हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक है नामकरण संस्कार अर्थात शिशु का नामकरण करने का मुहूर्त। अगर आप 2022 में नामकरण संस्कार के शुभ मुहूर्त देख रहे है तो नामकरण संस्कार मुहूर्त 2022, पढ़ेँ।
धर्मशास्त्रों में मनुष्य जीवन के 16 संस्कारों का वर्णन किया गया है जो जन्म से लेकर मृत्यु उपरांत तक चलते है, इन्ही में से एक है नामकरण संस्कार। नाम एक व्यक्ति की पहचान होता है और नवजात शिशु के नाम रखने की प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। वर्तमान युग में माता-पिता अपनी संतान का नाम किसी भी दिन रख देते हैं। हिन्दू धर्म में नवजात शिशु का नाम परिवार के बड़े बुजुर्गों की देखरेख में नामकरण संस्कार के दौरान रखा जाता है।
क्या है नामकरण संस्कार?
सनातन धर्म में बताए गए सभी 16 संस्कारों में नामकरण संस्कार को अंत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। शिशु का नामकरण संस्कार सदैव विशेष मुहूर्त पर होना चाहिए। प्रत्येक मांगलिक कार्यों एवं नए कार्यों को शुभ मुहूर्त देखकर ही संपन्न किया जाता है, वैसे ही नवजात शिशु का नाम विशेष समय एवं तिथि पर रखना चाहिए। धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ ज्योतिषीय दृष्टि से भी नामकरण संस्कार को अहम माना जाता है। नामकरण संस्कार से सम्बंधित किसी भी जानकारी के लिए एस्ट्रोयोगी पर देश के शीर्ष ज्योतिषियों से संपर्क करें!
नामकरण संस्कार से होने वाले लाभ
16 संस्कारों में से एक महत्वपूर्ण संस्कार होता है नामकरण संस्कार। हम अपने जीवन में नाम की अहमियत से भली-भांति रूबरू है। समाज में व्यक्ति को पहचान उसके नाम से ही मिलती है इसलिए नामकरण संस्कार का महत्व ओर भी बढ़ जाता है।
नवजात शिशु के जन्म के बाद अक्सर माता-पिता एवं अन्य रिश्तेदार शिशु को प्यार से किसी भी नाम से बुलाने लगते हैं। परन्तु मान्यताओं के अनुसार, शिशु जन्म के 11वें या 12वें दिन ही पूरे रीति-रिवाज एवं विधि विधान से शुभ मुहूर्त में नामकरण संस्कार को सम्पन्न करना चाहिए।
नामकरण संस्कार को सम्पन्न करने के लिए किसी पंडित द्वारा नवजात शिशु की जन्म कुंडली और ग्रह नक्षत्रों के आधार पर शुभ तिथि का चयन किया जाता हैं।
शुभ तिथि एवं मुहूर्त पर नवजात शिशु का नाम रखने से शिशु को बाहरी और आंतरिक रूप से लाभ की प्राप्ति होती है। नामकरण संस्कार को प्रत्येक शिशु के लिए अनिवार्य माना गया है। ऐसा करने से शिशु को मानसिक और शारीरिक रूप से विकसित होने में सहायता मिलती है।
बच्चे का नामकरण संस्कार करने का एक अन्य लाभ यह भी है कि इससे शिशु की बुद्धि और आयु में भी वृद्धि होती है। शिशु को नामकरण संस्कार के द्वारा उसको जीवनभर की पहचान मिलती है, जो भविष्य के लिए विशेष मानी गई है।
