1 जनवरी की मध्यरात्रि 12:00 बजे, पूरी दुनिया उत्साह और उमंग के साथ नए साल का स्वागत करती है। यह पर्व हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने, नये संकल्प लेने और आगे बढ़ने का अवसर है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह पर्व कब से और क्यों 1 जनवरी को मनाया जाता है? इसकी शुरुआत कैसे हुई, और क्या यह सिर्फ एक तिथि है या इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है?
नव वर्ष का उत्सव प्राचीन काल से मनाया जा रहा है, जब बेबीलोनियन सभ्यता में इसका आरंभ हुआ था। 1 जनवरी को नववर्ष मनाने की परंपरा की नींव रोमनों द्वारा रखी गई थी, जब उन्होंने इस दिन को भगवान जानुस के सम्मान में समर्पित किया, जो नए आरंभ और द्वार के देवता माने जाते थे। 1582 में ग्रेगोरियन कैलेंडर के अस्तित्व में आने के बाद से, पूरे विश्व में यह दिन नववर्ष के रूप में मनाया जाता है।
आइये, जानते हैं कि नव वर्ष 2025 का क्या महत्व है, क्या खास होगा इस बार, और इस दिन को खास बनाने के लिए आप किन परंपराओं और सुझावों को अपना सकते हैं
हज़ारों साल पहले प्राचीन बेबीलोन में नव वर्ष की शुरुआत हुई थी। उस समय यह उत्सव 21 मार्च को मनाया जाता था, जो वसंत के आगमन का दिन था। यह हिन्दू नववर्ष के समान था और इसे ग्यारह दिन तक मनाया जाता था। इस पर्व की शुरुआत वसंत ऋतु के पहले दिन से होती थी, जिससे सितंबर सातवां, अक्टूबर आठवां, नवम्बर नौवां और दिसंबर दसवां महीना माना जाता था। यह गणना रोमन कैलेंडर के अनुसार की जाती थी, जो सातवीं शताब्दी ई.पू. से शुरू हुआ और चंद्रमा के चक्र पर आधारित था।
रोमन कैलेंडर प्रारंभ में 1 मार्च से शुरू होता था और उसमें एक साल में 304 दिन और कुल 10 महीने होते थे। इन महीनों के नाम मर्सिअस, एप्रिलिस, मैयास, जूनियस, क़ुइन्तिलिस, सेक्सटिलिस, सेप्टेम्बर, ओक्टोबर, नोवेम्बर, और डिसेम्बर थे।
सन 1570 के आसपास पोप ग्रेगरी XIII ने क्रिस्टोफर क्लेवियस को नया कैलेंडर बनाने का कार्य सौंपा। इसके परिणामस्वरूप 1582 में ग्रेगोरियन कैलेंडर अस्तित्व में आया। तभी से पूरी दुनिया में नव वर्ष का उत्सव 1 जनवरी को मनाया जाने लगा।
विश्व के विभिन्न हिस्सों में नए साल के आगमन का स्वागत खास तरीके से किया जाता है। अमेरिका में यह उत्सव विशेष रूप से मशहूर 'बॉल ड्रॉपिंग' कार्यक्रम के लिए जाना जाता है। यह कार्यक्रम न्यूयॉर्क शहर के टाइम्स स्क्वायर में न्यू ईयर’स ईव की मध्यरात्रि को होता है।
पहले लोग डाउनटाउन मैनहट्टन के ट्रिनिटी चर्च के घंटे की आवाज सुनने के लिए आधी रात को जुटते थे। 1904 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने जन मानस को आकर्षित करने के लिए न्यूयॉर्क टाइम्स की बिल्डिंग पर जोरदार आतिशबाज़ी की। लेकिन इससे सड़कों पर गरम राख और पटाखों के टुकड़े गिरने लगे, जिससे प्रदूषण और कचरे की समस्या हुई।
इस समस्या का समाधान निकालने के लिए न्यूयॉर्क टाइम्स के मालिक एडोल्फ ऑक्स ने अपने चीफ इलेक्ट्रिशियन वॉल्टर पाल्मर से एक नया तरीका खोजने के लिए कहा। पाल्मर ने आर्टक्राफ्ट स्ट्रॉस साइन कंपनी को लगभग 318 किलो वजनी लोहे और लकड़ी से बने 25 वाट के 100 बल्बों से सुसज्जित बॉल बनाने का आदेश दिया। इस बॉल को पहली बार 1908 में इलेक्ट्रिसिटी के साथ उपयोग किया गया और तब से यह परंपरा चल रही है।
नववर्ष का समय होता है एक नए आरंभ का, जब हम अपने पुराने अनुभवों को पीछे छोड़कर नई राहों पर चलने की सोचते हैं। इस नए साल में हम सभी अपने जीवन को खुशियों, सफलता, और समृद्धि से भरने की कामना करते हैं। हम सभी के लिए यह अवसर होता है, नए सपने देखने और उन्हें पूरा करने का।
हम आपके लिए लाए हैं कुछ खास "हैप्पी न्यू ईयर" संदेश, जिन्हें आप अपने प्रियजनों को भेज सकते हैं और उनके जीवन में नई उम्मीद और खुशियाँ भर सकते हैं।
नववर्ष के 10 शुभकामनाएं सन्देश!
