चतुर्थी तिथि

चतुर्थी तिथि

हिंदू पंचाग की चौथी तिथि चतुर्थी(Chaturthi) है। इस तिथि को खला के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस तिथि में शुरू किए गए कार्य का विशेष फल नहीं मिलता है। इसे हिंदी में चतुर्थी, चउथि, चैथ और चडत्थी भी कहते हैं। यह तिथि चंद्रमा की चौथी कला है, इस कला में अमृत का पान जल के देवता वरुण करते हैं और शुक्ल पक्ष में चंद्रमा को वापस कर देते हैं। चतुर्थी तिथि का निर्माण शुक्ल पक्ष में तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा का अंतर 37 डिग्री से 48 डिग्री अंश तक होता है। वहीं कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि का निर्माण सूर्य और चंद्रमा का अंतर 117 से 228 डिग्री अंश तक होता है। चतुर्थी तिथि के स्वामी प्रथमपूज्य गणपित माने गए हैं। जीवन में शुभता लाने के लिए इस तिथि में जन्मे लोगों को भगवान गणेश का पूजन अवश्य करना चाहिए। 

चतुर्थी तिथि का ज्योतिष महत्त्व

यदि चतुर्थी तिथि (Chaturthi tithi) गुरुवार को पड़ती है तो मृत्युदा योग बनाती है। इस योग में शुभ कार्य करना वर्जित है। इसके अलावा चतुर्थी तिथि शनिवार को होती है तो सिद्धा कहलाती है। ऐसे समय कार्य सिद्धि की प्राप्ति होती है। बता दें कि चतुर्थी तिथि रिक्ता तिथियों की श्रेणी में आती है। वहीं शुक्ल पक्ष की चतुर्थी में भगवान शिव का पूजन नहीं करना चाहिए लेकिन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी में शिव का वास कैलाश पर होता है इसलिए उनका पूजन करने से शुभ फल प्राप्त होता है। 

चतुर्थी तिथि में जन्मे जातक विद्वान और ज्ञानी होते हैं लेकिन वे भौतिक सुख-सुविधाओं के आदी भी होते हैं। उन्हें दान कार्यों में भी रुचि होती है। ऐसे लोगों को मित्रों के प्रति स्नेह भी बहुत होता है। इस तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्ति के पास धन की कमी नहीं होती है और संतानसुख भी प्राप्त होता है।

शुभ कार्य 
कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि में विद्युत कर्म, बन्धन, शस्त्र विषय, अग्नि आदि से सम्बन्धित कार्य करने चाहिए। इसके विपरीत शुक्ल पक्ष की चतुर्थी में आप शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा किसी भी पक्ष की चतुर्थी तिथि में मूली और बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। 

चतुर्थी तिथि के प्रमुख हिन्दू त्यौहार एवं व्रत व उपवास

  • विनायक चतुर्थी

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष के दौरान अमावस्या या अमावस्या के बाद की चतुर्थी(chaturthi) को विनायक चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। इस तिथि को गणेश जी का जन्मदिन माना जाता है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में प्रगति और सफलता प्राप्त होती है।

  • संकष्टी चतुर्थी

उत्तर भारत में माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

  • अंगारकी चतुर्थी

चंद्र मास में के दोनों पक्षों में से किसी भी पक्ष में जब चतुर्थी मंगलवार के दिन पड़ती है तो उसे अंगारकी चतुर्थी कहते हैं। इस दिन गणेश जी की पूजा करने का विधान है। यह व्रत करने से पूरे सालभर के चतुर्थी व्रत रखने का फल प्राप्त होता है। 

  • गणेश चतुर्थी

10 दिन तक चलने वाले गणेशोत्सव की शुरुआत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से ही होती है। इस दिन को गणेश चतुर्थी के नाम भी जाना जाता है। गणेशोत्सव को धूमधाम से पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। मान्यता है कि विघ्नहर्ता का पूजन करने से जीवन की समस्त बाधाओं का अन्त होता है तथा गणपति अपने भक्तों पर सौभाग्य, समृद्धि एवं सुखों की वर्षा करते हैं।





आज का पंचांग

आज का पंचांग यानि दैनिक पंचांग अंग्रेंजी में Daily Panchang भी कह सकते हैं। दिन की शुरुआत अच्छी हो, जो ...

और पढ़ें

भारत के श्रेष्ठ ज्योतिषाचार्यों से बात करें

अब एस्ट्रोयोगी पर वैदिक ज्योतिष, टेरो, न्यूमेरोलॉजी एवं वास्तु से जुड़ी देश भर की जानी-मानी हस्तियों से परामर्श करें।

परामर्श करें

आज का दिन

सप्ताह के प्रत्येक दिवस को वार के रूप में जाना जाता है। वार पंचांग के गठन में अगली कड़ी है। एक सूर्योदय से ...

और पढ़ें

आज का शुभ मुहूर्त

पंच मुहूर्त में शुभ मुहूर्त, या शुभ समय, वह समय अवधि जिसमें ग्रह और नक्षत्र मूल निवासी के लिए अच्छे या...

और पढ़ें

आज का नक्षत्र

पंचांग में नक्षत्र का विशेष स्थान है। वैदिक ज्योतिष में किसी भी शुभ कार्य को करने से पूर्व नक्षत्रों को देखा जाता है।...

और पढ़ें

आज का चौघड़िया

चौघड़िया वैदिक पंचांग का एक रूप है। यदि कभी किसी कार्य के लिए शुभ मुहूर्त नहीं निकल पा रहा हो या कार्य को ...

और पढ़ें

आज का राहु काल

राहुकाल भारतीय वैदिक पंचांग में एक विशिष्ट अवधि है जो दैनिक आधार पर होती है। यह समय किसी भी विशेष...

और पढ़ें

आज का शुभ होरा

वैदिक ज्योतिष दिन के प्रत्येक घंटे को होरा के रूप में परिभाषित करता है। पाश्चात्य घड़ी की तरह ही, हिंदू वैदिक ...

और पढ़ें

आज का शुभ योग

पंचांग की रचना में योग का महात्वपूर्ण स्थान है। पंचांग योग ज्योतिषाचार्यों को सही तिथि व समय की गणना करने में...

और पढ़ें

आज के करण

वैदिक ज्योतिष के अनुसार व्रत, पर्व को निर्धारित करने में पंचांग और मुहूर्त का महत्वपूर्ण स्थान है। इनके बिना, हिंदू ...

और पढ़ें

पर्व और त्यौहार

त्यौहार हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं, त्यौहारों में हमारी संस्कृति की महकती है। त्यौहार जीवन का उल्लास हैं त्यौहार...

और पढ़ें

राशि

वैदिक ज्योतिष में राशि का विशेष स्थान है ही साथ ही हमारे जीवन में भी राशि महत्वपूर्ण स्थान रखती है। ज्योतिष...

और पढ़ें