नामकरण मुहूर्त के चयन के समय ध्यान रखने योग्य बातें
बच्चे के जन्म के ग्यारह या बारह दिन पश्चात नामकरण संस्कार संपन्न करना चाहिए।
नामकरण समारोह को नवजात शिशु के जन्म के दस दिन की सूतक अवधि के उपरान्त करना श्रेष्ठ सिद्ध होता है।
शिशु के जन्म के 10 दिन पश्चात सूतिका का शुद्धिकरण यज्ञ किया जाता है, उसी वक़्त नामकरण संस्कार भी सम्पन्न करें।
नामकरण संस्कार को चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी तिथि पर नहीं करना चाहिए। इसे अमावस्या पर भी न करें।
नामकरण संस्कार के लिए सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार के दिन शुभ माने गए है।
यदि हम नक्षत्रों की बात करें तो नामकरण संस्कार के लिए अश्वनी, शतभिषा, स्वाति, चित्रा, रेवती, हस्त, पुष्य, रोहिणी, मृगशिरा, अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, उत्तराफ़ाल्गुनी, उत्तराभाद्रपद, श्रवण आदि नक्षत्रों को शुभ माना गया है।
नवजात शिशु का नामकरण संस्कार कभी-कभी विशेष परंपरा के आधार पर एक वर्ष के बाद भी कर सकते है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, नामकरण समारोह के दौरान शिशु के दो प्रकार के नाम रखे जाते हैं जिसमे एक गुप्त नाम और दूसरा प्रचलित नाम।
नामकरण संस्कार को सम्पन्न करते समय इस बात का ध्यान रखें कि शिशु का नाम उस नक्षत्र के अनुसार ही रखें जिस नक्षत्र में उसका जन्म हुआ है।
कैसे चयन करें नामकरण संस्कार का शुभ मुहूर्त?
नामकरण संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त को सदैव किसी ज्योतिषी या पंडित द्वारा निकलवाना चाहिए। पंडित जी द्वारा पंचांग की गणना के बाद शुभ मुहूर्त का चुनाव किया जाता हैं।
नामकरण संस्कार के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान
नामकरण संस्कार से पहले घर की साफ़-सफाई करके वातावरण को शुद्ध करना चाहिए। इस समारोह को घर पर ही करें, संभव न होने पर आप किसी धार्मिक स्थल या मंदिर में भी कर सकते है।
नामकरण संस्कार के दौरान शिशु का नाम उसकी राशिनुसार ही रखना चाहिए। ऐसा न होने की स्थिति में शिशु को भविष्य में हानि होने की संभावना बनी रहती है। शिशु की ग्रह दशा तथा नक्षत्रों के आधार पर नामकरण मुहूर्त का चयन कर सकते है।
इस दिन घर पर मांसाहार एवं तामसी भोजन सहित मदिरापान नहीं करना चाहिए।
नामकरण समारोह के दिन बच्चे के पिता को दाढ़ी और बाल नहीं कटवाने चाहिए।
इस दिन घर आये मेहमान के साथ बुरा बर्ताव करने से बचें।
इस समारोह में बच्चे के माता-पिता के साथ ही परिवार के बड़े बुजुर्गों को अवश्य शामिल होना चाहिए।
नामकरण संस्कार सम्बंधित समस्त जानकारी आपको बताने के बाद, हम आपको वर्ष 2022 के नामकरण संस्कार की शुभ तिथियां एवं मुहूर्त प्रदान कर रहे है।