नया साल आपके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ और सफलता लेकर आए। खुश रहें और हमेशा मुस्कराते रहें। हैप्पी न्यू ईयर!
नए साल की नई सुबह आपके जीवन को खुशियों से भर दे। हर दिन को नई उम्मीद और उत्साह से शुरू करें। हैप्पी न्यू ईयर!
नए साल में आपके सारे सपने सच हों और आपके जीवन में प्यार, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद हो। शुभ नववर्ष!
नया साल आपके जीवन को नई दिशा दे और आपकी सभी मनोकामनाएँ पूरी हों। हैप्पी न्यू ईयर!
इस नए साल में भगवान से दुआ है कि आपकी जिंदगी खुशहाल हो और हर दिन आपके लिए सफलता और समृद्धि लेकर आए। हैप्पी न्यू ईयर!
नए साल की खुशी आपके चेहरे पर हो, नई उम्मीदों का आकाश हो और हर दिन नए अवसरों से भरा हो। शुभ नववर्ष!
नया साल आपके जीवन में नयी ऊर्जा और सकारात्मकता लाए, आपकी सारी परेशानियाँ दूर हो और हर पल खुशी से भरा हो। हैप्पी न्यू ईयर!
इस नए साल में भगवान से मेरी यही दुआ है कि आप हमेशा खुश रहें, स्वस्थ रहें और सफलता के नए आयाम छुएं। शुभ नववर्ष!
नव वर्ष का हर एक दिन आपके लिए नई उमंग, नया जोश और ढेर सारी खुशियाँ लेकर आए। हैप्पी न्यू ईयर!
इस नए साल में हर दिन आपके लिए नए अवसरों और अच्छे समय का संदेश लेकर आए। भगवान आपका साथ दे। शुभ नववर्ष!
ग्रेगोरियन कैलेंडर का अनुसरण पूरी दुनिया में होता है, लेकिन विभिन्न देशों में अपनी-अपनी संस्कृति के अनुसार नव वर्ष मनाने की परंपरा है। भारत में विभिन्न धर्मों और संप्रदायों के अलग-अलग कैलेंडर हैं, जिससे इनके नव वर्ष की तिथियां भी अलग होती हैं।
हिंदू नववर्ष चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है, जो कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च-अप्रैल में पड़ता है। पाश्चात्य नव वर्ष, ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक, हर साल 1 जनवरी को मनाया जाता है
नव वर्ष का यह पर्व हर व्यक्ति के लिए नए अवसर, खुशी और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक होता है। यह हमें याद दिलाता है कि हर साल एक नई शुरुआत का मौका लाता है, जिसे हमें पूरी तरह से अपनाना चाहिए।
दिनाँक | Saturday, 18 January 2025 |
तिथि | कृष्ण पंचमी |
वार | शनिवार |
पक्ष | कृष्ण पक्ष |
सूर्योदय | 7:15:2 |
सूर्यास्त | 17:49:9 |
चन्द्रोदय | 22:3:28 |
नक्षत्र | पूर्व फाल्गुनी |
नक्षत्र समाप्ति समय | 14 : 53 : 12 |
योग | शोभन |
योग समाप्ति समय | 25 : 16 : 1 |
करण I | कौलव |
सूर्यराशि | मकर |
चन्द्रराशि | सिंह |
राहुकाल | 09:53:33 to 11:12:49 |