर्जन: कटे हुए बालों को नदी या जलाशय में प्रवाहित करना शुभ माना जाता है। अगर नदी पास न हो, तो बालों को किसी पवित्र स्थान पर दफनाया भी जा सकता है।
आशीर्वाद और भोज: मुंडन संस्कार के बाद परिवार और दोस्तों से बच्चे को आशीर्वाद दिलवाया जाता है। इसके बाद भोज का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी को प्रसाद या भोजन कराया जाता है।
इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य बच्चे के जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कराना होता है।
मुंडन संस्कार का धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान है। इसे सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक शुद्धि से भी जोड़ा जाता है।
धार्मिक दृष्टिकोण से, मुंडन संस्कार बच्चे के जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रतीक है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि जन्म के समय बच्चे के बाल गर्भ के अशुद्धियों को दर्शाते हैं। मुंडन के माध्यम से इन अशुद्धियों को हटाकर आत्मा और शरीर की शुद्धि की जाती है। यह संस्कार भगवान का आशीर्वाद पाने और बच्चे के जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए किया जाता है। धार्मिक दृष्टि से, यह संस्कार बच्चे की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए शुभ माना जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, मुंडन संस्कार के पीछे कुछ शारीरिक फायदे भी होते हैं। मुंडन से बच्चे की खोपड़ी की त्वचा साफ होती है, जिससे बालों की जड़ों में मौजूद मृत कोशिकाओं और धूल-मिट्टी को हटाया जा सकता है। इससे बालों की बेहतर वृद्धि होती है और नए बाल घने, स्वस्थ और मजबूत होते हैं। इसके अलावा, मुंडन के बाद सिर पर मालिश करने से खोपड़ी की त्वचा को आराम मिलता है और रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे मानसिक विकास में भी मदद मिलती है।
इस प्रकार, मुंडन संस्कार का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टियों से विशेष महत्व है, जो बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए लाभकारी होता है।
कुछ लोग इसे खास त्योहारों या शुभ दिनों जैसे अक्षय तृतीया, विजयदशमी, या मकर संक्रांति के दिन भी करवाना पसंद करते हैं, क्योंकि यह दिनों को बहुत शुभ माना जाता है। मुंडन के लिए मंदिरों, तीर्थ स्थलों, या गंगा के किनारे जाने की भी परंपरा है, जिससे संस्कार और भी आध्यात्मिक हो जाता है।
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