नामकरण मुहूर्त मई 2022
03 मई से 04 मई 2022, सुबह 12:34 से सुबह 05:44 बजे तक (नक्षत्र- रोहिणी)
04 मई से 05 मई 2022, सुबह 05:43 से सुबह 06:16 बजे तक (नक्षत्र- मृगशीर्ष)
08 मई 2022, सुबह 05:40 से दोपहर 02:57 बजे तक (नक्षत्र- अश्लेषा)
12 मई से 13 मई 2022, शाम 07:30 से रात 10:48 बजे तक (नक्षत्र-फाल्गुनी)
16 मई से 17 मई 2022, दोपहर 01:18 से रात 08:34 बजे तक (नक्षत्र- अनुराधा)
20 मई से 21 मई 2022, सुबह 03:17 से सुबह 05:32 बजे तक (नक्षत्र- आषाढ़)
22 मई 2022, सुबह 05:32 से रात 10:47 बजे तक (नक्षत्र- धनिष्ठा)
30 मई से 31 मई 2022, सुबह 07:12 से सुबह 11:29 बजे तक (नक्षत्र- रोहिणी)
नामकरण मुहूर्त जून 2022
01 जून 2022, सुबह 05:29 से दोपहर 01:00 बजे तक (नक्षत्र- मृगशीर्ष)
03 जून 2022, सुबह 07:05 से शाम 05:28 बजे तक (नक्षत्र- पुनर्वसु)
09 जून से 10 जून 2022,सुबह 04:31 से सुबह 09:26 (नक्षत्र- फाल्गुनी)
12 जून 2022, सुबह 11:58 से रात 09:24 बजे तक (नक्षत्र- स्वाति)
16 जून 2022, सुबह 12:37 से शाम 05:28 बजे तक (नक्षत्र- आषाढ़)
19 जून से 20 जून 2022, सुबह 05:28 से सुबह 05:56 बजे तक (नक्षत्र- धनिष्ठा)
21 जून से 22 जून 2022, सुबह 04:35 से सुबह 05:29 बजे तक (नक्षत्र-भद्रा)
22 जून से 23 जून 2022, सुबह 05:29 से सुबह 08:04 बजे तक (नक्षत्र-भद्रा)
26 जून 2022,सुबह 01:06 से शाम 05:31 बजे तक (नक्षत्र- कृतिका)
नामकरण मुहूर्त अगस्त 2022
03 अगस्त 2022, सुबह 05:48 से शाम 06:24 बजे तक (नक्षत्र- हस्त)
07 अगस्त 2022, सुबह 05:50 से शाम 04:30 बजे तक (नक्षत्र- अनुराधा)
10 अगस्त 2022, सुबह 09:40 बजे से दोपहर 01:35 बजे तक (नक्षत्र- आषाढ़)
14 अगस्त 2022, सुबह 09:56 बजे से शाम 05:55 बजे तक (नक्षत्र-शतभिषा)
17 अगस्त 2022, सुबह 05:56 से रात 09:57 बजे तक (नक्षत्र- रेवती)
20 अगस्त से 21 अगस्त 2022, सुबह 01:53 से सुबह 05:57 बजे तक (नक्षत्र- कृतिका)
24 अगस्त से 25 अगस्त 2022, सुबह 01:39 से दोपहर 01:39 बजे तक (नक्षत्र- पुनर्वसु)
29 अगस्त 2022, सुबह 11:04 बजे से शाम 06:02 बजे तक (नक्षत्र-फाल्गुनी)
नामकरण मुहूर्त सितंबर 2022
02 सितंबर 2022, सुबह 11:47 से शाम 06:04 बजे तक (नक्षत्र- चित्रा)
07 सितंबर से 09 सितंबर 2022, सुबह 06:06 से सुबह 11:35 बजे तक (नक्षत्र- आषाढ़)
11 सितंबर से 12 सितंबर 2022, सुबह 08:02 से सुबह 11:09 बजे तक (नक्षत्र- शतभिषा)
14 सितंबर से 15 सितंबर 2022, सुबह 06:10 से सुबह 06:57 बजे तक (नक्षत्र- रेवती)
16 सितंबर से 17 सितंबर 2022, सुबह 09:55 बजे से सुबह 11:11 बजे तक (नक्षत्र-भरनी)
18 सितंबर 2022, सुबह 01:53 से सुबह 05:57 बजे तक (नक्षत्र- आषाढ़)
21 सितंबर 2022, सुबह 06:13 से रात 11:47 बजे तक (नक्षत्र- फाल्गुनी)
26 सितंबर से 27 सितंबर, सुबह 05:55 से सुबह 06:16 बजे तक (नक्षत्र-फाल्गुनी)
30 सितंबर 2022, सुबह 05:13 से शाम 04:19 बजे तक (नक्षत्र- विशाखा)
नामकरण मुहूर्त अक्टूबर 2022
04 अक्टूबर से 05 अक्टूबर 2022, सुबह 12:25 से सुबह 06:20 बजे तक (नक्षत्र- आषाढ़)
05 अक्टूबर 2022, सुबह 06:20 से शाम 07:42 बजे तक (नक्षत्र- आषाढ़)
09 अक्टूबर से 10 अक्टूबर 2022, सुबह 06:22 से सुबह 08:23 बजे तक (नक्षत्र-भद्रा)
13 अक्टूबर 2022,सुबह 06:41 से शाम 06:26 बजे तक (नक्षत्र- भरणी)
18 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2022, सुबह 05:12 से सुबह 06:28 बजे तक (नक्षत्र- पुनर्वसु)
19 अक्टूबर से 20 अक्टूबर 2022, सुबह 06:28 से सुबह 08:02 बजे तक (नक्षत्र- पुष्य)
23 अक्टूबर 2022, सुबह 02:34 से दोपहर 02:42 बजे तक (नक्षत्र- फाल्गुनी)
27 अक्टूबर से 28 अक्टूबर 2022, सुबह 12:11 से सुबह 10:42 बजे तक (नक्षत्र- ज्येष्ठ)
31 अक्टूबर से 01 नवंबर 2022, सुबह 05:47 से सुबह 06:37 बजे तक (नक्षत्र- आषाढ़)
नामकरण मुहूर्त नवंबर 2022
02 नवंबर 2022, सुबह 06:38 से दोपहर 01:43 बजे तक (नक्षत्र- आषाढ़)
05 नवंबर से 06 नवंबर 2022,सुबह 12:12 से सुबह 06:40 बजे तक (नक्षत्र-भद्रा)
06 नवंबर 2022, सुबह 06:22 से रात 08:23 बजे तक (नक्षत्र-भद्रा)
10 नवंबर 2022,सुबह 06:41 से दोपहर 12:37 बजे तक (नक्षत्र- कृतिका)
14 नवंबर से 15 नवंबर 2022, सुबह 05:12 से सुबह 06:28 बजे तक (नक्षत्र-भद्रा)
20 नवंबर 2022, सुबह 06:52 से दोपहर 12:36 बजे तक (नक्षत्र- फाल्गुनी)
23 नवंबर से 24 नवंबर 2022, रात 09:37 से शाम 07:37 बजे तक (नक्षत्र- स्वाति)
27 नवंबर 2022, सुबह 12:38 से शाम 06:59 बजे तक (नक्षत्र- मूल)
30 नवंबर से 01 दिसंबर 2022, सुबह 06:59 से सुबह 07:11 बजे तक (नक्षत्र- श्रवण)
नामकरण मुहूर्त दिसंबर 2022
02 दिसंबर से 03 दिसंबर 2022, सुबह 05:44 से सुबह 07:02 बजे तक (नक्षत्र-भद्रा)
04 दिसंबर से 05 दिसंबर 2022, सुबह 07:03 से सुबह 07:15 बजे तक (नक्षत्र- रेवती)
07 दिसंबर 2022, सुबह 10:25 बजे से दोपहर 02:59 बजे तक (नक्षत्र- कृतिका)
11 दिसंबर से 12 दिसंबर 2022, रात 08:36 से रात 11:36 बजे तक (नक्षत्र- आर्द्रा)
18 दिसंबर से 19 दिसंबर 2022, सुबह 07:12 से सुबह 10:18 बजे तक (नक्षत्र- हस्त)
21 दिसंबर से 22 दिसंबर 2022, सुबह 08:33 से सुबह 11:33 बजे तक (नक्षत्र- विशाखा)
25 दिसंबर से 26 दिसंबर 2022, सुबह 07:15 से सुबह 09:16 बजे तक (नक्षत्र- आषाढ़)
29 दिसंबर 2022, सुबह 11:44 से शाम 07:18 बजे तक (नक्षत्र- शतभिषा)
यदि आप आप अपने शिशु का नामकरण संस्कार करना चाहते है, तो एस्ट्रोयोगी के नामकरण मुहूर्त 2022 से नामकरण के लिए शुभ तिथि एवं मुहूर्त का चयन कर सकते है।